कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण, सपा के दो एमएलसी भाजपा में
नयी दिल्ली/लखनऊ (ब्रॉडकास्ट मंत्रा ब्यूरो) : चुनाव पांच राज्यों में हैं, लेकिन यूपी में आना-जाना बहुत तेजी से चल रहा है। भाजपा से जाने वालों का सिलसिला थमा ही था कि अब सपा से जाने वालों का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस बीच, कानपुर के पूर्व पुलिस आयुक्त असीम अरुण के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) के दो विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) शैलेंद्र प्रताप सिंह व घनश्याम लोधी, पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा तथा पूर्व आईएएस अधिकारी राम बहादुर ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। असीम अरुण ने भाजपा मुख्यालय में सुबह जबकि बाकी नेताओं ने शाम को पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी के सह चुनाव प्रभारी अनुराग ठाकुर ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में असीम अरुण को पार्टी की सदस्यता दिलाई। रविवार को अपराह्न करीब चार बजे प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा मुख्यालय में सुलतानपुर-अमेठी निकाय निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधान परिषद के सदस्य शैलेंद्र प्रताप सिंह तथा रामपुर-बरेली निकाय क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य घनश्याम लोधी के अलावा पूर्व आईएएस अधिकारी राम बहादुर और सपा के शिकोहाबाद के पूर्व सपा विधायक ओमप्रकाश वर्मा को भाजपा की सदस्यता दिलाई। राम बहादुर पिछले लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रह चुके हैं। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रहे अरुण ने भाजपा सरकार की सराहना करते हुए दावा किया कि पिछले पांच वर्ष का कार्यकाल कानून-व्यवस्था के लिए बहुत बेहतर था और पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को काम करने के लिए इससे पहले कभी इतना सुखद अवसर नहीं मिला। उत्तर प्रदेश काडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने हाल में कानपुर के पुलिस आयुक्त पद पर रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली थी। खबरों में दावा किया जा रहा है कि भाजपा असीम अरुण को उनके गृह जिले कन्नौज से विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकती है। उन्होंने कहा कि असीम अरुण एक बेहतरीन अधिकारी रहे हैं और उनके पिता पूर्व पुलिस महानिदेशक श्रीराम अरुण ने अपराधियों के खिलाफ हमेशा सख्ती से कार्य किया। उन्होंने कहा कि असीम अरुण ने भी कभी किसी नेता के दबाव में किसी गुंडे को नहीं छोड़ा और भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर वह पार्टी में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि असीम अरुण ने नक्सलियों, आतंकवादियों और अन्य बड़े अपराधियों को अपने कार्यकाल के दौरान गिरफ्तार किया। जानकार बता रहे हैं कि सभी सीटों के लिए टिकटों के ऐलान तक यह आवाजाही जारी रहेगी।