भारतीय दर्शन का एकात्म मानववाद वह रूप है जो हमारी संस्कृति से निकला है

26 September, 2020, 11:41 am

नई दिल्ली, 26 सितम्बर।  एकात्म मानववाद और अंत्योदय दर्शन के प्रणेता, जनसंघ के संस्थापक सदस्य एवं पथ प्रदर्शक श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय  नमन करते हुए सरोज पांडे ने कहा कि 25 सितम्बर का यह दिन भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बहुमूल्य है क्योंकि आज एक ऐसे विराट व्यक्तित्व की जयंती है जो हम सभी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और पथ प्रदर्शक हैं। श्रद्धैय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विराट व्यक्तित्व का सबसे बड़ा उदाहरण है कि आज हम उन्हें मनन करते हैं, उनके विषय पर चिंतन करते हैं उन्हें पढ़ना चाहते हैं, उनके विषय के बारे में सुनना चाहते हैं। उनका बाल्यकाल बहुत अच्छा नहीं था, 3 वर्ष की आयु के थे जब उनके पिता का देहांत हो गया और 7 वर्ष की आयु के थे तो माता का देहांत हो गया, जब वह अपने नाना के पास पहुंचे तो कुछ वर्षों के बाद नाना का भी देहांत हो गया। उनका पालन पोषण उनकी मामा ने किया। जब व्यक्ति अभाव में पलता है तो उस दर्द को महसूस करता है। हम पूरे जीवन अनुभव लेने की कोशिश करते हैं और जब निर्णय का समय आता है अगर व्यक्ति को अनुभव नहीं है तो उसका निर्णय अनुचित होगा। निम्न मध्यम वर्गीय परिवार जिस तरह से रोजी रोटी के लिए संघर्ष करते है उसे श्रद्धैय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने करीब से देखा था और अनुभव किया था। 

सुश्री पांडे ने कहा कि एकात्म मानववाद जिसे हम सब पढ़ते हैं, हमने समाजवाद सुना, पूंजीवाद सुना लेकिन भारतीय दर्शन का एकात्म मानववाद वह रूप है जो हमारी संस्कृति से निकला है और संस्कृति को पोषित और पल्लवित करता है। श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद का पथ प्रशस्त किया जो आज भी लोगों के बीच उतनी ही प्रासंगिक है, क्योंकि उन्होंने दूर तक का सोचा था। एकात्म मानववाद भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत है, मनुष्य को समूचय मानकर, हर विषय को समग्रता और संतुलित कर एकात्म मानववाद में समाहित किया गया है। 

श्री श्याम जाजू ने कहा कि जिस कार्यकाल में श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने पार्टी के दायित्व का निर्वहन किया, पार्टी को पूरे देश में बढ़ाया और जिस दृष्टि के साथ काम किया, उस समय लोगों ने उनका उपहास उड़ाया, भारतीय जनता पार्टी को प्रशासन का मौका नहीं मिलता था। लेकिन हम देख रहे हैं कि श्रृद्धेय पंडित दीनदयाल जी का विजन आज के परिदृश्य में भी चरितार्थ है, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हर कदम में अंत्योदय की कल्पना झलकती है। हमें जनता ने जब काम करने का अवसर दिया तब हमने उनके विजन को लागू करके दिखाया। श्रम कानून में बदलाव हो, या कृषि विधेयक के माध्यम से किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ना, नई शिक्षा नीति में बदलाव, आयुष्मान भारत योजना के जरिए गरीब, वंचित वर्ग के लोगों को इलाज में 5 लाख रुपए तक की राहत देने का काम, रेहड़ी पटरी वालों को बिना किसी ब्याज के 10,000 तक का लोन, कोरोना संकट के कारण नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन देने का काम मोदी सरकार के कार्यकाल से हुआ है, जिसके जरिए समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक लाभ पहुंचे। भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यकाल में श्रृद्धैय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विजन को सिद्ध किया है।