केजरीवाल सरकार नगर निगमों का फंड रोक कर, दिल्ली के लोगों को परेशान करने का काम कर रही है-आदेश गुप्ता

23 October, 2020, 10:28 pm

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर। दिल्ली के तीनों नगर निगमों के प्रति दिल्ली सरकार के सौतेले व्यवहार के खिलाफ आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जयप्रकाश ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार और प्रदेश प्रवक्ता आदित्य झा उपस्थित थे। 

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले सालों से दिल्ली नगर निगम का दिल्ली सरकार पर लगभग 13000 करोड़ रुपए का फंड बकाया है लेकिन दिल्ली सरकार है कि देय फंड जारी करने का नाम ही नहीं ले रही है। स्वयं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि जो भी एजेंसी या अस्पताल कोरोना संकट के समय काम करेगी, महामारी एक्ट के अंतर्गत उसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी, जिसके बाद नगर निगम के अंतर्गत आने हिंदूराव अस्पताल को भी कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाया गया। लेकिन हद तो तब हो गई जब दिल्ली सरकार ने हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफों, स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन देने के लिए फंड ही नहीं दिया। नगर निगम पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है चाहे वह प्रदूषण के रोकथाम के लिए हो या जानलेवा बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव हेतु कदम उठाना। चुकी नगर निगम भाजपा शासित है इसलिए राजनीतिक द्वेष में दिल्ली सरकार काम कर रही है। 

आदेश गुप्ता ने कहा कि हमें भी डॉक्टरों नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफों, स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन के लिए हड़ताल पर देखकर तकलीफ हो रही है, लेकिन दिल्ली सरकार वेतन देने के लिए नगर निगम का देय फंड रोक कर बैठी है। उन्होंने बताया कि साल 2020-21 के लिए नगर निगम को आवंटित फंड का 25ः नई दिल्ली सरकार ने नहीं दिया है। आंशिक रूप से जो फंड दिए गए हैं उसके अनुरूप पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 1677 करोड़ रुपए से सिर्फ 157.40 करोड़ रुपए, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को 1134 करोड़ रुपए से 472.39 करोड़ रुपए और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को  2090.52 करोड़ रुपए से 612.02 करोड़ रुपए ही दिए गए। इससे पता चलता है कि दिल्ली सरकार ने इरादतन नगर निगम का फंड रोका हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पिछले 6 महीने से गर्भवती महिलाओं को भर्ती होने के लिए भटकना पड़ता है। कोरोना संकट के समय नगर निगम के अस्पतालों ने दिल्ली के लोगों को सभी स्वास्थ्य सुविधाएं देने का काम किया। 

 

आदेश गुप्ता ने कहा कि14 दिनों तक कोविड-19 मरीजों का हाल जानने के लिए दिल्ली सरकार 1500 रुपए प्रति मरीज के दर पर एक प्राइवेट एजेंसी को काम दिया, लेकिन 14 दिनों में सिर्फ 6 दिनों से फोन करके हाल जाना और करोड़ों रुपए का घोटाला किया। जो मोहल्ला क्लीनिक जैसे तैसे चल रहे हैं उसके डॉक्टरों को भी दिल्ली सरकार वेतन नहीं दे रही है। बुराड़ी में 800 बेड का अस्पताल है जिसका 3 बार उद्घाटन हो चुका है लेकिन काम अभी भी पूरा नहीं हुआ। यह दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य मॉडल है, अगर कोरोना संकट में इसके भरोसे दिल्ली के लोगों को छोड़ दिया जाता तो हालात अनियंत्रित होते क्योंकि न तो मुख्यमंत्री और न ही उनका मंत्रिमंडल घर से बाहर निकला और लोगों का हाल जाना। अगर माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने दिल्ली के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया होता तो दिल्ली की हालत बद से बदतर होती। दिल्ली सरकार को लगता है कि सिर्फ प्रचार प्रसार से ही वह काम चला लेंगे और लोगों को भ्रमित करेंगे। केजरीवाल सरकार की जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि नगर निगम के अस्पताल में भी दिल्ली के ही लोग आते हैं और फंड रोक कर केजरीवाल सरकार नगर निगम के अस्पतालों के कर्मचारियों को प्रभावित तो कर ही रही है और साथ ही दिल्ली के लोगों को भी परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अति शीघ्र तीनों नगर निगम के देय फंड को जारी करें ताकि नगर निगम के अस्पतालों में काम करने वाले कोरोना योद्धा डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफों, स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन मिल सके। 

 

उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जयप्रकाश ने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत 6 बड़े अस्पताल 17 बड़े पॉलीक्लिनिक और 200 से ज्यादा डिस्पेंसरी है जो प्रतिदिन हजारों ऐसे मरीजों का इलाज करता है जो गरीब परिवार से आते हैं, झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार नगर निगम के अस्पतालों के प्रति संवेदनशील नहीं है। 2015 से लेकर 2019 तक दिल्ली सरकार केंद्र सरकार से लड़ती रही और अब दिल्लीवासियों के हितों की अनदेखी कर नगर निगम से लड़ रही है। आज नगर निगम अस्पतालों के अंदर जो अफरा-तफरी का माहौल है उसके लिए सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी उर्फ आरोप आदमी पार्टी की सरकार जिम्मेदार है। हिंदू राव अस्पताल के कोविड-19 अस्पताल बनने के बाद वहां सभी स्वास्थ्य व्यवस्था की गई जिसके लिए सारा खर्च सिर्फ उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने वहन किया और दिल्ली सरकार की ओर से एक भी पैसा नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने पहली तिमाही में स्वास्थ्य के लिए 39 करोड़ में से 27 करोड़ और दूसरी तिमाही में 55 करोड में से 27 करोड़ ही दिए हैं, अगर कोई आंकड़ा देखा जाए तो स्वास्थ्य के लिए आवंटित 650 करोड़ में से सिर्फ 55 करोड़ ही दिया गया। 

 

जयप्रकाश ने बताया कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता नगर निगम के अस्पतालों के डॉक्टरों को बरगलाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मई महीने से स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के पास 425 करोड़ डीटीए की फाइल पड़ी है लेकिन उस फंड को भी जारी नहीं किया गया। दिल्ली सरकार नगर निगमों के स्वास्थ्य का, सैनिटाइजेशन का शिक्षा के लिए आवंटित फंड जारी नहीं कर रही है।  लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कोरोना संकट के समय में भी नगर निगम कर्मचारियों ने दिन-रात दिल्ली को साफ और स्वच्छ रखा, सैनिटाइज किया और अब डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया की बीमारी से बचाने के लिए महा अभियान चला रहे हैं और सड़कों पर काम कर रही हैं। आखिर दिल्ली सरकार नगर निगम से कैसा बदला ले रही है। अगर दिल्ली सरकार ने निगम का बकाया पैसा जल्द नहीं दिया तो इसके लिए अगर हमें सड़क पर उतरना पड़ा तो हम वो भी करेंगे लेकिन केजरीवाल सरकार को दिल्ली की जनता के साथ नाइंसाफी नहीं करने देंगे।