पाकिस्तान से आये हिंदू और सिख परिवारों को नागरिकता दी जाये- सिरसा
4 February, 2020, 7:04 pm
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Broadcast Mantra
नई दिल्ली, 4 फरवरीः दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने ग्रह मंत्री अमितशाह को अपील कर कहा है कि जो परिवार पाकिस्तान से टूरिस्ट वीज़ा पर यहां आये हैं और भारत बसना चाहते हैं उन्हें नागरिकता दी जाये।
यहां जारी किए एक बयान में श्री सिरसा ने कहा कि उन्होंने धार्मिक स्थलों के दर्शनों के लिए यहां पहुंचे 4 परिवारों को स्वंय वाघा बार्डर पर स्वागत किया। इन चार परिवारों के अलावा 21 अन्य परिवार अपनी जान को खतरे में देखते हुए भारत आये हैं। इन परिवारां की छोटी बेटियां हैं व इन्हें डर है कि जब यह 13 वर्ष की हो जायेंगी तो किसी भी वक्त इन्हें अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़कों से निकाह करवा दिया जायेगा जैसे महक कुमारी व हज़ारों अन्य लड़कियों से किया गया है।
उन्होंने कहा कि हैरानी वाली बात है कि हज़ारों मासूम लड़कियां अगवा की गईं, जबरन धर्म परिवर्तन किये गये व मुस्लिमों से निकाह करवा दिये गये, इनके बारे में आज तक कोई रिपोर्ट नहीं है। यह नहीं पता कि वह जीवित भी हैं यह मर गईं या इनमें से कितनी बच गइ्र्रं?
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक जुल्म से संबंधित कानून व अन्य कानूनों का दुरपयोग हिन्दु व सिख परिवारों के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए किया जाता है, पुलिस उन्हें बेइज्जत करती है, पुलिस व गुंडा अफसरों द्वारा उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है और अपनी जायदाद छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है जो बाद में अगवाकारों द्वारा हड़प ली जाती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में इन परिवारों की हालत दयनीय बनी हुई है जिनकी कोई सुनवाई नहीं होती क्योंकि वह उस मुल्क में अल्पसंख्यक हैं।
श्री सिरसा ने कहा कि यह सही समय है जब देश ने नागरिकता संशोधन एक्ट बनाया है जिसके माध्यम से पाकिस्तान, बांगलादेश व अफगानिस्तान से आने वाले परवासियों को नागरिकता देनी है, तो मौजूदा समय में देश में आ रहे इन परिवारों को नागरिकता दी जाये। उन्होंने कहा कि सरकार को इन नियमों में और भी सुधार करने चाहिए व समय सीमा समाप्त कर देनी चाहिए और साथ ही यह परिवार अपना भविष्य बचाने के लिए भारत आना चाहें तो इन्हें किसी भी वक्त आने व नागरिक बनने का मौका मिलना चाहिए।
श्री सिरसा ने भारत के लोगों को अपील कर कहा कि वह आगे आकर पाकिस्तान से आ रहे इन नागरिकों का स्वागत करें व इनकी मदद करें और सुझाव दिया कि इन परिवारों की आर्थिक मदद भी की जानी चाहिए क्योंकि पाकिस्तान में इन्होंने अपना सब कुछ गवा दिया है।
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने बीते समय में भी इन परिवारों की भलाई के लिए काम किया है और भविष्य में भी काम करते रहेंगे और इन परिवारों के जीवन की रक्षा के लिए जरूरी हर कदम उठायेंगे। यह अल्पसंख्यक वहां डर व दहशत में रह रहे हैं और इन्हें भारत से सुरक्षा की जरूरत है वह इन्हें नागरिकता प्रदान कर ही दी जा सकती है।
यहां जारी किए एक बयान में श्री सिरसा ने कहा कि उन्होंने धार्मिक स्थलों के दर्शनों के लिए यहां पहुंचे 4 परिवारों को स्वंय वाघा बार्डर पर स्वागत किया। इन चार परिवारों के अलावा 21 अन्य परिवार अपनी जान को खतरे में देखते हुए भारत आये हैं। इन परिवारां की छोटी बेटियां हैं व इन्हें डर है कि जब यह 13 वर्ष की हो जायेंगी तो किसी भी वक्त इन्हें अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़कों से निकाह करवा दिया जायेगा जैसे महक कुमारी व हज़ारों अन्य लड़कियों से किया गया है।
उन्होंने कहा कि हैरानी वाली बात है कि हज़ारों मासूम लड़कियां अगवा की गईं, जबरन धर्म परिवर्तन किये गये व मुस्लिमों से निकाह करवा दिये गये, इनके बारे में आज तक कोई रिपोर्ट नहीं है। यह नहीं पता कि वह जीवित भी हैं यह मर गईं या इनमें से कितनी बच गइ्र्रं?
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक जुल्म से संबंधित कानून व अन्य कानूनों का दुरपयोग हिन्दु व सिख परिवारों के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए किया जाता है, पुलिस उन्हें बेइज्जत करती है, पुलिस व गुंडा अफसरों द्वारा उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है और अपनी जायदाद छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है जो बाद में अगवाकारों द्वारा हड़प ली जाती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में इन परिवारों की हालत दयनीय बनी हुई है जिनकी कोई सुनवाई नहीं होती क्योंकि वह उस मुल्क में अल्पसंख्यक हैं।
श्री सिरसा ने कहा कि यह सही समय है जब देश ने नागरिकता संशोधन एक्ट बनाया है जिसके माध्यम से पाकिस्तान, बांगलादेश व अफगानिस्तान से आने वाले परवासियों को नागरिकता देनी है, तो मौजूदा समय में देश में आ रहे इन परिवारों को नागरिकता दी जाये। उन्होंने कहा कि सरकार को इन नियमों में और भी सुधार करने चाहिए व समय सीमा समाप्त कर देनी चाहिए और साथ ही यह परिवार अपना भविष्य बचाने के लिए भारत आना चाहें तो इन्हें किसी भी वक्त आने व नागरिक बनने का मौका मिलना चाहिए।
श्री सिरसा ने भारत के लोगों को अपील कर कहा कि वह आगे आकर पाकिस्तान से आ रहे इन नागरिकों का स्वागत करें व इनकी मदद करें और सुझाव दिया कि इन परिवारों की आर्थिक मदद भी की जानी चाहिए क्योंकि पाकिस्तान में इन्होंने अपना सब कुछ गवा दिया है।
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने बीते समय में भी इन परिवारों की भलाई के लिए काम किया है और भविष्य में भी काम करते रहेंगे और इन परिवारों के जीवन की रक्षा के लिए जरूरी हर कदम उठायेंगे। यह अल्पसंख्यक वहां डर व दहशत में रह रहे हैं और इन्हें भारत से सुरक्षा की जरूरत है वह इन्हें नागरिकता प्रदान कर ही दी जा सकती है।
