साबत-सूरत खिलाडिय़ों के लिए पहला सिख फ़ुटबॉल कप अब 30 जनवरी से

चंडीगढ़ 21 नवंबर:खालसा फ़ुटबॉल क्लब द्वारा ग्लोबल सिख स्पोर्टस फेडरेशन के सहयोग से पंजाब और चंडीगढ़ में 23 नवंबर से 7 दिसंबर तक होने वाला ‘सिख फ़ुटबाल कप’ अब 30 जनवरी से 8 फरवरी तक पंजाब और चंडीगढ़ के अलग -अलग खेल स्टेडियमों में होगा।
आज यहाँ यह जानकारी देते हुए खालसा फ़ुटबॉल क्लब (ख़ालसा एफसी) के प्रधान हरजीत सिंह गरेवाल, स्टेट ऐवार्डी ने बताया कि साबत-सूरत खिलाडिय़ों के लिए करवाया जा रहा यह फ़ुटबॉल टूर्नामैंट पहले 23 नवंबर से 7 दिसंबर तक आयोजित किया जाना था परन्तु इन दिनों में होने वाले अलग-अलग टूरनामैंटों और अन्य न टाले जा सकने वाली व्यस्तताओं को देखते हुए अब यह पहला सिख फ़ुटबाल कप 30 जनवरी से शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि पंजाब फ़ुटबॉल एसोसिएशन के साथ रजिस्टर्ड खालसा एफसी द्वारा फीफा के नियमों के अंतर्गत नॉक-आऊट विधि के आधार पर होने वाले इस अंतर-जि़ला टूर्नामैंट में 14 साल से 21 साल तक की उम्र के साबत-सूरत खिलाड़ी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि इस सिख फ़ुटबॉल कप में खेलने वाली चंडीगढ़ समेत पंजाब के सभी जि़लों की केसाधारी टीमों को खेल किट्टें, जर्सी और ट्रैक सूट दिए जाएंगे। विजेता टीम को 5 लाख रुपए और उप-विजेता को 3 लाख रुपए के नकद पुरस्कार के अलावा दोनों टीमों के प्रशिक्षकों को क्रमवार 51,000 और 31,000 रुपए के नगद इनाम के साथ सम्मानित किया जायेगा।
फ़ुटबॉल प्रमोटर गरेवाल ने बताया कि खालसा एफसी द्वारा नवंबर के दौरान पंजाब के सभी 22 जि़लों समेत चंडीगढ़ की साबत-सूरत टीम के लिए चयन ट्रायल मुकम्मल हो चुके हैं जिनमें भाग लेने वाले खिलाडिय़ों का जोश और उत्साह उम्मीद से कहीं ज़्यादा था। उन्होंने खुलासा किया कि चंडीगढ़ और पंजाब के 23 अलग-अलग फ़ुटबॉल स्टेडियमों में सिख फ़ुटबाल कप के लिए करवाए टीमों के चयन ट्रायलों के मौके पर 2200 से अधिक साबत-सूरत फुटबॉलरों ने हिस्सा लिया।
खालसा एफसी के प्रधान गरेवाल ने यह भी बताया कि पंजाब के अलग-अलग स्टेडियमों में होने वाले सभी फ़ुटबाल मैचों के दौरान सिख जंगजू कला गत्तके की प्रदर्शनी भी होगी। गरेवाल ने भविष्य की योजनाओं बारे कहा कि खालसा एफसी की टीम भारत की प्रमुख टीमों और फ़ुटबॉल लीग समेत अलग-अलग देशों में फ़ुटबॉल क्लबों के साथ मैच खेला करेगी।
उन्होंने कहा कि अपनी किस्म का यह विलक्षण केसाधारी टूर्नामैंट विश्व भर में जहाँ पंजाबी संस्कृति को प्रफुल्लित करेगा वहीं सिख पहचान को और मशहूर करेगा जिससे विदेशों में सिखों पर गलत पहचान स्वरूप होने वाले नसलीय हमले रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह टूर्नामैंट नौजवानों को नशों से दूर करने और नौजवानों की ताकत को खेल गतिविधियों की तरफ मोडऩे में सहायता करेगा जिससे खिलाड़ी फ़ुटबॉल खेल को पेशे के तौर पर अपनाकर अपना भविष्य उज्जवल बना सकेंगे।