स्वराज इंडिया ने उठाए सवाल - प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पूरे पैसे क्यों नही बांटे?

4 February, 2020, 7:17 pm

नई दिल्ली,4 फरवरी।स्वराज इंडिया ने उठाए सवाल  - प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के
अंतर्गत 75000 करोड रुपए के बजट में से सिर्फ 500029 करोड़ खर्च किये गए?

संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पता चला कि केवल 8.36 करोड़ युनिक
किसानों को ही मिला है। जबकि किसान सम्मान निधि से 14.5 करोड़ किसानों को
6000 रूपये सालाना दिया जाना था

हरियाणा राज्य में 1,640,2541 किसानों को उपलब्ध आंकड़े के आधार पर अभी
सरकार को 6000 रूपये देने थे लेकिन जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके आधार
पर 1.96 लाख किसानों को यह राशि वितरित नहीं की गयी है।

सरकार ने पूरे देश में 14.5 करोड़ किसानों को देने कि बात की है, अभी तक
केवल 9.6 करोड़ किसानों की पहचान कर पायी है।

C2( स्वामीनाथन रिपोर्ट) लागत के तहत किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य
तय करने संबंधी अपना चुनावी वादा पूरा करें हरियाणा सरकार.

हरियाणा के अंदर समय-समय पर तमाम फसलों के मूल्यों एवं किसानों की
वास्तविक स्थिति को लेकर संवेदनशील स्वराज इंडिया पार्टी ने केंद्रीय बजट
में पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत विगत वर्ष की तरह निर्धारित 75000
करोड रुपए के केंद्रीय प्रावधान को किसानों के साथ मजाक करार दिया है
स्वराज इंडिया पार्टी ने स्पष्ट किया कि आज हरियाणा समेत पूरे देश का
गांव खेती एवं किसान संकट से गुजर रहा है और हरियाणा एवं केंद्र सरकार
किसानों की वास्तविक स्थिति के मद्देनजर गंभीर नहीं है स्वराज इंडिया
पार्टी ने हरियाणा सरकार को किसानों के मुद्दे पर विफल करार देते हुए कहा
कि हरियाणा सरकार की भावांतर योजना एवं केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना
का जमीनी स्तर पर किसानों को उतना लाभ नहीं मिला जितने लाभ के संबंध में
सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किए गए थे स्वराज इंडिया पार्टी के हरियाणा
अध्यक्ष राजीव गोदारा ने कहा कि सरकार ने स्वीकार किया है कि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से हरियाणा के लगभग 2 लाख और पूरे देश के
45 फ़ीसदी  किसान वंचित हैं उन्होंने हरियाणा कृषि मंत्री से भावांतर
योजना की वास्तविक और हरियाणा के अंदर किसान आत्महत्या के आंकड़े स्पष्ट
करने की मांग की है.

स्वराज इंडिया पार्टी के हरियाणा महासचिव दीपक लांबा ने कहा कि किसानों
के संदर्भ में हरियाणा सरकार की कथनी एवं करनी में अंतर है उन्होंने खरीफ
फसलों की बिक्री हेतु मंडी व्यवस्था एवं फसलों के उचित प्रबंधन के सरकारी
दावों पर सवाल उठाया स्वराज इंडिया पार्टी के किसान संगठन जय किसान
आंदोलन के प्रदेश संयोजक युद्धवीर सिंह अहलावत ने हरियाणा सरकार को
वास्तविक आईना दिखाते हुए कहा कि आज खेती-किसानी घाटे का सौदा है जिसके
लिए पिछली सरकारो के साथ-साथ वर्तमान की भाजपा सरकार भी पूर्णतया
जिम्मेवार है उन्होंने खेती-किसानी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह
दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान कि हरियाणा सरकार किसानों की स्थिति हेतु
रत्ती भर भी गंभीर नहीं है उन्होंने तमाम समस्याओं के निदान हेतु हरियाणा
सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सरकार अपने चुनावी वादे C2
स्वामीनाथन रिपोर्ट के तहत फसलों के समर्थन मूल्य तय करें और मुख्यमंत्री
स्वयं किसानों की आधारभूत समस्याओं हेतू संज्ञान लें l

गौरतलब है कि योगेंद्र यादव की अगुवाई वाली स्वराज इंडिया पार्टी हरियाणा
एवं देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार किसानों की समस्याओं के लिए आवाज
उठाती रही है और विगत वर्ष में दक्षिणी हरियाणा में बाजरे के समर्थन
मूल्य 1950 के क्रियान्वयन एवं व्यवहारिकता हेतू बड़ा आंदोलन भी किया गया
था