धान की खेती रोकने के मुद्दे पर हरियाणा के किसानों का हल्ला बोल

नई दिल्ली, 26 मई । हरियाणा में किसानों ने नई धान नीति के खिलाफ हल्ला बोल दिया हैं । धान की खेती को हतोत्साहित करने के लिए " मेरा पानी मेरी विरासत योजना " शुरू की गई हैं । राज्य के दस जिलों में धान की खेती पर पांबदी लगा दी हैं । इस योजना के तहत चयनित किए गए इलाकों में रतिया ब्लॉक के कई काम आते हैं तेजी से गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए सरकार द्वारा लाई गई योजना मेरा पानी मेरी विरासत अब सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है ।
इस योजना के खिलाफ किसान लगातार मुखर हो रहे हैं । फतेहाबाद जिले में किसानों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और सरकार के नाम पर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा । हजारों ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर जिले के किसान लघु सचिवालय पहुंचे , और सरकार के निर्णय के विरुद्ध प्रदर्शन किया। किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉलीओं को लेकर अपना विरोध जता रहे थे । ट्रैक्टर ट्रॉलियों की संख्या अधिक होने के कारण रतिया फतेहाबाद रोड पर लंबा जाम लगा रहा ।
कांग्रेस ने भी नई धान नीति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं । कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के साथ लगातार दो दिन हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपना विरोध जताया । मनोहर सरकार में शामिल जननायक जनता पार्टी के विधायकों ने इस नीति में बदलाव करने की मांग रखी । सरकार का कहना हैं कि धान की प्रति एकड़ फसल में तीन से पांच हजार लीटर प्रति एकड़ पानी की खपत होती हैं । इससे भूजल का स्तर नीचे जा रहा हैं । जिन क्षेत्रों में धान की खेती की वजह से भूजल 20 मीटर से 40 मीटर तक चला गया हैं , वहां पट्टे पर लेकर खेती करने किसानों के लिए धान की खेती पर रोक रहेगी ।
हरियाणा सरकार ने पहले ये रोक सात जिलों की पंचायती जमीन को पट्टे पर लेकर खेती करने वाले किसानों पर लगाई थी लेकिन 6 मई को नये आदेश के तहत इसका दायरा तीन और जिलों में बढ़ा दिया हैं ।