मोदी सरकार से कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते पर रोक लगाने वाले फैसले को वापिस लेने की मांग तेज हुई

24 April, 2020, 11:17 am

नई दिल्ली, 24 अप्रैल। केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनर की डीए वृद्वि पर लगी डेढ़ साल की रोक हटाने की मांग तेज हो गई हैं । ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने एक विडियों स्टेटमेंट जारी कर कहा हैं,कि डीए को फ्रीज करने से औसतन एक रेल कर्मचारी की करीब डेढ़ महीने की सैलरी घट जाएगी । इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई भत्ते पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और उसे बहाल करना चाहिए । 

इस बारे में उन्होंने केन्द्रीय सेक्रेटरी पर्सनेल ( कार्मिक सचिव) चंद्रमौली से बात की है और कैबिनेट सचिव को डीए फ्रीज करने के फैसले को वापिस लेने के लिए एक पत्र लिखा हैं । 

कोरोना से लड़ाई में वित्तीय इंतजाम के लिए सरकार ने पहली जनवरी ,2020 से 30 जून,2021 तक केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते( डीए) और पेंशनर्स की मंहगाई राहत( डीआर) की बढ़ोतरी पर रोक लगा दी हैं । इस दौरान कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाले डीए में बढ़ोतरी नही होगी । उन्हें एरियर का भी भुगतान नही किया जाएगा । पिछले महीने मार्च में सरकार ने इस साल जनवरी से केंन्द्रीय कर्मचारियों के लिए (DA) और पेंशनर्स के (DR) में 4 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी । इस घोषणा के बाद डीए की दर 17 फीसदी से बढ़कर 21 फीसदी हो गई थी । 

केन्द्र सरकार के ताजा फैसले के अनुसार जनवरी से होने वाली बढ़ोतरी का भुगतान कर्मचारियों व पेंशनर्स को नही किया जाएगा । इस फैसले से 1.13 करोड़ केन्द्रीय कर्माचारी और पेंशनर्स प्रभावित होगे । वित्त मंत्रालय के अनुसार ,डीए बढ़ोतरी पर रोक के इस फैसले से सरकार को 37,530 करोड़ रूपए की बचत होगी