शून्य काल को और उपयोगी और प्रभावशाली बनाने की ज़रूरत-अजायब सिंह भट्टी

19 December, 2019, 10:46 pm

चंडीगढ़, 19 दिसम्बर:पंजाब विधान सभा के डिप्टी स्पीकर स. अजायब सिंह भट्टी ने देहरादून (उत्तराखंड) में कराई गई भारत की वैधानिक संस्थाओं के प्रीज़ाईडिंग अफसरों की 77वीं कॉन्फ्ऱेंस में पंजाब की नुमायंदगी की। 

इस दो-दिवसीय कॉन्फ्ऱेंस के दौरान ‘पार्लीमानी लोकतंत्र को मज़बूत करने और शून्य काल समेत सदन की अंदरूनी कार्यविधी के द्वारा सामथ्र्य बढ़ाने संबंधी विषय पर विचार-विमर्श के दौरान डिप्टी स्पीकर ने कहा कि कानूनसाज़ों की पार्लीमानी लोकतंत्र को मज़बूत करने में अहम भूमिका होती है। लोकतंत्र में लोगों के नुमायंदों की नये कानून बनाने, बजट मंज़ूर करने और देश के नागरिकों के बड़े हितों में फ़ैसले लेने में बड़ी भूमिका होती है। 

उन्होंने कहा कि लोगों के चुने हुए नुमायंदे अपने हलके, राज्य और देश के लोगों के साथ जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए प्रश्न काल और ध्यान देने योग्य संकल्पों का प्रयोग करते हैं। इनमें से शून्य काल लोगों के मसलों पर प्रकाश डालने वाला बेहद अहम समय होता है, जो लोगों के महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने में सहायक होता है। स. भट्टी ने सुझाव दिया कि इस सम्बन्धी कुछ दिशा-निर्देश और नियम तैयार किये जाने चाहिएं जिससे शून्य काल में समय और ऊर्जा को बचाया जा सके और लोगों से सम्बन्धित मामलों का तुरंत और गंभीरता के साथ मुल्यांकन किया जा सके। शून्य काल के दौरान सिफऱ् सार्वजनिक हितों के बेहद अहम मसलों को ही उठाने की आज्ञा दी जानी चाहिए जिससे इस समय को और उपयोगी, प्रभावशाली और लाभकारी बनाया जा सके।

डिप्टी स्पीकर ने कहा कि लोकतंत्र में राजसी पार्टियों की विचारधाराओं में बड़े अंतर होते हैं, जिनका सम्मान किया जाना चाहिए। कानूनसाज़ों के विचारों और नज़रिए के बीच की विभिन्नता और इस विभिन्नता को प्रकट करने की आज़ादी ही लोकतंत्र की असली भावना है, जिसको हर हाल में बरकरार रखा जाना चाहिए।

इस कॉन्फ्ऱेंस में लोक सभा के स्पीकर श्री ओम बिरला, उत्तराखंड के राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मोरिया, मुख्य मंत्री श्री त्रिवेंदर सिंह रावत के अलावा देश की तकरीबन सभी विधान सभाओं के प्रीज़ाईडिंग अधिकारियों द्वारा शिरकत की गई।

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