पंजाब में COVID-19 की बीमारी को रोकने के लिए 10 अप्रैल से ऐंटीबॉडी टेस्टिंग जांच बड़े पैमाने पर करने की तैयारी

9 April, 2020, 5:34 am

चंडीगढ़, 9 अप्रैल:

 पंजाब सरकार ने कोरोनावायरस टैस्ट करने की प्रक्रिया तेज कर दी हैं । तकरीबन ढ़ाई करोड़ रुपए की लागत से   5 RTPCR and 4 RNA extraction machines (with automation)  आर.टी.पी.सी.आर. और 4 आर.एन.ए. एक्सट्रैक्शन मशीनों (ऑटोमैटिक)  खरीदी हैं , इससे  कोविड -19 टेस्टिंग की क्षमता 10 गुना बढ़ गई हैं । राज्य इस काविड-19 की बीमारी की रोकथाम के लिए 10 अप्रैल से तेज़ी से जांच शुरू करने की तैयारी भी कर रही है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन  ने बताया कि आई.सी.एम.आर. से मंगवाई गईं 10 लाख रैपिड टेस्टिंग किटें( Rapid Testing Kits)   जल्द  मिल जाएगी इसके साथ ही खुले बाज़ार से  10,000 किटों की खरीद की जा रही हैं । हम आपको बता दे कि  हॉट-स्पॉटों में कोरोनावायरस के फैलने को रोकने के मद्देनजऱ अब आई.सी.एम.आर. ने रैपिड टेस्टिंग किटों के द्वारा ऐंटीबॉडी टेस्टिंग करने की इजाज़त दी है।

महाजन ने कहा कि नये उपकरणों के आने से पटियाला और अमृतसर में सरकारी मैडीकल कॉलेजों में वायरल रिसर्च डायगनोस्टिक लैबज़  Viral Research Diagnostic Labs (VRDL) की टेस्टिंग क्षमता  को 40 से बढ़ाकर 400 कर दिया गया है। अभी तक   इन दोनों लैबों में अब तक 1958 सैंपल जांचे जा चुके हैं।

इसके अलावा, गुरू गोबिन्द सिंह मैडीकल कॉलेज और अस्पताल फऱीदकोट को टेस्ट करने की मंजूरी लेने के लिए आगे रखा गया है। इसकी शुरुआती सामथ्र्य 40 टेस्ट प्रति दिन होगी।

राज्य की अपनी लैबोरेटरियों के अलावा, पीजीआई चंडीगढ़ द्वारा पंजाब से जांच के लिए आने वाले नमूनों के रोज़ाना तकरीबन 40 टेस्ट किये जा रहे हैं। पीजीआई द्वारा अब तक तकरीबन 650 टेस्ट किये जा चुके हैं।

राज्य सरकार ने डी.एम.सी और सी.एम.सी. लुधियाना में भी इसी तरह की टेस्टिंग सुविधाओं की आज्ञा देने के लिए भारत सरकार से तुरंत मनज़ूरियों की माँग की है। श्रीमती महाजन ने कहा कि लुधियाना के दोनों अस्पतालों के पास पहले ही ज़रुरी उपकरण उपलब्ध हैं और इन्होंने एन.ए.बी.एल. सर्टीफिकेशन के लिए अप्लाई किया है जिसके बाद आई.सी.एम.आर. से मंजूरी माँगी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा पंजाब के विभिन्न जि़लों से नमूने लिए जा रहे हैं जहाँ अब तक कोविड-19 के 106 पुष्ट मामले सामने आए हैं।