चार साहिबजादो की शहादत की गूंज विश्व के कोने-कोने में पहुंच चुकी है...राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी

12 January, 2022, 6:35 pm

पंजाब के विधानसभा चुनावों में राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी बीजेपी का एक बड़ा चेहरा है । बीजेपी पंजाब में अपने दमखम के साथ पहली बार चुनावी मैदान में  है । राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी बीजेपी के स्टार प्रचारकों में से एक है । गुरू हर सहाय विधानसभा सीट से चार बार लगातार विधायक चुने गए राणा गुरमीत सिंह राज्य के दूर-दराज के इलाकों में दौरा कर रहे है ।   बीजेपी नेता राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी विकास के मुद्दे , नशे से मुक्ति और हर हाथ को काम देने के वादे के साथ जनता के बीच जा रहे है और   "नया  पंजाब" बनाने के लिए  पंजाब की जनता से वोट मांग रहे है ।  

"ब्राडकॉस्ट मंत्रा" ने फिरोजपुर में बीजेपी नेता राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी से बातचीत करते हुए पहला सवाल ये किया कि पंजाब की राजनीति में नेता वोट की खातिर अपनी जुबान से आग उगल रहे है । प्रतिशोध की राजनीति चरम पर है ...... लेकिन आप अपनी बात सहज और शालीनता से पंजाबियों के समक्ष रख रहे है । 

श्री सोढ़ी ने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि

क्यों अपनी तरह जीने का अंदाज छोड़ दे । 

क्या है हमारे पास इस अंदाज के सिवा ।।

 पांच गुरूओं और पांच दरिया की पवित्र भूमि पंजाब यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आगे बढ़े इसके लिए पंजाब में बीजेपी सरकार बनाना हमारा संकल्प है । बीजेपी विकास के नाम पर वोट मांग रही है । अमन -चैन स्थापित हो और मेरा पंजाब नशे से  मुक्त हो और पंजाब  में बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री लगे इन मुद्दो के साथ मैं लोगों के बीच जा रहा हूं । मुझे खुशी है कि पंजाब की जनता का भरपूर सहयोग और समर्थन मिल रहा है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रकाश पर्व के अवसर पर देश में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का ऐलान किया है । देखिए, ,

चार साहिबजादो की शहादत की गूंज विश्व के कोने-कोने में पहुंच चुकी है.... ऐसी अतुलनीय शहादत , जिसका इस देश का हर कण ऋणी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 जनवरी को श्री गुरू गोविन्द सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर 26 दिसंबर को देश में प्रत्येक वर्ष वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा करके देशवासी और पंजाब का सिर उंचा किया है । मुझे ये कहते हुए गौरव महसूस हो रहा है कि चार साहिबजादो की हिन्दू धर्म की रक्षा करने और गुर सिखी के लिए जालिमो की दीन न मानने माता गुजर कौर जी और सिख पंथ की ऐतिहासिक भूमिका को दुनिया के सामने लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहातिक फैसला किया है । मेरे सतगुरू के लालों पुत्रों की याद में इस दिन को समर्पित कर भारत की जनता को जगाया है ।

 जैसा कि आप जानते है  सिख इतिहास में पौष का महीना बेहद उदासीनता भरा होता है । मेरे दशम पातशाह साहिब श्री गुरूगोविंद सिंह जी के परिवार का बिछड़ना, चार साहिबजादों..... साहिबजादा अजित सिंह ,साहिबजादा जुझार सिंह ,बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह  और माता गुजरी जी की शहादत , ये सभी दुखद घटनाएं इसी महीने में घटी थी । मेरे चार साहिबजादों की शहादत ये सिखाती है कि हम अकाल पुरख और अपने गुरू पिता के अलावा किसी के सामने सिर नही झुकाते ।

माता गुजरी और छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेहसिंह को फतेहगढ़ साहिब के ठंडे बुर्ज में कैद कर दिया गया था उसके बाद दोनो साहिबजादों को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था । साहिबजादों ने धर्म के महान सिंद्बातों से हटने की बजाय मृत्यु को गले लगाया । शहादत की ये घटना अमर है और अमर रहेगी । मैं प्रधानमंत्री को धन्यावाद देना चाहता हूं कि मेरे सतगुरू के लालों की शहादत के इस दिन को देश को समर्पित करके सिख कौम का सिर ऊंचा किया है ।