एमएसएमई उद्योगों के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जा रहा है।
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लखनऊ 16 जून 2020, भारतीय जनता पार्टी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वर्चुअल संवाद के अनवरत क्रम में आज खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग व वस्त्र उद्योग मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बुनकरों, खादी उद्योग, फैशन, एक जिला एक उत्पाद योजना व खाद्य प्रसंकरण से जुडे़ लोगों से संवाद किया। वहीं पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री नीलकंठ तिवारी ने संस्कृति कर्मियों से संवाद किया। जबकि वरिष्ठ नागरिकों से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, सांसद श्री रमापतिराम त्रिपाठी ने जुड़कर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के साथ जन-जन की समृद्धि से राष्ट्र की समृद्धि के मंत्र को साझा किया।
प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यमों से संवाद करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के द्वारा सरकार ने छोटे उद्योगों (एमएसएमई) के लिए बहुत बड़ी राहत दी है। एमएसएमई उद्योगों के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जा रहा है। इस पर किसी तरह की कोई गारंटी नहीं ली जाएगी। मध्यम, सूक्ष्म, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और घरेलू उद्योग हमोर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इन क्षेत्रों की एमएसएमई को एक से तीन करोड़ रुपये कोलेट्रल फ्री ऑटोमैटिक लोन दिया जाएगा।
वस्त्र उद्योग मंत्री ने कहा कि, राज्य के पावरलूम के बुनकरों की बिजली की समस्या को दूर करने के लिए उन्हें 5 किलोवाट के सोलर पैनल पर 75 प्रतिशत अनुदान, हथकरघा के बुनकरों को कम्प्यूटर से डिजाइन तैयार करने के लिए प्रशिक्षण तथा भेड़ के ऊन की समुचित प्रोसेसिंग के लिए एक करोड़ की लागत वाले प्लांट भी लगवाए जा रहे हैं, जिसमें से 90 लाख रुपये अनुदान है। उन्होंने कहा कि बुनकरों के उत्पादों को सही बाजार मूल्य दिलवाने के लिए अमेजन व फ्लिपकार्ट की आनलाइन मार्केटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। हथकरघा बुनकरों और कारीगरों के लिए संचालित प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और महात्मा गांधी बुनकर योजना से भी लाभ उठाया जा सकता है।
श्री सिंह ने बताया कि सरकार की नीति सबका साथ, सबका विकास है और सरकार इसी पर काम कर रही है। उसमें न कोई जाति है, न कोई धर्म। आपके पास जो हुनर है, वह यहीं तक ना रह जाए। प्रदेश सरकार को चिंता है कि इसे आगे और उच्च स्तर पर ले जाया जाए। इस हुनर में शामिल लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए भी प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। क्वॉलिटी उत्पाद यूपी में तैयार हो सके, इसके लिए यूपी के हर जिले में कॉमन फैसिलिटी सेंटर खोल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार एक जिला एक उत्पाद योजना पर काम कर रही है। हम प्रोडक्ट के डिजाइन आदि के लिए मेंटोर प्रोग्राम आरंभ कर रहे हैं जो आपको सही सलाह देंगे। इससे लघु ,सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा जो कि, आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक और बढता कदम है।
डा. रमापति राम त्रिपाठी ---
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद डा. रमापति राम ़ित्रपाठी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वरिष्ठ नागरिकों के साथ संवाद करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के आरंभ होते ही गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने देश के 3 करोड़ बुजुर्गों की चिंता करते हुए उनके खातों में तीन महीने के लिए धनराशि देने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने देशभर में बुजुर्गों के लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के विस्तार को 31 मार्च 2023 तक के लिए मंजूरी दी। यह वृद्धावस्था आय सुरक्षा और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की योजना है। मोदी सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ सीधे लाभार्थियों के खाते में सहायता राशि पहुंचाई, जिससे महिलाओं के जनधन खातों में, किसानों की सम्मान निधि, वृद्ध, विधवा, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिकों, श्रमिकों को लाॅकडाउन काल में सहायता राशि उनके खातों में पहुंची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की परिकल्पना तभी साकार होगी जब देश हर वर्ग आत्मनिर्भर होगा।
श्री नीलकंठ तिवारी ---
प्रदेश सरकार के मंत्री नीलकंठ तिवारी ने भाजपा द्वारा आयोजित संस्कृति कर्मियों के वर्चुअल सामाजिक सम्मेलन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत के द्वारा प्रधानमंत्री ने देश के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का तानाबाना बुन दिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने कोविड 19 आपदा से संघर्ष करते हुए इससे हो रही क्षति को रोकने, आर्थिक सुस्ती और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को गति देकर पटरी पर सरपट दौड़ाने, के लिए सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान निकालने के साथ अपनी वैश्विक भूमिका पर दिन-रात काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लोकल के लिए वोकल बनने का आह्वान किया है। जो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में परम वैभवशाली भारत निर्माण को पूर्ण करेगा।
श्री तिवारी ने कहा कि आज विश्व में आत्मनिर्भर शब्द के मायने बदल गए हैं, वैश्विकता के दौर में आत्मनिर्भरता की परिभाषा बदल गई है। अर्थकेंद्रित वैश्वीकरण बनाम मानव केंद्रित वैश्वीकरण की चर्चा जोरों पर है। विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है। जो संस्कृति जय जगत में विश्वास रखती हो, जो जीव मात्र का कल्याण चाहती हो, जो पूरे विश्व को परिवार मानती हो, जो अपनी आस्था में माता भूमिः पुत्रोहम् पृथिव्यः की सोच रखती हो, जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि आज हम ही नहीं पूरा विश्व संकट में है। एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सब कुछ अकल्पनीय है, ये संकट अभूतपूर्व है लेकिन भारत ने लोकल से वोकल बनकर इसका मार्ग तलाश लिया है। भारत फिर से इस संकट से बाहर निकल कर उठ खडा होगा, आत्मनिर्भर बनेगा।
भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है। जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है। टीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबर वॉर्मिंग के खिलाफ भारत की सौगात है। इंटरनेशनल योग दिवस की पहल, मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है। जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है - कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।