सियासत के नाम पर चलता लोकतंत्र
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जहां एक तरफ करूणानिधि के देहांत के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है और देश आज करुणानिधि की उपलब्धियों का शोर मचा रहा है, तो वही जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी मुठभेड़ में देश के लिए जान देने वाले शहीदों की शाहदत पर देश का मीडिया और सियासत शांत है। करुणानिधि के नाम पर लोग मर रहे है। लेकिन जो लोग देश के लिए शहीद हुए है उनके नाम पर जैसे सभी ने चुपी साध ली है।
सियासत और मीडिया इस चीज़ को दिखाने में लगे है की डीएमके नेता एम करुणानिधि के साथ तमिलनाडु की राजनीति का आज दूसरा युग समाप्त हो गया। वहीं एक ओर देश की रक्षा करने वाले जवान शहीद हो जाने के बाद भी किसी भी व्यक्ति का ध्यान इस मुद्दे पर नहीं जा रहा और ना ही कोई भी इस मुद्दे पर ध्यान करवाना चाहता है। वहीं एक तरफ अपनी जान पर खेलकर हमारी रक्षा करने वाले शहीदों को आज कोई नहीं पूछ रहा।
एक मेजर और तीन जवान पाकिस्तानी आंतकियो से मुठभेड़ में लड़ते लड़ते शहीद हो गए है। मुठभेड़ में सेना ने 2 आतंकियों को भी मौत के घाट उतारा और आंतकियो को करारा जवाब दिया। सोमवार रात को ही पाकिस्तान ने गोलीबारी शुरू कर दी थी। जिस दौरान आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, पाकिस्तान की सेना ने सीजफायर का उल्लंघन किया। पाकिस्तानी सेना इस दौरान मोर्टार भी दाग रही थी।
ये 2003 के समझौते के पास पहली बार है जब पाकिस्तान ने इस इलाके में इस प्रकार मोर्टार दागे हैं और भारत की सेना ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया गया है। पाकिस्तान की ओर से ये फायरिंग आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए की जा रही है। पाकिस्तान की कोशिश है कि एक तरफ वह भारतीय सेना का ध्यान गोलीबारी कर भटकाए ताकि आतंकी हिंदुस्तान में घुसपैठ कर पाए ।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से इस साल भी कई दफा सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। अभी मई महीने में ही पाकिस्तान ने कई दिनों तक लगातार सीजफायर तोड़ा था। जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने खुद अपील कर इसे रोकनी की बात कही थी।
यहां तक की हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति आदि सभी करुणानिधि को श्रंद्धाजलि देने में व्यस्त है। किसी का भी देश के जवानो की तरफ कोई ध्यान नहीं गया। इनके लिए मरियना बिच में श्रंद्धाजली के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट तक मामला चला गया। मरियना बिच में श्रंद्धाजली के लिए हाई कोर्ट की रोक हटवाने के लिए बहुत ज्यादा भीड़ इकठा हुई। जिससे मरियना बिच में श्रंद्धाजली के लिए इजाजत मिल गई। देश के जवानो की तरफ किसी भी सियासी व्यक्ति का ध्यान नहीं गया। यहां तक की हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी का भी जो देशभक्ति के नारे लगाते है।
जो देश की सरहदों पर रहकर सभी की सुरक्षा करते है। वास्तव में उनकी सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है, जो उनका मुद्दा तक नहीं उठना चाहते। यह हमारे सियासी राज ने साबित कर दिया है।