फसल विविधिकरण की योजना किसानों के फायदे में : जेपी दलाल

13 May, 2020, 12:07 am

चंडीगढ़, 12 मई- हरियाणा सरकार की   जल संरक्षण के लिए शुरू की गई   योजना" मेरा पानी ,मेरी विरासत से हरियाणा के डार्क जोन में  भूजल का स्तर बेहतर होगा । इस योजना पर कांग्रेस के आरोप निराधार हैं , ये बाते चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में कृषि मंत्री जे.पी.दलाल ने कही ।

कृषि मंत्री ने कांग्रेस नेताओं के  बयान पर जवाब देते हुए कहा कि उनकी इस प्रकार की बयानबाजी केवल उनके राजनीतिक अपरिपक्वता और संदिग्ध मंशा का परिचय देती हैं। उनके इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार द्वारा जन हित में किए जा रहे कार्यों की प्रगति उन्हें रास नहीं आ रही है, इसीलिए वे जनता को गुमराह करने के लिए ऐसी मनगढ़ंत बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज जो किसान हितैषी होने का ढ़ोंग कर रही है, उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान किसानों के हित में ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई गई।

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने प्रदेश के किसानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा के बहादुर किसानों ने कोरोना के इस संकट के समय में बहुत सारी दिक्कतें होने के बावजूद देश व प्रदेश के खाद्यान भण्डार भरने का काम किया है। सारा देश किसानों का ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है और सदैव किसानों के हित में कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।

 कृषि मंत्री बताया कि सरकार ने एक लाख हेक्टेयर में धान के स्थान पर मक्का / कपास / बाजरा / दलहन की फसल की खेती करने के लिए नई फसल विविधिकरण योजना ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत  धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों को उगाकर विविधीकरण करने की एवज में किसानों को 7000 रुपये  प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके तहत 8 खंडों जिनमें, फतेहाबाद जिले का रतिया, कैथल जिले का सिवान और गुहला, कुरुक्षेत्र जिले के पिपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा जिले का सिरसा खण्ड शामिल है, को चिहिन्त किया गया है, जहां भू-जल स्तर 40 मीटर से ज्यादा नीचे है।

          उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इन 8 खण्डों में धान का कुल क्षेत्र 2 लाख 6 हजार हेक्टेयर था, इस बार 50 प्रतिशत क्षेत्र अर्थात 1 लाख 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की खेती होगी।

          उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा उच्च उत्पादकता वाले मक्का हाइब्रिड बीज की कंपनियां सूचीबद्ध की जाएंगी और किसान उनसे बीज खरीद सकेंगे। कृषि मंत्री ने बताया कि केवल उन कंपनियों को ही अनुमति दी जाएगी, जिनके बीजों की उत्पादन क्षमता प्रति एकड़ में 25 क्विवंटल से अधिक होगी। इसके लिए कंपनियों द्वारा हर खण्ड में डेमोस्ट्रेशन फार्म तैयार किए जाएंगे

          इन खण्डों के अलावा अन्य खण्डों के किसान भी इस फसल विविधीकरण योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे, यदि वे अपने धान के क्षेत्र पर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करते हैं। ऐसे किसानों को आवेदन करना होगा और विविधकरण करने के लिए पिछले वर्ष के दौरान धान की खेती के बारे में राजस्व रिकॉर्ड का विवरण प्रस्तुत करना होगा, इस शर्त के साथ कि वे किसी भी नए क्षेत्र जहाँ पहले धान नहीं उगाया जाता था, में धान नहीं उगाएंगे।

          उन्होंने बताया कि लक्षित 1 लाख हेक्टेयर भूमि में 10,000 हेक्टेयर बागवानी की फसलों की खेती के लिए आरक्षित रखा गया है। बागवानी को बढ़ावा देने के  लिए बागवानी फसलों के बीजों पर सब्सिडी दी जाएगी।

  उन्होंने बताया कि राज्य में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए कुल लागत का 85 प्रतिशत अनुदान सभी वर्ग के किसानों को वर्ष 2019 से दिया जा रहा है। 2019-20 तक 1.08 लाख हेक्टेयर को सूक्ष्म सिंचाई के तहत कवर किया गया है जो 2014-15 से पहले 66,808 हेक्टेयर था। प्रेस वार्ता के दौरान कृषि मंत्री ने वर्तमान सरकार द्वारा चलाई जा रही बागवानी, फसल खरीद, भू-जल में सुधार करने जैसी अन्य योजनाओं की भी विस्तृत जानकारी दी।