लेटर बम के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल गुलाम नबी आजाद को महासचिव पद से हटाया गया

नई दिल्ली, 11 सितंबर । कांग्रेस के दिग्गज गुलाम नबी आजाद जी ने गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले असंतुष्ट नेताओं में प्रमुख माना जाता है उन्हें पार्टी में हुए बदलाव के बीच पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने महासचिव पद से हटा दिया है सोनिया गांधी द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में कहा गया है पार्टी पूरे दिल से निवर्तमान महासचिव गुलाम नबी आजाद मोतीलाल वोरा अंबिका सोनी मलिकार्जुन खरगे और लुइजिन्हो फलेरो योगदान की सराहना करती है
गुलाम नबी आजाद कार्य समिति के सदस्य बने रहेंगे जो कि पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाला पैनल है असंतुष्ट नेताओं के समूह के एक सदस्य जितिन प्रसाद को स्थायी सदस्य बनाया गया है जितिन प्रसाद कोई महासचिव के रूप में नामित किया गया है लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश से बंगाल स्थानांतरित कर दिया गया है जहां अगले साल चुनाव होने हैं प्रियंका गांधी यूपी की प्रभारी महासचिव है कांग्रेस पार्टी में बड़ा फेरबदल उस काटना के १ महीने बाद हुआ है
पार्टी के 23 वरिष्ठ सदस्यों ने बागी तेवर दिखाते हुए कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के आंतरिक चुनाव करवाने और पूर्णकालिक पारदर्शी नेतृत्व की मांग की थी आज के बदलाव में मुकुल वासनिक जो कि २३ पत्र लेखकों में से एक थे उन्हें कांग्रेस ने मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया है
मुकुल वासनिक को उन नेताओं में भी शामिल किया गया है सीडब्ल्यूसी की बैठक में उनके द्वारा व्यक्त किए गए संगठनात्मक और संचालन मामलों में कांग्रेस अध्यक्ष की सहायता करने के लिए है इनमें शामिल है ए के एंटनी अंबिका सोनी अहमद पटेक केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल है ।