पंजाब विश्वविद्यालय में भी हरियाणा को चाहिए अपना हक

18 July, 2018, 2:31 pm

हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिख कर चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय मेंहरियाणाकी साझीदारी को बहाल कराने की गुजारिश की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसके लिए हरियाणा इस विश्वविद्यालय को पंजाब के बराबर अनुदान राशि देने को भी तैयार है। उन्होंने मांग की है कि पड़ोसी जिलों के कालेजों को इस विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाए और हरियाणा के युवाओं को इसमें बराबर का हक दिलाया जाए। बताया गया है कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट भी इस बारे में हरियाणा को निर्देश दे चुका है कि वह पंजाब विश्वविद्यालय में राज्य के हकों की बहाली के प्रयास करे। मुख्यमंत्री खट्टर ने गृहमंत्रीको जो चिट्ठी लिखी है उसमें पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों का उल्लेख करते हुए अदालती निर्देशों की पालन करवाने की मांग की गई है। उन्होंने लिखा है कि गृह मंत्रालय अधिसूचना जारी करके हरियाणा के उन जिलों के कालेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध करवाए जो चंडीगढ़ के पड़ोस में हैं। साथ ही, संबद्ध किए जाने वाले कॉलेजों में दाखिले के लिए हरियाणा की मौजूदा आरक्षण नीति और विश्वविद्यालय कैंपस में चल रहे कोर्सों में केंद्र की आरक्षण नीति को लागू करवाया जाए। इसके अलावा पंजाब विश्वविद्यालय इन कॉलेजों में हरियाणा को अपनी फीस संरचना लागू करने की अनुमति भी दे। उन्होंने पत्र में कहा है कि हरियाणा सरकार पंजाब विश्वविद्यालय को उतनी अनुदान राशि भी देने को तैयार है जितनी पंजाब सरकार उसे देती है। उन्होंने पहले की तरह पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का प्रतिनिधित्व सीनेट, सिंडीकेट, वित्त बोर्ड में बहाल करवाने और आरक्षण के मुताबिक बराबर की भागीदारी देने की मांग की है। मुख्यमंत्री खट्टर ने यह भी कहा है कि पिछले कुछ सालों में चंडीगढ़ का विस्तार ट्राईसिटी यानी तिहरे शहर के तौर पर हो रहा है। हरियाणा से बड़ी संख्या में छात्र पंजाब विश्वविद्यालय कैंपस में विभिन्न एडवांस और प्रोफेशनल कोर्सों में दाखिला लेने के लिए आते हैं। ऐसे में हरियाणा को उसका हक वापस मिलना चाहिए। इसका हरियाणा के छात्रों को इसका लाभ मिलेगा।