पंजाब सरकार रोजग़ार देने के लिए गाँवों में अति गरीब नौजवानों की पहचान करने की कोशिशों को और तेज़ करेगी: कैप्टन अमरिन्दर सिंह

5 October, 2019, 10:54 pm

चमकौर साहिब, 5 अक्तूबर:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपनी सरकार की अहम और महत्वपूर्ण स्कीम ‘घर घर रोजग़ार और कारोबार मिशन ’ को ओर बढ़ावा देते हुए शनिवार को ऐलान किया कि बेरुजग़ारों को नौकरी देने के लिए गाँवों में रहते अति गरीबों की पहचान करने की कोशिशों को और तेज़ करेगी और सरकार द्वारा सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की ग्रुप सी की नौकरियों के इम्तिहानों के लिए उम्मीदवारों को तैयार करने के लिए मुफ़्त कोचिंग दी जायेगी।

उन्होंने कहा कि ‘10 बेरोजग़ार प्रति गाँव’ प्रयास के अंतर्गत हर गाँव में 10 अति गरीबों की पहचान करके उनको रोजग़ार दिया जायेगा। उन्होंने आगे बताया कि अब तक 1,34,104 बेरोजग़ार नौजवानों की पहचान की गई है जिनमें से 32,420 को प्राईवेट क्षेत्र में नौकरी मिली और 12,114 का सफलतापूर्वक कौशल प्रशिक्षण के लिए चयन हुआ।

मुख्यमंत्री आज यहाँ धार्मिक और ऐतिहासिक शहर चमकौर साहिब में राज्य में लगाए गए पाँचवें रोजग़ार मेलों के समापन के मौके पर नौकरियाँ /स्व -रोजग़ार /कौशल प्रशिक्षण के लिए चुने गए 1,16,556 नौजवानों में से कुछ चुनिंदे नौजवानों को नियुक्ति पत्र देने आए थे। इस मौके पर उन्होंने सफल हुए विद्यार्थियों के साथ बातचीत भी की जिनमें से अधिकतर को इन रोजग़ार मेलों के दौरान 20,000 रुपए प्रति माह का पैकेज मिला है।

रोजग़ार मेलों को नौजवानों के रौशन भविष्य के लिए बड़ा मील का पत्थर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से ऐसे नौजवानों को 10,000 रुपए प्रति माह पर नौकरी मिली है जिन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। इस तरह विद्या छोडऩे वाले नौजवानों को बेरोजग़ारी के चक्कर में से बाहर निकालने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने खुद अपना समय याद करते हुए बताया कि उन्होंने सेना में केवल 325 रुपए के वेतन पर अपनी नौकरी की शुरुआत की थी और साथ 50 रुपए समुद्र तल से और ज्यादा ऊँचाई (हाई ऐल्टीच्यूड) पर काम करने का अतिरिक्त भत्ता मिलता था।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रोजग़ार मेलों की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि अगस्त-सितम्बर 2017 से शुरू हुई इस मुहिम के अंतर्गत अब तक 10.70 लाख प्लेसमेंट/भर्ती/स्व-रोजग़ार का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। प्राईवेट क्षेत्र जो सरकार की निवेश और उद्योग समर्थकी नीतियों स्वरूप उत्साह से भरा हुआ है, ने 3.75 लाख उम्मीदवारों को भर्ती किया है जबकि 40,000 को सरकार द्वारा खाली पोस्टों अधीन भर्ती किया गया है। बाकियों को स्वरोजग़ार के काबिल बनाया गया।

मुख्यमंत्री ने रोजग़ार मेलों की बढ़ती विकास दर पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि पहले मेले में 5 प्रतिशत से लेकर पाचवें मेले तक 56 प्रतिशत सफलता मिली है जोकि उम्मीदवारों और अच्छे कौशल की खोज कर रही कंपनियों के बढ़ते उत्साह का निष्कर्ष है।

मुफ़्त कोचिंग स्कीम बारे बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मुख्य मकसद सार्वजनिक क्षेत्र में रोजग़ार को बढ़ाना है। सरकार की तरफ से इस प्रोग्राम अधीन 30 विद्यार्थियों के बैच को दो महीनों के लिए मुफ़्त कोचिंग देने के लिए 2 लाख रुपए प्रति बैच ख़र्च किये जा रहे हैं। अभी यह प्रोग्राम पायलट प्रोजैक्ट के अंतर्गत पटियाला, मोहाली, जालंधर, संगरूर और लुधियाना में शुरू किया गया है। सरकार द्वारा आने वाले समय में ऐसे कोचिंग सैंटर हर जिले में शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस सम्बन्धी टैंडर पहले ही जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की यह स्कीम योग्य उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियाँ हासिल करने के लिए अहम रोल निभाएगी।

अपने स्वागती भाषण में तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री को ‘घर घर रोजग़ार स्कीम ’ का वादा पूरा करने के लिए मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि रोजग़ार मेले 72 स्थानों पर लगाए गए जहाँ बहुत उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व में सरकार द्वारा पाँच लाख के करीब नौजवानों को स्वरोजग़ार के उद्यमों के लिए कजऱ्े मुहैया करवाए गए जिससे इन नौजवानों की किस्मत ही बदल गई।

शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बोलते हुए कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व मेें राज्य में विकास और प्रगति की नयी लहर चल रही है। उन्होंने कहा कि अकेले चमकौर साहिब हलके में 112 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्य चल रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि दिसंबर महीने करवाया जा रहा ‘पंजाब इनवैस्टर्ज़ समिट’ राज्य में आर्थिक, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास की गति को और तेज़ करेगा।