मंत्रीमंडल द्वारा सूक्ष्म, लघु और दर्मियाने उद्योगों की स्थापना में तेज़ी लाने के लिए पंजाब राइट टू बिजऩस रूल्ज, 2020 को मंज़ूरी
चंडीगढ़, 22 जून:सूक्ष्म, लघु और दर्मियाने उद्योगों (एमएसएमईज) पर रेगुलेटरी बोझ को कम करने के लिए मंत्रीमंडल ने सोमवार को पंजाब राइट टू बिजऩस एक्ट, 2020 की शर्त विधान के अंतर्गत पंजाब बिजऩस रूल्ज, 2020 को मंज़ूरी दे दी है जिससे राज्य में एम.एस.एम.ईज़ की स्थापना में तेज़ी लाने के लिए रास्ता साफ हो गया है।
काबिलेगौर है कि पंजाब राइट टू बिजनस एक्ट, 2020 के शर्त विधान के अंतर्गत बनाऐ गए पंजाब राइट टू बिजनस रूल्ज, 2020 को पंजाब विधान सभा की तरफ से 17 जनवरी, 2020 को मंजूरी देने के बाद 6 फरवरी, 2020 को नोटीफायी किया गया था।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग में नयी एमएसएमयी इकाईयाँ स्थापित करने सम्बन्धी मंज़ूरियां /प्रवानगियों की प्रक्रिया को आसान बनाने के मद्देनजऱ नियमों के नोटिफिकेशन को मंज़ूरी दे दी गई है।
बिल्डिंग प्लान, कम्पलीटिशन सर्टिफिकेट, ट्रेड लायसेंस की रजिस्ट्रेशन, लैंड यूज चेंज, फायर डिपार्टमैंट से एनओसी, फैक्ट्री बिल्डिंग प्लान की मंज़ूरी (जोखिम प्रक्रिया वाले उद्योगों को छोड़ कर) और दुकान या संस्था की रजिस्ट्रेशन से सम्बन्धित मंज़ूरी /प्रवानगियां नये नियमों के अंतर्गत डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व वाली जि़ला स्तरीय नोडल एजेंसी द्वारा दी जाएंगी।
मंज़ूरशुदा औद्योगिक पार्क में स्थापित की जा रही इकाईयों के लिए सैद्धांतिक मंजूरी सम्बन्धी सर्टिफिकेट आवेदक के द्वारा स्वै-घोषणा जमा करवाने के बाद तीन दिनों के अंदर जारी किया जायेगा। औद्योगिक पार्क के बाहर के क्षेत्रों के लिए सैद्धांतिक मंजूरी सम्बन्धी सर्टिफिकेट 15 दिनों के अंदर जारी किया जायेगा। उक्त सर्टिफिकेट साढ़े तीन सालों के समय के लिए वैलिड होगा और सम्बन्धित इकाई नियमित प्रवानगियों के लिए तीन साल के समय से पहले इनवैस्ट पंजाब बिजऩस फस्ट पोर्टल पर सैद्धांतिक मंजूरी सम्बन्धी सर्टिफिकेट जारी होने की तारीख़ से लागू करेगी।
राज्य सरकार की तरफ से कारोबार करने को आसान बनाने और विकास को बढ़ावा देने पर रोजग़ार पैदा करने के लिए रचनात्मक माहौल सृजन करने को दी गई महत्ता पर ज़ोर देते हुये प्रवक्ता ने कहा कि यह नियम एमएसएमईज को अपनी बिल्डिंग के निर्माण और व्यापारिक उत्पादन को जल्द शुरू करने में सहायता करेंगे।
मंत्रीमंडल ने तुलनात्मक रूप में कम पूँजी लागत और रोजग़ार के विशाल मौके प्रदान करने के लिए एमएसएमई सैक्टर की तरफ से निभाई महत्वपूर्ण भूमिका का नोटिस लिया। कैबिनेट ने नोट किया कि एमएसएमई ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगिकीकरन में भी सहायता करते हैं और इस तरह क्षेत्रीय असंतुलन को घटाते हैं और यह सैक्टर सामाजिक आर्थिक विकास के लिए एक साधन के तौर पर उभरा है।
ओद्योयोगिक रोजग़ार (स्टैंडिंग आर्डरज़) एक्ट, 1946 का नोटिफिकेशन वापस लिया।
इसी दौरान मंत्रीमंडल ने एक अन्य फ़ैसले में पंजाब में सभी एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों को स्टैंडिंग आर्डरज़ की लाजि़मी सर्टीफिकेशन और निरंतर प्रक्रिया में लगी औद्योगिक इकाईयों को अपने कर्मचारियों को छुट्टी वाले दिनों के दौरान तैनात करने से छूट देते हुये औद्योगिक रोजग़ार (स्टैंडिंग आर्डरज़) एक्ट, 1946 के अंतर्गत नोटीफिकेशन वापस लेने को मंज़ूरी दे दी है।
औद्योगिक रोजग़ार (स्टैंडिंग आरडरज़) एक्ट, 1946 के शर्त विधान अनुसार मालिक अगर 20 या इससे अधिक कर्मचारियों को काम पर रखते हैं तो उनको स्टैंडिक आर्डरज़ प्रमाणित करवाने होंगे। मालिक पर पालना का बोझ घटाने के लिए 20 मज़दूरों की इस सीमा को 100 मज़दूरों तक बढ़ा दिया गया है जैसे कि औद्योगिक रोजग़ार (स्टैंडिंग आर्डरज़) एक्ट, 1946 में कल्पना की गई थी। स्टैंडिंग आर्डरज़ की सर्टीफिकेशन की ज़रूरत को ख़त्म कर दिया गया है और उन पर मॉडल स्टैंडिंग आर्डर लागू किये गए हैं।
पंजाब में बहुत सी फ़ैक्टरियाँ निरंतर निर्माण कामों में लगी हुई हैं। कई बार कर्मचारी ‘पंजाब इंडस्ट्रियल अस्टैबलिशमैंट (राष्ट्रीय और त्योहारों की छुट्टियाँ और आम छुट्टी एवं बीमारी की छुट्टी) एक्ट, 1965 के शर्त विधान अनुसार छुट्टियाँ की माँग करते हैं जिससे निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी पैदा होती है। ऐसी स्थिति को दूर करने के लिए निरंतर प्रक्रिया में लगे उद्योग को इस एक्ट की धाराओंं से छूट देने के लिए पंजाब इंडस्ट्रियल अस्टैबलिशमैंट (राष्ट्रीय और त्योहारों की छुट्टियाँ और आम छुट्टी एवं बीमारी की छुट्टी) एक्ट, 1965 की धारा 13 (2) अधीन शक्तियों का प्रयोग किया गया है।