#Aatma Nirbhar Bharat पीएम मोदी ने बताएं ये पांच मजबूत स्तंभ आत्मनिर्भर भारत के लिए

12 May, 2020, 11:17 pm

नई दिल्ली, 12 मई । #CORONAVIRUS PANDEMIC प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हैं कि कोरोना वायरस की महामारी का मुकाबला करते हुए दुनिया को चार महीने बीत गए हैं । इस बीमारी से दुनिया के सभी देशों के 42 लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हैं । जबकि तकरीबन पौने तीन लाख लोगों की मौत हो चुकी हैं । पीएम मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने की इच्छा शक्ति का भी खास उल्लेख किया ।

उन्होंने कहा कि हमे कोरोना वायरस के वैश्विक संकट को विस्तार से देखने का मौका मिला हैं, इससे जो स्थितियां बन रही हैं हम उसे देख रहे हैं और उसका मुकाबला भी कर रहे हैं । प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में यह आम बात हैं कि 21 वीं सदी भारत की हैं . यह सपना ही नही, हम सबकी जिम्मेदारी भी हैं । विश्व की स्थिति हमे ये बताती हैं कि इसका समाधान हैं -"आत्मनिर्भर भारत" (Self -reliant India)

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर की भव्य इमारत के पांच पिलर पर टिकी हुई हैं  जिसमें इकोनॉमी, ( Economy With Potential For Quantum Jump) इंफ्रास्ट्रक्चर ( Infrastructure) सिस्टम, डेमाग्राफी और डिमांड पर उन्होंने कहा कि 130 करोड़ लोगों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प हैं । प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम संपन्न थे जो सदा विश्व कल्याण की राह पर चले , समय बदला देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ गया, आज फिर कदम बढ़ा रहे हैं । हम बेहतर करेंगे,कर सकते हैं और जरूर करेंगे । 

पीएम मोदी ने कहा कि मैने कच्छ भूकंप के दिन देखे हैं.हर तरफ मलबा बिखरा हुआ था , सब कुछ ध्वस्त हो गया .ऐसा लगा मानो कच्छ मौत की चादर ओढ़ चुका हैं लेकिन कच्छ खड़ा हुआ यही हैं हम भारतीयों की संकल्प शक्ति कोई टारगेट असंभव नही, कोई राह मुश्किल नही ,आज तो चाह भी हैं, राह भी हैं भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ।

जब कोरोना संकट शुरू हुआ तो भारत में एक भी पीपीई किट नही बनती थी, एन-95 मॉस्क का नाम मात्र का उत्पादन होता था । लेकिन अब स्थिति बदल गई हैं । हम आपदा को अवसर में बदलना जानते हैं । यह बात हमारे लिए आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रभावी सिद्व हुई हैं । पीएम मोदी ने कहा कि इस महामारी के कारण भारत के परिवारों ने भी स्वजन खोए हैं, मैं सभी के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं । साथियों एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया । पूरी दुनिया जिंदगी बचाने में जुटी हैं । हमने ऐसा संकट पहले न सुना और न देखा था । निश्चित रूप से यह कल्पनीय संकट हैं ।