#Migrant Workers प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक 15 दिनों में पहुचांए राज्य सरकारे : Supreme Court
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नई दिल्ली, 5 जून 2020। कोरोना वायरस की महामारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों को उनके स्थानों पर भेजने के लिए 15 दिन का समय दिया है । प्रवासी मजदूरों के मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि हम इस संबंध में कुछ निर्देश जारी करेंगे । सभी राज्य सरकारों को परिवहन के लिए 15 दिन का समय देंगे ।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से रिकॉर्ड पर बताने के लिए कहा हैं कि मजदूरों को कैसे रोजगार देगे? और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे । कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि मजदूरों का पंजीकरण होना चाहिए । इस मामले में केंद्र की ओर से पेश होते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों को उनके राज्य तक पहुंचाने के लिए 4,270 श्रमिक ट्रेनें चलाई गई हैं ।
इसमें से उत्तरप्रदेश ने 1625 ट्रेने ली है , केंद्र सरकार ने कोर्ट को ये भी बताया कि अधिकतर ट्रेनें उत्तर प्रदेश या बिहार में समाप्त हो रही हैं हम राज्यों के संपर्क में हैं केंद्र सरकार ने कहा कि केवल राज्य सरकार ही इस अदालत को बता सकती हैं कितने प्रवासियों कभी स्थानांतरित किया जाना है और कितनी ट्रेनों को फिर से चलाया जाएगा ।
सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि मुख्य सचिवों को पत्र भेजा गया है, पत्र के माध्यम से पूछा गया हैं कि कितने श्रमिकों को अभी भी स्थानांतरित किया जाना है और इसके लिए कितनी ट्रेनें चाहिए । जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आपके चार्ट के अनुसार महाराष्ट्र में केवल एक ट्रेन के लिए कहा है तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि " हां " इस पर बेंच ने कहा क्या हम इसका मतलब यह निकालना चाहिए कि कोई अन्य व्यक्ति महाराष्ट्र नहीं जाएगा जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हमें यही बताया है ।
राज्य सरकार द्वारा अनुरोध करने पर 24 घंटे के भीतर रेलगाड़िया मुहैया कराई जा रही है इस पर कोर्ट ने कहा कि हम सभी राज्यों को अपनी मांग रेलवे को सौंपने के लिए कहेंगे दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि 2 लाख प्रवासी अभी भी यहां है लेकिन उनमें से ज्यादातर वापस नहीं जाना चाहते यूपी सरकार ने कहा कि १०४ विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया गया है । और एक लाख से अधिक पर वासियों को भारत के विभिन्न हिस्सों से लाया गया है