कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने किया सराहनीय कार्य- राज्यपाल

6 March, 2021, 1:47 pm
चंडीगढ़, 6 मार्च- हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश में अन्य राज्यों की तरह हरियाणा विधानसभा का आयोजन भी वैश्विक महामारी के संकट में हो रहा है, जिसने दुनिया को अनगिनत तरीकों से बदल दिया है। इस महामारी के प्रसार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार ने कई पहल की हैं।

श्री सत्यदेव नारायण आर्य आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित कर रहे थे।

श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कोविड-19 संकट के दौरान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इस महामारी के प्रसार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया है, जिसके परिणामस्वरूप, कोविड नमूनों की संक्रमण दर 4.8 प्रतिशत पर आ गई है और मृत्युदर 1.1 प्रतिशत है जबकि रिकवरी दर 98.4 प्रतिशत है। कोविड-19 महामारी के दौरान आई परेशानियों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने अप्रैल से जून, 2020 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं का मुफ्त वितरण किया।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अतिरिक्त गेहूं और साबुत चना किया गया वितरित

श्री आर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले और अन्य प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों को अंत्योदय अन्न योजना में अतिरिक्त गेहूं और साबुत चना वितरित किया गया।

हरियाणा आत्मनिर्भर भारत/डिस्ट्रैस टोकन योजना को लागू करने वाला पहला राज्य

राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने आत्म-निर्भर भारत व डिस्ट्रैस राशन टोकन योजना लागू की। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना था जो कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक रूप से त्रस्त थे और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की किसी भी योजना में शामिल नहीं थे। जिन लोगों के पास कोई राशन कार्ड नहीं था, उन्हें मई और जून, 2020 के दौरान प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम गेहूं और प्रति माह प्रति परिवार एक किलोग्राम दाल प्रदान की गई।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, शहरी स्थानीय निकाय, गृह और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 131.85 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की। इसके अतिरिक्त, इसी कार्य के लिए राज्य के उपायुक्तों को 9.10 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए।

17 लाख से अधिक परिवारों को दी गई 730 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता

श्री आर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौरान 3,000 से 5,000 रुपये प्रति परिवार की दर से 17 लाख से अधिक परिवारों को 730 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 8 लाख 76 हजार 103 परिवारों को 270 करोड़ रुपये की राशि दी गई। 4 लाख 67 हजार 604 बीपीएल परिवारों को 270 करोड़ रुपये और 3 लाख 50 हजार 621 पंजीकृत भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों को क्रमश: 250 करोड़ रुपये और 175 करोड़ रुपये जारी किए गए। गैर-संगठित क्षेत्र के 70,000 से अधिक श्रमिकों को 35 करोड़ रुपये की राशि वित्तीय सहायता के रूप में वितरित की गई।

4,44,422 प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा गया

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन संवेदना के तहत 4 लाख, 44 हजार 422 प्रवासी श्रमिकों को 100 विशेष श्रमिक गाड़ियों और 6629 बसों के माध्यम से 8 करोड़ 21 लाख रुपये खर्च करके उनके घर पहुंचाया है।

कोविड-19 का मुकाबला करने में कोरोना वारियर्स ने सराहनीय काम किया

श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कोविड-19 का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य के कोरोना वॉरियर्स की सराहना करते हुए कहा कि हमारे कोरोना योद्धाओं ने इस घातक वायरस के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया है। उन्होंने अनगिनत डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, स्वच्छता कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों, गैर-सरकारी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयं-सेवकों और कई अन्य लोगों के नि:स्वार्थ प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस बीमारी के कारण दुर्भाग्य से जान गंवाने वाले लोगों की आत्मिक शांति की प्रार्थना की।

वर्ष 2021 आशा और उम्मीदों के साथ आया है

श्री आर्य ने कहा कि वर्ष 2021 का आगमन नई आशा और उम्मीदों के साथ हुआ है। मानव जाति ने कभी भी ऐसी अभूतपूर्व एकजुटता नहीं दिखाई जितनी इस संकट काल में दिखाई है। पहली बार सभी ने मिलकर कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन खोजने का काम किया। प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व के लोगों के लिए वैक्सीन के विकास और निर्माण में सबसे आगे है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम‘ के शाश्वत सिद्धांत का पालन करते हुए भारत ने दक्षिण एशिया और दुनिया के कई अन्य देशों के लोगों के साथ अपनी वैक्सीन सांझा करके उदार कूटनीति का परिचय दिया है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार वैज्ञानिकों और औषधीय उद्योग के उन लोगों को बधाई देती है, जिन्होंने इस अभूतपूर्व संकट के बीच हमें गौरवान्वित किया है। टीकाकरण के माध्यम से लोगों को सुरक्षा कवच मिला है और सरकार को उम्मीद है कि इस साल हमारे लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित हो जाएंगे और महामारी अतीत की स्मृति भर रह जाएगी।