... तो अयोध्या से लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ

नई दिल्ली (ब्रॉडकास्ट मंत्रा ब्यूरो) : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी अयोध्या से चुनावी मैदान में उतार सकती है। वैसे इस बारे में अभी फाइनल मंत्रणा होनी है। उल्लेखनीय है कि उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए भाजपा में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। मंगलवार को इस सिलसिले में राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में एक बैठक हुई थी, जिसमें अन्य शीर्ष नेताओं के साथ स्वयं योगी भी मौजूद थे। उत्तर प्रदेश में इस बार सात चरणों में चुनाव होगा और इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। बता दें कि योगी वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक हैं, लेकिन इसके बारे में कोई भी अंतिम फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के भीतर योगी आदित्यनाथ को अयोध्या सीट से चुनाव लड़ाने को लेकर चर्चा हुई है लेकिन इसके बारे में अंतिम फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) में लिया जाएगा। ज्ञात हो कि सीईसी उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिति के सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक पहले व दूसरे चरण के मद्देनजर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए शीघ्र ही सीईसी की बैठक होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यदि योगी आदित्यनाथ को चुनाव लड़ाने का फैसला करता है तो अयोध्या के अलावा मथुरा और गोरखपुर दो ऐसी सीटें हैं जहां से मुख्यमंत्री को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। गोरखपुर को योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। वह वहां से कई बार सांसद भी चुने जा चुके हैं। साथ ही वह गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख महंत भी हैं। बताया जा रहा है कि यदि पार्टी उन्हें अयोध्या से चुनाव मैदान में उतारती है तो इसका बड़ा संदेश जाएगा। क्योंकि वहां राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है और योगी आदित्यनाथ पार्टी के प्रमुख हिन्दुत्वादी चेहरे हैं। सूत्रों का मानना है कि अयोध्या चूंकि अवध क्षेत्र में पड़ता है और यहां पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी मजबूत रही है, लिहाजा यदि पार्टी यहां से योगी आदित्यनाथ को उतारती है कि उसे इसका लाभ मिल सकता है। वर्तमान में राज्य विधानसभा में अयोध्या सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता करते हैं। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पिछले दो दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं और उम्मीदवारों के नामों के साथ ही चुनावी रणनीति को लेकर लगातार केंद्रीय नेतृत्व के साथ विमर्श कर रहे हैं। अब देखना होगा कि दल बदल के इस दौर में भाजपा किस तरह सबको संतुष्ट कर पाती है। उधर, कई दल इसलिए भी टिकट की घोषणा पहले नहीं करती ताकि वह दूसरे दलों के नामों को देखकर अपने उम्मीदवार पर फाइनल मोहर लगा सके। देखना होगा इस बार का चुनावी रण योगी आदित्यनाथ के लिए कैसा रहेगा।