India Positive कोरोना के कठिन समय में पंजाब के किसानों ने रिकॉर्ड तोड़ 85.28 लाख मीट्रिक टन मंडियों में भेजा

3 May, 2020, 3:26 pm

चंडीगढ़, 3 मईःकोरोनावायरस की महामारी के कारण राज्य में कर्फ्यू की बंदिशों के के बावजूद अब तक मंडियों में पहुँचे गेहूँ की 98 प्रतिशत खरीद की जा चुकी है।पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विसवाजीत खन्ना ने ये जानकारी दी । राज्य भर की मंडियों में अब तक 86.90 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की आमद हुई है जिसमें से 85.28 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह भी संतोषजनक बात है कि राज्य ने गेहूँ की खरीद 15 अप्रैल से शुरू होने के 18 दिनों के समय में कुल अनुमानित 135 लाख मीट्रिक टन में से 65 प्रतिशत खरीद मुकम्मल कर ली है। उन्होंने बताया कि अब तक सभी जिलों में से संगरूर जिले में सबसे अधिक 8.16 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की आमद हुई है जो राज्य में अब तक पहुँचे कुल गेहूँ का लगभग 10 प्रतिशत बनता है, जिसमें से 8.05 लाख मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा भी जा चुका है। इसके बाद पटियाला और बठिंडा में क्रमवार 6.87 लाख मीट्रिक टन और 6.80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की आमद हुई है।

श्री खन्ना ने बताया कि राज्य भर की मंडियों में गेहूँ की पड़ाववार आमद के चलते बीते साल के मुकाबले इस साल कोविड-19 के मद्देनजर गेहूँ की आमद बेशक थोड़ी कम है परन्तु स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए गेहूँ की आमद की गति को पास प्रणाली के द्वारा जारी रखा गया है ताकि निर्विघ्न खरीद के साथ-साथ रबी के मंडीकरण सीजन के दौरान सभी पक्षों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने खुलासा किया कि मंडी बोर्ड और मार्केट समितियों द्वारा अब तक किसानों को आढ़तियों के द्वारा 11.17 लाख पास जारी किये जा चुके हैं।

गेहूँ की खरीद के लिए किसानों द्वारा दिए जा रहे सहयोग के लिए उनका धन्यवाद करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि इस सीजन के दौरान सबसे बड़ी चुनौती मंडियों में भीड़-भाड़ को रोकना था जिस कारण किसानों को मंडियों में पड़ाववार फसल लाने की अपील की गई थी।
श्री खन्ना ने बताया कि कोविड-19 संबंधी राज्य सरकार के स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को यकीनी बनाने के लिए मंडी बोर्ड ने खरीद केन्द्रों की संख्या 1834 से बढ़ाकर इस साल लगभग 4000 तक कर दी थी और यहाँ तक कि शैलरों को भी इस बार खरीद केंद्र मनोनीत किया गया है जिससे किसानों को फसल बेचने में किसी किस्म की परेशानी का सामना न करना पड़े।