हार से सबक मिला ,घर-घर जाएंगे : प्रियंका वाड्रा

1 June, 2022, 9:40 pm

श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा ने ‘नव संकल्प’ राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव के बाद आज पहली बार काफी समय के बाद मौका मिला है कि आप सबको संबोधित करुं। इसलिए सबसे पहले मैं कहना चाहती हूं कि जो मेहनत आपने की, जिस तरह से आप लड़े, उसे पूरे देश ने देखा। नतीजे जो भी आए, कोई भी ये नहीं कह सकता कि हमारे यूपी का कार्यकर्ता, यूपी का नेता लड़ा नहीं था। आपने लड़ते समय देश के एक-एक कार्यकर्ता को प्रेरित किया।

जब मैं उदयपुर इस शिविर के लिए गई थी, तो कई ऐसे लोग अलग-अलग प्रदेशों से मेरे पास आए और उन्होंने यही बात कही कि उत्तर प्रदेश में जो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, नेताओं ने जिस तरह से लड़ाई लड़ी, उससे वो सब प्रेरित हुए। हाँ, ये सच है कि जी-जान से लड़ने के बावजूद हम बुरी तरह हारे और इस सच्चाई से हम पीछे हट नहीं सकते। लेकिन ये मायूस होने का समय नहीं है। तीन महीने बीत गए हैं, मैंने आपको मायूस रहने का कुछ समय भी दे दिया। हमारे एआईसीसी के सचिव 9-9 महीनों से घर नहीं गए थे, वो भी घर गए। आज अजय लल्लू जी मौजूद नहीं है, कोर्ट के मामले की वजह से वो आ नहीं पाए, लेकिन उनके बारे में भी मैं कहना चाहती हूं कि वो जी-जान से लड़े और सिर्फ चुनाव के समय नहीं लड़े, कोविड के समय आप सड़कों पर थे, आपने सबसे ज्यादा राहत पहुंचाई, आपने सबसे ज्यादा काम किया। चाहे जो भी मामला था, जनता के पास आपने पहुंचने की कोशिश की, आपने जनता की आवाज उठाई, आप सड़क पर आए, लाठियां खाईं, हम सब हिरासत में भी लिए गए और अजय लल्लू जी ने खूब प्रयास किया और खूब जी-जान लगाकर उन्होंने लड़ाई की। तो उनको भी मैं धन्यवाद देना चाहती हूं, जो आज मौजूद नहीं हैं। उनके साथ-साथ मोना जी और देवेन्द्र जी, जो इतनी मुश्किल परिस्थितियों में अपने चुनाव जीत पाए, उनके लिए भी एक बार आप ताली बजा दीजिए।

तो देखिए, जैसे मैंने कहा हम सच्चाई से पीछे नहीं हट सकते। तो अब आगे क्या करना है, अगर हम मायूस होकर बैठ जाएंगे और ये सोचेंगे कि आगे कोई आशा नहीं है, निराश हो जाएंगे, तो जिसको निराश होना था, वो तो चला गया। जो यहाँ बैठा है, वो तो लड़ने वाला है। आज अगर आप यहाँ पर मौजूद हैं, तो आप वही हैं, जो निराश नहीं हुए हैं। आप वो हैं जो संकल्प ले रहे हैं कि आप और भी जोरदार लड़ाई लड़ेंगे और मुझे पूरा विश्वास है, आप पर। आप हिले नहीं, आप छोड़कर नहीं गए, कितनी भी मुश्किल परिस्थितियाँ थी, आप अपनी पार्टी के साथ, उसकी विचारधारा के साथ खड़े रहे और यही आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

 

तो क्या हुआ हमने सही मुद्दे उठाए, कुछ नए प्रस्ताव भी रखे पब्लिक के सामने। कुछ मेरी बहनें यहाँ पर बैठी हैं, जिन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा। हमने युवाओं की बात की, बेरोजगारी की बात की, लेकिन कहीं ना कहीं जो भी हमने किया वो काफी नहीं था। तो हमें सीखना पड़ेगा और हमें ये समझना पड़ेगा कि हमें बहुत ज्यादा गहराई से काम करना है। हमने जितना भी किया, वो काफी नहीं था, क्योंकि उसमें जिस गहराई की जरुरत है, शाय़द, वो गहराई नहीं है अभी तक। हमने बहुत बदलाव करने की कोशिश की संगठन में। उदयपुर के शिविर में कई ऐसे प्रस्ताव हैं, जो यहाँ पर पहले से लागू हैँ। यहाँ उत्तर प्रदेश में पूरा जो संगठन है, जो न्याय पंचायत तक बना है, उसमें 70 प्रतिशत 50 साल से कम की उम्र के लोग नियुक्त हैं। तो वो पहले से उत्तर प्रदेश के संगठन में हमने करने की कोशिश की।

इसी तरह से हमारे यहाँ उत्तर प्रदेश में ऐसे कोई लोग नहीं हैं, जिनकी दो-दो पोस्ट हों। तो ये बदलाव हम लाए, लेकिन हम जनता से नहीं जुड़ पा रहे हैं और यहीं हम चूक रहे हैं। जनता से जो संवाद है, जनता से जो संपर्क है, ये हम ठीक तरह से बना नहीं पा रहे हैं। मैंने संकल्प शिविर में भी सबको कहा कि मेरा मानना है कि एक समय में कांग्रेस पार्टी के नेता, कार्यकर्ता सिर्फ राजनीतिक मुद्दों पर नहीं, लेकिन सामाजिक मुद्दों को लेकर भी जनता के बीच होते थे। जहाँ पीड़ा होती थी, वहाँ पहुंचते थे, लेकिन इसके अलावा कोई त्योहार होता था, कहीं दुरदुरिया हो रहा है, कहीं कुछ और हो रहा है गांव में, उसमें भी शामिल होते थे, उसका भी आयोजन करते थे। तो जो अभी तनुज जी ने पढ़कर सुनाया, उसमें एक बहुत अहम बात है, ये जो जुड़ाव है जनता से, जो संपर्क है, जो संवाद है, वो निरंतर होना चाहिए और निरंतर तभी होगा, जब हम इन चीजों में शामिल होना शुरु करेंगे। जब हम घर-घर जाएंगे, अपनी बात बताएंगे और दूसरों की बात सुनेंगे भी।

मैंने अकसर कहा है कि हमारे कई कार्यक्रम अपने ही दायरे में रह जाते हैं। हम कहीं पर कोई आयोजन करते हैं, किसी कार्यक्रम का तो कांग्रेस के कार्यकर्ता, कांग्रेस के नेता आते हैं, लेकिन पब्लिक के कितने लोग आते हैं, हम नए-नए कितने लोगों को जोड़ रहे हैं। तो हमारे सामने बहुत स्पष्ट है कि हमें आगे करना क्या है। जितना काम हमने किया, जितनी मेहनत हमने की, उससे दोगुनी करनी पड़ेगी। उससे 100 बार ज्यादा हमें काम करना पड़ेगा। मुझे मालूम है कि मैंने खूब दौड़ाया आपको। जिला अध्यक्ष अकसर मुझे कहते हैं कि दीदी इतने सारे कार्यक्रम हम कैसे करें, लेकिन कोई और राह नहीं है, हमें और भी करना पड़ेगा, गांव-गांव तक, घर-घर तक पहुंचना पड़ेगा, क्योंकि हम कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, कांग्रेस के नेता हैं, हम ही समझते हैं कि इस देश का क्या हो रहा है। पब्लिक नहीं देख पा रही है, इस समय। तो उनको दिखाना हमारा काम है।

देश का जिस तरह से..., देश के लिए, जिस आजादी के लिए महात्मा गांधी जी लड़े, नेहरु जी लड़े, पटेल जी लड़े, अंबेडकर जी लड़े, सब कांग्रेस के नेता लड़े, वो विचारधारा अलग थी। आज भाजपा की विचारधारा अलग है और भाजपा अपनी विचारधारा घर-घर में ले जा रही है, हम नहीं ले जा पा रहे हैं। हमें मजबूत होना पड़ेगा, हमें अपनी विचारधारा को ठीक से समझना पड़ेगा। हमें समझना पड़ेगा कि हम किसके लिए लड़ रहे हैं। अपने लिए नहीं लड़ रहे हैं, हम इस देश के लिए लड़ रहे हैं, क्योंकि जो आज इस देश में हो रहा है, वो गलत है। हम इस देश के नौजवान के लिए लड़ रहे हैं, जिसको गुमराह किया जा रहा है। जिसको ये कहा जा रहा है कि धर्म और जाति से बंटो, लेकिन ये नहीं बताया जा रहा है कि उन्हें नौकरी कहाँ से मिलेगी, कमाएंगे कहाँ से, पेट कैसे भरेगा, अपने मां-बाप की देखभाल कैसे करेंगे, हम उसके लिए लड़ रहे हैं।

हम सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं कि देश में जो भी हो रहा है, वो इस देश को आगे नहीं बढ़ा रहा है, वो इस देश को पीछे ले जा रहा है। चाहे सामाजिक तौर पर हो, राजनैतिक तौर पर हो, या अर्थव्यवस्था के मामले में हो। जब 2014 में भाजपा की सरकार आई थी, तो आप सब जानते हैं, हमारी अर्थव्यवस्था की क्या हालत थी, आगे बढ़ रहा था देश। मनमोहन सिंह जी की जो नीतियाँ थीं, मनरेगा आया, रोजगार मिले, देश आगे बढ़ रहा था, पूरी दुनिया देख रही थी कि भारत आगे बढ़ रहा है और अर्थव्यवस्था हमारी मजबूत बनती जा रही है।

आज परिस्थितियाँ क्या हैं। आज उत्तर प्रदेश में ही उत्तर प्रदेश के बच्चों को रोजगार नहीं मिलता, बड़े-बड़े शहरों में पलायन करना पड़ता है, तो जब तक हम ये मुद्दे नहीं उजागर करेंगे, महंगाई कितनी है। ये लोग गैस सिलेंडर लेकर बैठ जाते थे, संसद के सामने, जब गैस सिलेंडर का भाव आज से 10 गुना कम था। आज प्याज, टमाटर, सब्जी, गैस, तेल कुछ नहीं मिल रहा है, सही दाम पर। किसान त्रस्त है, युवा परेशान है, घर पर महिलाएं परेशान हैं, लेकिन कहीं न कहीं, ये चीजें भुलाई जा रही हैं। तो हमारा काम क्या है? हमारा काम है कि हम इन मुद्दों को उठाएं। हम एक विकल्प बनें। हम जनता को दिखाएं कि जब कांग्रेस थी, तो आपकी क्या परिस्थितियाँ थीं। उनको समझाएं कि जिस तरह की राजनीति फैल रही है, उससे उनका फायदा नहीं है, लेकिन ये काम मुश्किल है, आसान काम नहीं है। क्योंकि एक धारणा बन चुकी है, कई लोगों के मन में कुछ बातें हैं, समाज में कुछ बातें हैं। तो हमारा काम मुश्किल है। आप जानते हैं, क्योंकि आप सरकार को झेलते हैं, आप वो कार्यकर्ता हैं, वो नेता हैं, जो पीछे नहीं हटे।

 

तो आप जानते हैं कि कितना मुश्किल है, हमारा रास्ता, लेकिन हम थक नहीं सकते और हम डर नहीं सकते। हमें उस रास्ते पर चलना पड़ेगा। हमें अपने-आप को दुरुस्त करना पड़ेगा। जो गलतियाँ हमसे हुईं, उनको सुधारना पड़ेगा। जैसे मैंने कहा, जितनी मेहनत की, उससे दोगुनी मेहनत करनी पड़ेगी, मैं तैयार हूँ, इस मेहनत को करने के लिए। मैं आपके साथ चलने के लिए तैयार हूँ, चाहे कोई भी परिस्थितियाँ हों।

 

यहाँ उत्तर प्रदेश में हम ये जानते हुए लड़े कि परिस्थितियाँ बहुत ही विपरीत हैं, बहुत ही मुश्किल हैं, लेकिन हम पीछे नहीं हटे। और आप ही हैं, इस देश के कांग्रेस के सबसे मजबूत कार्यकर्ता, इस पर मुझे पूरा यकीन है। आपके समर्थन के साथ हम और बदलाव लाएंगे। आज से हम सबसे बातें करना शुरु करेंगे। जो-जो उम्मीदवार थे, जो जिले के अध्य़क्ष हैं, जो पदाधिकारी हैं, सबसे, आप सबसे बात करेंगे कि कौन-कौन कहाँ-कहाँ काम कर रहा था, कौन नहीं कर रहा था, इसका मूल्यांकन करेंगे और ये मैं यहाँ खड़े होकर आपको खुश करने के लिए नहीं कह रही हूँ, मैं करवाऊँगी उनका मूल्यांकन और अपने खुद का भी मूल्यांकन करूँगी ताकि जो आगे का रास्ता है, जो मुश्किल रास्ता है, जो कठिन रास्ता है, उस पर हम चल पाएं और जो हमारे सामने मुश्किलें हैं, उन्हें हम झेल पाएं। तो हमारा काम है कि जो संकल्प उदयपुर के शिविर में लिए गए, हम उन्हें समझें। किस तरह से हम उन्हें लागू करेंगे, उसको भी समझें। उस पर हम चर्चा करें और आज से हम यहाँ पर खड़े हुए हैं, ये संकल्प लें कि हम अपनी पार्टी को घर-घर में गांव-गांव में खड़ा करेंगे और हम इस लड़ाई को तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक जीतेंगे नहीं।

 

आप मन में एक बात रखिए कि जितनी भी राजनैतिक पार्टियाँ हैं, जितने भी दल हैं, जो बीजेपी का विरोध कर रहे है, वो सब अपनी-अपनी जगह, अपना-अपना काम कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस जैसा कोई नहीं है। कांग्रेस की विचारधारा पूरे देशभर में है। कांग्रेस की विचारधारा ने इस देश की नींव डाली। कांग्रेस वो पार्टी है, जो देश के गांव-गांव में अभी भी है। कांग्रेस वही पार्टी है, जो पीछे हटेगी नहीं, जो झुकेगी नहीं, इनके सामने, जो लड़ती रहेगी, जो निडर है और आप उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं। आप अनोखे लाल जैसे, अपनी पार्टी के झंडे को हमेशा के लिए फहराते रहेंगे।

 

तो इसलिए आज हम सब संकल्प लें कि नई ऊर्जा के साथ बगैर किसी मायूसी के हम आगे बढ़ेंगे औऱ इस लड़ाई को दोगुने जोर से लड़ेंगे, दोगुनी ताकत से लड़ेंगे। मायूस होने का समय बिल्कुल नहीं है। सिर्फ दो साल हैं, उससे पहले नगर निकाय का चुनाव भी आ रहा है, तो हमें बहुत तैयारियाँ करनी हैं, और मजबूती से लड़ना है। मुझे पूरी आशा है, पूरा यकीन है कि ये फौज, जो आज यहाँ मौजूद है, इस लड़ाई को मजबूती से, एकदम निडर होकर लड़ेगी।