बीजेपी-जेजीपी सरकार के सामने नई चुनौती

30 October, 2019, 10:31 am

नई दिल्ली,मनोहर लाल ने  हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर अपनी दूसरी पारी शुरू कर दी हैं । लेकिन इस बार सरकार चलाने के लिए मुख्यमंत्री को अपनी नजर और नजारा बदलना पड़ा हैं ।  बीजेपी को जेजीपी का साथ लेना पड़ा हैं । सत्ता को चलाने के लिए बीजेपी और जेजीपी में आपसी सहमति बनाना एक चुनौती हैं । दोनों ही दलों ने चुनाव के समय अपने-अपने घोषणा पत्र तय करके चुनाव लड़े थे । बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में 200 से ज्यादा वायदे किये , वहीं जेजीपी ने जनता के सामने 160 वायदे किये है । सोशल मीडिया पर तो दुष्यंत चौटाला और उसकी पार्टी के खिलाफ बीजेपी को समर्थन देने के लिए एक अभियान चल रहा हैं । जिसमें दुष्यंत चौटाला को जनता के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लग रहा हैं । लेकिन दोनो ही दल आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कॉमन मिनिमम प्रोगाम की तरफ बढ़ रहे हैं । 

मुख्यमंत्री ने अपने साथ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को ही शपथ दिलाई बाकी मंत्रियों को नही क्योंकि मंत्रिमंडल में प्रदेश में बदले राजनीतिक हालात के चलते सभी जातियों और क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देना एक चुनौती हैं । 

समय की चर्चा ने ये बीजेपी के वरिष्ट नेता अनिल विज के सामने सवाल रखा कि बीजेपी तो देशभर में कांग्रेस मुक्त भारत करने का दावा कर रही थी । लेकिन उसको तो क्षेत्रीय दल के साथ अब सरकार चलानी होगी ?

उनका कहना है कि बीजेपी को जनता ने जो जनादेश दिया है उसके लिए जेजीपी को साथ में लाना जरूरी हैं । लेकिन देवीलाल के समय से दोनों दलों ने सरकार को चलाया हैं । साफ हैं  बीजेपी को इस बार मजबूती से नही मजबूरी से सरकार चलानी होगी । प्रदेश की चौपालों पर

  कॉमन मिनिमम प्रोगाम सबसे ज्यादा उत्सुकता का विषय बना हुआ हैं । हर किसी की दिलचस्पी इस बात में में हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल कैसे गठबंधन की सरकार को आगे बढ़ाएंगे । हांलाकि दोनों दलों ने सरकार को कॉमन मिनिमम प्रोगाम के तहत चलाने के लिए एक कमेठी के गठन पर सहमति दे दी हैं । किसान और युवाओं को रोजगार जैसे ज्वलंत मुद्दों को हल करना मनोहर सरकार के लिए बड़ी चुनौती हैं । चुनाव प्रचार में खट्टर जेजीपी के घोषणा पत्र को विपक्ष का बड़बोलापन बता चुके हैं । किसानों और दुकानदारों की कर्जमाफी और बेरोजगार युवाओं को 11000 रूपए का भत्ता देने का जेजीपी का वादा कैसे सरकार पूरी करेगी?  उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि जेजीपी की प्राथमिकताओं में नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 पर्सेट आरक्षण , बुढ़ापा पेंशन 5100 रूपए महीना करना हैं । दिलचस्प है कि बीजेपी ने बुढ़ापा पेंशन 3000 रूपए प्रति माह देने का वादा अपने संकल्प पत्र में किया हैं । ये बड़ा सवाल हैं । सरकार को इन वादों को याद दिलाने के लिए विपक्ष तैयार बैठा हैं । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्रसिंह हुड्डा अपनी पार्टी में मजबूत हुए हैं । 

कांग्रेस ने मनोहर सरकार पर वोट किसी का, सपोर्ट किसी का कहकर हमला बोला हैं । भूपेन्द्र सिंह हुड्डा तो बीजेपी और जेजीपी को बेमेल गठबंधन करार दे रहे हैं । बीजेपी के कई दिग्गज भी जेजीपी के हाथों मिली चुनावी शिकस्त को भूल नही पा रहे हैं । जिसमें बीजेपी के कैप्टन अभिमन्यु की हार नारनौद सीट से हार प्रमुख हैं । टोहाना से जेजीपी के देवेन्द्र बबली ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को हराया ।

बीजेपी भले ही  हरियाणा में सरकार बनाने से आत्मविश्वास में दिख रही हो लेकिन अंदरूनी तौर पर बीजेपी में ये सवाल कौंध रहा हैं कि विपक्षहीन राज्य में भी पार्टी सामान्य बहुमत नही जुटा पाई हैं । हिसार से बीजेपी सांसद बिजेन्द्र सिंह मानते हैं कि लोकसभा चुनावों में जात-पात के नाम पर वोटर बंटा हुआ नही था । लेकिन विधानसभा के चुनाव में मतदाताओं में जाति के नाम पर बिखराव हुआ हैं । यही सबसे बड़ी चुनौती हैं । गौरतलब है कि जाट वोर्टस में बीजेपी के खिलाफ धुर्वीकरण हुआ हैं । मनोहर लाल खट्टर को बीजेपी ने गैर जाट नेता के रूप में स्थापित किया था , अपने कामकाज से वो ये संदेश देते भी रहे है लेकिन खट्टर  इलाकाई मतदाताओं की नब्ज को भांप नही पाए हैं ।