बाल दिवस पर देश भर में विद्यार्थियों को चार साहिबजादों का इतिहास पढ़ाया जाये-सिरसा

नई दिल्ली, 23 दिसंबरः दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने केन्द्र सरकार को अपील की है कि बाल दिवस पर देश भर के स्कूलों में विद्यार्थियों को गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के चार साहिबज़ादों के बारे में इतिहासा पढ़ाया जाये क्योंकि साहिबज़ादों की शहादत जैसी मिसाल दुनिया में और कहीं नहीं है।
यहां गुरुद्वारा दमदमा साहिब में बड़े साहिबज़दों के शहीदी दिवस को समर्पित समागम को संबोधित करते हुए श्री सिरसा ने कहा कि देश भर में बच्चों के लिए यह जानना जरूरी है कि गुरु गोंिबंद सिंह जी के चार साहिबज़ादे कितने साहसी, हौंसला रखने वाले व शहादत से डरने वाले नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए सरकार को पंजाबी के अलावा हिंदी, तमिल, मराठी, तेलगु, मलयालम सहित देश की सारी भाषाआंे में साहिबज़ादों की शहादत का इतिहास छापना चाहिए और यह बाल दिवस पर विशेष तौर पर पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल दिवस छोटे साहिबज़दों के शहीदी दिवस वाले दिन मनाया जाना चाहिए।
श्री सिरसा ने कहा कि सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि सारी दुनिया को साहिबज़ादों की शहादत का इतिहास बताने के लिए भारत सरकार को संयुक्त राष्ट्र से भी राबता कायम कर सारी दुनिया की भाषाओं में यह इतिहास छपवा कर विद्यार्थियों को पढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि इस अद्वितीय शहादत जैसी और कोई मिसाल सारी दुनिया में ना इससे पहले कभी हुई है और ना ही बाद में ऐसी कोई मिसाल मिलती है।
उन्होंने कहा कि इस देश की हस्ती व अस्तित्व गुरु तेग बहादुर साहिब जी की कुरबानी की बदौलत है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब, गुरु गोबिंद सिंह साहिब, चार साहिबज़ादे व माता गुजरी की कुरबानी के कारण ही आज का भारत है व भारत की जिम्मेवारी बनती है कि चार साहिबज़ादों की अद्वितिय शहादत की जानकारी सारी दुनिया को दी जाये। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी इसके लिए कई तरह के प्रयास कर रही है।
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया भर में ऐसे शहादत के दिवस मनाये जाते हैं। उन्होंने इस मौके पर खुलासा किया कि गुजरात में भी साहिबज़ादों की शहादत का दिवस मनाया जाता है केवल सिखों द्वारा ही नहीं बल्कि गैर सिखों द्वारा यह कह कर दिवस मनाया जाता है कि हम सिखों के कर्जदार हैं। उन्होंने कहा कि पोष माह के इस ठंड भरे महीने में लोग साहिबज़ादों व माता गुजरी जी को श्रद्धा व आदर भेंट करने के लिए चारपाई पर नहीं सोते।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली कमेटी ने लोगों को साहिबज़ादों के इतिहास से परिचित करवाने के लिए जहां डिजीटल मीडिया में अलग-अलग गुरुधामों के नाम पर फेसबुक और यू.टयूब पर पेज शुरु किये हैं, वहीं इन पर पंजाबी के साथ-साथ हिंदी की भी छोटी-छोटी वीडियो पोस्ट कर लोगों को चार साहिबज़ादों की शहादत के इतिहास से परिचित करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कुछ व्यकित किसी व्यक्ति का विरोध करने के चक्कर में पंथक संस्थाओं का ही विरोध करने पर उतर आये हैं और वह साहिबज़ादों की शहादत व गुरु नानक देव जी के बारे में किय जा रहे कार्यक्रमों के बारे में भी हर तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं।
इस मौके पर वरिष्ठ अकाल नेता जथेदार कुलदीप सिंह भोगल, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पूर्व वाईस चांसलर डा. जसपाल सिंह द्वारा भी संगतों को संबोधित किया गया। इस दौरान समागम में दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अनेक सदस्य व भारी संख्या में संगतों ने पहुंचकर हाजरी भरी।