शराब बनी सिरदर्द, ठेकों पर भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज

नई दिल्ली, 4 मई । शराब के शौकीन लोगों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग जैसी सारी लक्ष्मण रेखाओं को तोड़ डाला हैं । शराब खरीदने वालों की शराब ठेकों के आगे 500-500 लोगों की लंबी कतारे लग गई । दिल्ली के करोलबाग,कृष्णानगर, चन्द्रनगर ,नरेला, गीता कॉलोनी और पूर्वी दिल्ली के इलाकों में भीड़ को देखते हुए शराब की दुकानें बंद कर दी गई । कई स्थानों पर पुलिस को भीड़ पर नियत्रंण करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा ।
गृहमंत्रालय (MHA) ने दिल्ली में तकरीबन 150 शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी । दिल्ली में शराब की 850 दुकाने हैं । आबकारी विभाग ने अधिकारियों से एल-7 लाइसेंस प्राप्त निजी दुकानों की पहचान करने को कहा हैं जो गृहमंत्रालय के निर्देशों को पूरा करती हैं ।
देश के विभिन्न राज्यों में शराब की दुकानों को खोले जाने का कैट ने किया विरोध
लॉक डाउन के आज से शुरू हुए तीस चरण में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा शराब की दुकानों को खोले जाने को वर्तमान गंभीर परिस्थितियों में बेहद निंदनीय बताते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा की इससे जहाँ लॉक डाउन का मूल उद्देश्य ही ध्वस्त हो जाएगा वहीँ दूसरी ओर दिल्ली सहित देश के व्यापारियों के साथ बेहद अन्याय होगा जिन्हे कोरोना को फैलने के डर से देश भर में में बंद करने का आदेश दे दिया गया है जिसका व्यापारी अक्षरश : पालन कर रहे हैं !
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने विभिन्न राज्य सरकारों के शराब की दुकानों को खोले जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की सरकारों का यह निर्णय उनके मानसिक दिवालियेपन और राजस्व प्राप्त करने के स्वार्थ का जीता जागता सबूत है और इस निर्णय से सरकारों ने नागरिकों के स्वास्थय के साथ खिलवाड़ किया है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है