विधायकों की सलाहकारों के तौर पर नियुक्ति सम्बन्धी बिल राज्यपाल ने वापस नहीं मोड़ा -पंजाब सरकार का प्रवक्ता

25 December, 2019, 11:00 pm

चंडीगढ़, 25 दिसम्बर:पंजाब सरकार ने आज राज्यपाल के द्वारा ‘द पंजाब स्टेट लैजिसलेचर (प्रीवेन्शन ऑफ डिस्कुआलीफीकेशन) संशोधन बिल -2019 वापस भेजने की रिपोर्टों से इन्कार किया है। 

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इसके विपरीत मीडिया के एक हिस्से में आईं रिपोर्टें पूरी तरह गलत और बेबुनियाद हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने राज्य सरकार से बिल में कुछ स्पष्टीकरण माँगे हैं जो छह विधायकों को मुख्यमंत्री के सलाहकार के तौर पर नियुक्त करने के मामले में हितों के टकराव से सम्बन्धित हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया है और इस संबंधी अपेक्षित जवाब जल्द ही सौंप दिया जायेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि बीते नवंबर महीने में राज्य की विधान सभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान यह बिल पास करने के बाद राज्यपाल को उनकी मंजूरी के लिए भेज दिया था। राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनौर ने बिल के विभिन्न उपबंधों और सम्बन्धित मामलों में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था।

प्रवक्ता ने बताया कि सम्बन्धित मंत्री /कार्यालयों को राज्यपाल द्वारा उठाए गए मामलों को स्पष्ट करने की हिदायत की गई जिससे इस संबंधी जल्द से जल्द उपयुक्त जवाब सौंपा जा सके जिससे इस बिल के हितों के टकराव के उपबंधों के अंतर्गत आती श्रेणी से बाहर रखने के लिए रास्ता साफ हो सके।

राज्य सरकार ने इस साल सितम्बर महीने में चार विधायकों फरीदकोट से कुशलदीप सिंह ढिल्लों, गिद्दड़बाहा से अमरिन्दर सिंह राजा वडि़ंग, उड़मुड़ से संगत सिंह गिलजीयां और अमृतसर दक्षिणी से इन्दरबीर सिंह बुलारिया को सलाहकार (राजनैतिक) जबकि फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा को सलाहकार (योजना) कैबिनेट रैंक के रुतबे में नियुक्त किया था। इसी तरह अटारी से विधायक तरसेम सिंह डी.सी. को सलाहकार (योजना) राज्य मंत्री के रैंक में नियुक्त किया गया था।