बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम के समय लिंगानुपात 830 होता था जो वर्तमान 2020 में बढकर 923 हो गया है

24 January, 2020, 9:41 pm

चंडीगढ़, 24 जनवरी- हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति कमलेश ढांडा ने कहा कि सभ्य समाज की नींव मजबूत करने के लिए बेटियों को शिक्षित करने के साथ उन्हें अन्य गतिविधियों में भी आगे बढाना चाहिए ताकि वे बुलन्दियों को छूकर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। 

        बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय बेटी बचाओ बेटी पढाओ वॉकथॉन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों के कल्याणार्थ अनेक योजनाएं क्रियान्वित की है। इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर हो रही है बल्कि पूर्णरूप से स्वावलम्बी होकर समाज की नींव को मजबूत करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रतिस्र्पधा के युग में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है लेकिन महिलाओं को ओर ज्यादा अवसर मिलें तो वे विश्वस्तर पर देश का परचम लहराने में अहम योगदान कर सकती है। इसलिए समाज को महिलाओं विशेषकर बेटियों को ओर ज्यादा अवसर प्रदान करने चाहिए।

महिला एंव बाल विकास मंत्री ने कहा कि  वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम के समय लिंगानुपात 830 होता था जो वर्तमान 2020 में बढकर 923 हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से महिलाओं के लिए एक ही छत के नीचे वन स्टॉप सेंटर चलाए जा रहे हैं तथा घरेलू हिंसा से पीडि़तों की मदद की जा रही है। महिलाओं के लिए 1081 हैल्पलाईन भी क्रियान्वित की जा रही है।

श्रीमति ढांडा ने कहा कि खेल एवं शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश की महिलाओं ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की है। इसके अलावा ग्राम, खण्ड, एवं जिला स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में भी महिलाएं अहम भागीदारी निभा रही है।

श्रीमति ढांडा ने इस अवसर पर वार्षिक कलेण्डर  का भी विमोचन किया। उन्होंने महिलाओं में ऋतु चक्र के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों एवं स्वच्छता को लेकर भी एक कलेण्डर जारी किया। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर, 200 मीटर ओर 400 मीटर दौड के विजेता खिलाडिय़ों को क्रमश: 5100, 2100 एवं 1100 रुपए की नकद राशि देकर सम्मानित किया। महिलाओं की दौड मे सारिका, संजना, खुशी, दीक्षा, शिखा, मोनिका, सुमी, आरती, नैंसी शामिल है।

कार्यक्रम में सुरक्षित बेटी विषय पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम से प्रभावित होकर महिला एवं बाल विकास मंत्री ने स्वंय नन्ही बालिकाओ का हौसला बढ़ाने के लिए उनके साथ फोटो सैशन किया।

महिला एंव बाल विकास विभाग के निदेशक कैप्टन मनोज कुमार ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस बालिका सप्ताह  के दौरान लगातर 30 जनवरी तक गांव, खण्ड एंव जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें। इसके दौरान महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देने के साथ साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी भी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा चलाए जा रहे वन स्टॉप सैंटर में अब तक 6 हजार से अधिक विवादों का निपटारा किया गया है। इसके अलावा 3703 बाल विवाह विवादों का निवारण किया गया है। महिलाओं एवं बालिकाओं के विकास हेतू क्रियान्वित मुख्यमंत्री सुकन्या समृद्वि योजना के तहत 79 लाख 80 हजार रुपए की राशि जमा करवाई जा चुकी है।