बजट से उम्मीद : स्टार्ट-अप्स के लिए ऋण सुविधाओं में सुधार की जरूरत ; मुद्रास

30 January, 2022, 2:57 pm

नयी दिल्ली (ब्रॉडकास्ट मंत्रा ब्यूरो) : आम बजट बस आने ही वाला है। बजट में विभिन्न प्रावधानों के संबंध में उम्मीदें हैं तो मांग भी की जा रही है। कोरोना काल के बाद जहां अनेक लोगों के रोजगार पर संकट आया है, वहीं लघु एवं मझोले उद्यमों से उम्मीदें भी बंधी हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि एमएसएमई यानी लघु एवं मध्यम उद्यम देश की अर्थव्यवस्था और कारोबार प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उन्हें अनुकूल माहौल उपलब्ध कराकर, डिजिटल रूपान्तरण में सक्रिय योगदान में सक्षम बनाकर आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है और समावेशी वैश्वीकरण का निर्माण किया जा सकता है। इस संबंध में इनफोर्मा मार्केट्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रास का कहना है कि पिछले साल केन्द्रीय बजट में एमएसएमई को सहयोग एवं प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए गए, इस सेक्टर के लिए सरकार ने रु 15,700 करोड़ का बजट तय किया। इस साल हमें उम्मीद है कि सेक्टर के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे जैसे करों का सरलीकरण, फंडिंग के अवसर, स्टार्ट-अप्स के लिए ऋण सुविधाओं में सुधार, अनुमोदन एवं लाइसेंस के लिए आसान प्रक्रियाएं आदि। महामारी ने कई सेक्टरों में तकनीक और डिजिटल अडॉप्शन को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है। मुद्रास का कहना है डिजिटल भारत में टेक्नोलॉजी सेक्टर की भूमिका को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि सरकार अनुकूल एवं प्रभावी नीतियां जा सकती हैं, जो डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं इनोवेशन्स को प्रोत्साहित करेंगी। उम्मीद है कि कॉर्पोरेट बुकिंग्स एवं एमआईसीई को आईजीएसटी के तहत लाने के उद्देश्य से वित्तमंत्री हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के समर्थन में घोषणाएं करेंगी, ताकि अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को बढ़ावा मिले। चूंकि प्रदर्शनियां घरेलू अर्थव्यवस्था एवं सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और प्रदर्शक के रूप में हम देशों के बीच कारोबार, इनोवेशन्स एवं बेहतर समझ के विकास पर काम करते हैं। साथ ही हम प्रदर्शनियों के साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कारोबारों के विकास पर भी ध्यान केन्द्रित करते हैं।’
इसके अलावा योगेश मुद्रास का कहना ‘हॉस्पिटेलिटी सेक्टर, जो देश भर में लाखों लोगों को रोज़गार देता है, महामारी की चुनौतियों के बीच इस सेक्टर को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। गौर हो कि 1 फरवरी को केन्द्रीय बजट की घोषणा होने वाली है, ऐसे में लोग बेसब्री से इस बात का इंतज़ार कर रहे हैं कि वित्त मंत्री कोरोनावायस महामारी से प्रभावित उद्योगों के लिए विशेष फायदों एवं छूटों की घोषणा करेंगी। इसमें हॉस्पिटेलिटी सेक्टर भी शामिल है, जो विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन एवं करों में कटौती की उम्मीद कर रहा है। उद्योग जगत के आंकड़ों के अनुसार, हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में 24 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां चली गईं, क्योंकि महामारी के मद्देनज़र प्रोटोकॉल्स के चलते 25 फीसदी रेस्टोरेन्ट्स बंद हो गए। हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी बजट में आयकर रिटर्न के तहत यात्रा के व्यय पर करों में कटौती की जानी चाहिए, जब तक यह सेक्टर फिर से महामारी से पहले की अवस्था में नहीं पहुंच जाता। इससे कम लागत के गंतव्यों जैसे दक्षिण पूर्वी एशिया का रूख भारत के गंतव्यों की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी। भारत सरकार की पर्यटन नीति ऐसी होनी चाहिए जो देश में पर्यटन की क्षमता बढ़ाकर इस सेक्टर को प्रोत्साहन दे। आवक यात्रा को शुरू करने के लिए सरकार को विनियमित तरीकों से अन्तर्राष्ट्रीय यात्रा पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। सभी हवाई अड्डों, रेलवे और सड़क परिवहन में सार्वजनिक सुरक्षा के उचित इंतज़ाम किए जाएं। टूर ऑपरेटरों एवं हॉस्पिटेलिटी ऑपरेटरों के लिए सुरक्षा के नियम निर्धारित किए जाएं।’