दिल्ली के प्रदूषण और पराली जलाने की कड़ी सम्बन्धी नये आंकड़ों का स्वागत किया पंजाब सरकार ने

15 October, 2020, 9:23 pm

मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली के प्रदूषण और पराली जलाने की कड़ी सम्बन्धी नये आंकड़ों का स्वागत, पंजाब के पक्ष की पुष्टि हुई

दिल्ली निवासियों के अधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए झूठ फैलाने और तथ्यों से इन्कार करने पर केजरीवाल की की कठोर आलोचना

चंडीगढ़, 15 अक्तूबर:

दिल्ली के प्रदूषण और पराली जलाने की कड़ी को दर्शाते हुये नये आंकड़ों का स्वागत करते हुये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज अरविन्द केजरीवाल को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी के पर्यावरण को बचाने में हुई अपनी नाकामी पर पर्दा डालने और इससे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए झूठ बोलना बंद करें। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों से इस मुद्दे पर पंजाब सरकार के पक्ष की पुष्टि हुई है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर की तरफ से यह कहे जाने से कुछ घंटे के बाद कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर) के 2.5 पारटीकल मैटर में पराली जलाने से प्रदूषण का हिस्सा केवल 4 प्रतिशत है और बाकी स्थानीय कारणों का योगदान है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की तरफ से इस मुद्दे संबंधी आए विस्तृत अध्ययन के नतीजों को अस्वीकृत करने के लिए कठोर आलोचना की।

दिल्ली के मुख्यमंत्री की टिप्पणी कि ‘न मानने से कोई सहायता नहीं होनी’ संबंधी प्रतिक्रिया प्रकटाते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वास्तव में यह केजरीवाल है जिसने सच्चाई से मुख मोड़ा हुआ है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि केजरीवाल दिल्ली के संकट से निपटने के लिए गंभीर है तो उसको तुरंत सच्चाई को ना मानना छोड़ कर उचित हल ढूँढने के लिए तह तक जाकर काम करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल की तरफ से असली स्थिति संबंधी दिल्ली निवासियों को अंधेरे में रखने के अपने एजंडे के अंतर्गत गलत जानकारी फैलायी जा रही है, जिस स्थिति से कई सालों से उनकी सरकार निपटने में बुरी तरह असफल रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि वास्तव में ऐसे तथ्य नहीं जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के दावों का समर्थन करते हों और इससे उलट, अध्ययन दर्शाते हैं कि पराली जलाना राष्ट्रीय राजधानी की समस्या की बहुत ही छोटा वजह है।

जि़क्रयोग्य है कि वैज्ञानिक शिक्षा और खोज संबंधी भारतीय संस्थान (आई.आई.एस.ई.आर.) ने 2018 और 2019 के आंकड़ों पर आधारित अपने खोज पत्र में सामने लाया गया कि दिल्ली का प्रदूषण स्थानीय कारणों से है और इसकी वजह पंजाब या एन.सी.आर में पराली जलाना नहीं है। इसने दर्शाया कि पंजाब का हवा गुणवत्ता सूचक (ए.क्यू.आई) दिल्ली की अपेक्षा बहुत बेहतर है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह ऐसा पक्ष है जिसको पंजाब पिछले कई सालों से रख रहा है क्योंकि पंजाब में प्रदूषण का स्तर दिल्ली के बुरे पर्यावरण के आसपास भी नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल, जिसकी तरफ से पिछले कई सालों से राष्ट्रीय राजधानी के भयावह रूप से खराब हवा गुणवत्ता सूचक के लिए पंजाब में पराली जलाने को जि़म्मेदार ठहराया जा रहा है, की तरफ से दिल्ली में पर्यावरण बचाने में आम आदमी पार्टी की सरकार की मुकम्मल असफलता से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पूरी ढीठता से झूठ का सहारा लिया जा रहा है।

‘आज भी, पंजाब में आसमान साफ़ है और वायु गुणवत्ता सूचक दिल्ली के मुकाबले बहुत बढिय़ा है’, यह टिप्पणी करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि कोई भी बच्चा दोनों के बीच फर्क देख सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लगातार इसको अनदेखा किये रखा और ऐसे हालात पैदा होने पिछली अपनी असफलता पर पर्दा डालने के लिए पंजाब को दोषी ठहराने के यत्न किये।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बहुत स्पष्ट संकेत हैं कि दिल्ली के प्रदूषण के मुख्य कारण निर्माण, मलबा और धूल आदि हैं, जो सभी हवा में प्रदूषण के कणों को भेजते हैं। उन्होंने कहा कि सर्दियों में मौसम के हालातों के कारण यह कण लंमें समय तक हवा में मौजूद रहते हैं जिस कारण स्थिति बुरी बनती है, जो केजरीवाल के अलावा हर कोई साफ़ देख सकता है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार पराली जलाने की समस्या को घटाने के लिए पूरी संजीदगी से काम कर रही है जिससे हवा को पूरी तरह साफ़ रखा जा सके, परन्तु बदकिस्मती से किसान इस उद्देश्य के लिए वित्तीय सहायता की अनुपस्थिति के कारण पराली या फसलों के अवशेष के प्रबंधन में बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नगद सहायता के लिए बार-बार अपीलें करने के बावजूद केंद्र सरकार की तरफ से अब तक कोई रचनात्मक समर्थन नहीं दिया गया। उन्होंने पंजाब में पराली जलाने की समस्या के ख़ात्मे के लिए केंद्र से प्रति क्विंटल 100 रुपए की वित्तीय सहायता की अपनी माँग को दोहराया।