डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई , कैबिनेट ने दी मंजूरी

22 April, 2020, 6:24 pm

नई दिल्ली, 23 अप्रैल। स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई हैं अगर इस मामलें में किसी को दोषी पाया गया तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती हैं । केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एक प्रेस कॉन्फेंस करके बताया कि केन्द्र सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक अध्यादेश लेकर आई हैं । " एपिडेमिक डिजिजींज एक्ट (EDA) 1897 में संशोधन को केन्द्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी हैं । 

स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा । 50 हजार रूपए से लेकर 2 लाख तक जुर्माना भी लगाया जा सकता हैं । श्री जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर अपराध करने वाले दोषी पर 6 महीने से 7 साल तक की सजा होगी और एक लाख से लेकर 5 लाख रूपए तक जुर्माना लगाया जा सकता हैं । डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ को नुकसान करने वालों को दोगुना जुर्माना लगाया जा सकता हैं । 

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ये भी बताया कि देश में 723 कोविड हॉस्पिटल बनाए गए है, 24000 आईसीयू तैयार किए गए है,करीब 2 लाख बैड और 12190 वेंटिलेटर्स तैयार हैं और एक करोड़ 88 लाख पीपीई किट्स के आर्डर दिए हैं ,आज 77 घरेलू कंपनियां पीपीई किट्स बना रही हैं । 25 लाख एन-95 मॉस्क उपलब्ध हैं और ढाई करोड़ का आर्डर दिया जा चुका हैं । 

उन्होंने यह भी कहा हैं कि कैबिनेट ने फॉस्फेटिक फर्टिलाइजर्स की सब्सिडी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने का फैसला किया हैं । 

गृहमंत्री अमित शाह ने इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की और उनको भरोसा दिया हैं कि कार्यस्थलों पर हमारे डॉक्टरो की रक्षा और प्रतिष्ठा से समझौता बर्दाश्त नही हैं । हर समय उनके लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित किया जाएगा ।