करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले पीले कार्ड धारक श्रद्धालुओं की फीस शिरोमणि कमेटी भरे-मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 13 नवम्बर:करतारपुर गलियारे के द्वारा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाली संगतों की संख्या कम होने की रिपोर्टों के मद्देनजऱ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आर्थिक तौर पर समर्थ धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को कम-से-कम पीले कार्डधारकों की प्रति यात्री 20 डॉलर की फीस अपने खज़ानें से भरने के लिए कहा क्योंकि यह लोग अपनी जेब से खर्चा नहीं उठा सकते।
श्रद्धालुओं में पाई जा रही दुविधा की रिपोर्टों के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को करतारपुर गलियारे के द्वारा जाने वाली संगत के लिए पासपोर्ट की शर्त ख़त्म करने की अपील करते हुए कहा कि पासपोर्ट की बजाय शिनाख्त के लिए आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि दस्तावेज़ों को सबूत के तौर पर स्वीकृत किया जाये। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक दस्तावेज़ों की विधि को अपनाया जा सकता है क्योंकि किसी भी तरह पासपोर्ट पर वीज़े की मोहर की ज़रूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गलियारा पार करके ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की कम संख्या का मतलब यह नहीं है कि लोगों में रूचि नहीं है बल्कि पासपोर्ट और 20 डॉलर की फीस की दो शर्तें इसका कारण बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर लाखों श्रद्धालु गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों की इच्छा रखते हैं परन्तु इन रुकावटों के कारण उनको वापस जाना पड़ता है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि गलियारा खुलने से पहले चाहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ट्वीट किया था कि गलियारे के द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं होगी परन्तु यह फ़ैसला औपचारिक तौर पर नहीं था। उन्होंने इमरान ख़ान के साथ-साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि गलियारे के द्वारा जाने वालों के लिए पासपोर्ट की शर्त सम्बन्धी किये एम.ओ.यू. में संशोधन करके इस समस्या को सुलझाया जाये। उन्होंने कहा कि यदि श्रद्धालु करतारपुर गलियारा पार करके दर्शनों की इच्छा पूरी न कर सके तो दोनों सरकारों के साझे यत्नों द्वारा हकीकत में आए इस विलक्षण प्रयास का मंतव्य अधूरा रह जायेगा।
श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा बड़े खर्च करके विभिन्न प्रोग्राम करवाए जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सिद्ध होता है कि इस धार्मिक संस्था के पास धन की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि अपने अहंकार को शांत करने और इस धार्मिक मौके को राजनैतिक नुक्ते के तौर पर उभारने के लिए धन का प्रदर्शन करने की बजाय उनकी तरफ से करतारपुर साहिब के दर्शनों की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं ख़ास कर पीले कार्ड धारकों की 20-20 डॉलर की फीस भरनी चाहिए थी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और उसके राजनैतिक आका शिरोमणि अकाली दल ख़ास कर बादल परिवार भाईचारे के लिए धन के रूप में कुछ योगदान क्यों नहीं डाल सकते।’’ उन्होंने कहा कि सिख के रक्षक होने के बड़े -बड़े दावे करने वाले अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल शिरोमणि कमेटी जो उनके कंट्रोल अधीन है, को कम- से -कम यह तो कह सकते हैं कि करतारपुर गलियारे के द्वारा गुरुद्वारा साहिब के दर्शन की इच्छा रखने वाले गरीब श्रद्धालु की सहायता की जाये क्योंकि यदि ऐसा न किया गया तो इन श्रद्धालुओं के सपने कभी भी हकीकत नहीं बन सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख भाईचारे की धार्मिक संस्था होने के नाते शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की यह जि़म्मेदारी बनती है कि न सिफऱ् सिखों बल्कि महान गुरू साहिब जी के समूह श्रद्धालुओं द्वारा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने की रखी बहु-प्रतिक्षित ख्वाहिश को पूरा करना यकीनी बनाया जाये। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रमुख समागम के लिए अलग स्टेज लगाने पर बड़ी रकम ख़र्च करना से यह सिद्ध करता है कि यह संस्था श्रद्धालुओं की फीस का बोझ भी वहन कर सकती है।