छह महीनें में ऐसा क्या हुआ कि मुनाफे वाला बैंक घाटे में चला गया - कांग्रेस

नई दिल्ली, 27 सिंतबर।Punjab and Maharashtra Cooperative Bank पंजाब और महाराष्ट को-आपरेटिव बैक यानी पीएमसी पर रिजर्व बैक द्वारा लगाई गई कुछ पाबंदियों को हटाया जाना चाहिए । कांग्रेस के प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने मांग की हैं कि बैक के सभी डॉयरेक्टरों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए । इससे पहले कि वो विदेश भाग जाए । खाताधारकों को विशेष और आपातकालीन परिस्थितयों में पैसा निकालने की छुट मिलनी चाहिए । हाउसिंग सोसायटी को भी पैसा निकालने की छुट मिले ।
पत्रकारों से बात करते हुए प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि वित्तीय संस्थानों की स्थिति लगातार बिगड़ती जारी रही हैं । पीएमसी बैक की स्थिति का असर दूसरे बैंकों पर भी बढ़ना तय हैं ।
आपको बता दे कि रिजर्व बैंक ने पंजाब और महाराष्ट को-आपरेटिव बैक यानी पीएमसी को अपनी निगरानी में ले रखा है ं। बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं । इसकी जानकारी बैंक ने अपने खाताधारकों को 24 सिंतबर को दी थी ।
पीएमसी की स्थापना साल 1984 में मुंबई के सियान इलाके में हुई थी । अब इस बैंक की देश के छह राज्यों में 137 शाखाएं है । मार्च 2019 के अंत तक बैंक में 11.617 करोड़ रूपए जमा थे । और बैक ने 8383 करोड़ रूपए कर्ज के रूप में दिए थे । महाराष्ट के अलावा बैंक की शाखाएं दिल्ली, गोवा , कर्नाटक , गुजरात , आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश में हैं ।