‘हे राम’ का नारा आरएसएस के लोग भूल गए हैं: राहुल गांधी

5 December, 2022, 10:50 pm

ये भारत जोड़ो यात्रा हमने कन्‍याकुमारी में शुरु की और अब ये राजस्‍थान से दिल्‍ली होकर श्रीनगर तक जाएगी और श्रीनगर में हम अपना प्‍यारा तिरंगा फहरायेंगे।

अभी-अभी आपने कहा कि ये 3,700 किलोमीटर की यात्रा है, बहुत लम्‍बी यात्रा है, बहुत मुश्किल यात्रा है। मगर सच बोलें तो मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं। सच्‍चाई ये है कि 3,700 किलोमीटर से ज्‍यादा हमारे किसान, हमारे मजदूर चलते हैं। खून- पसीना अपना देते हैं, देश को देते हैं और इन सड़कों पर जिन्‍दगी भर हजारों किलोमीटर चलते हैं। देश के किसान, देश के मजदूर सच्‍चे तपस्‍वी हैं। बीजेपी की जो सरकार है, दिल्‍ली की सरकार है, वो हिन्‍दुस्‍तान के जो तपस्‍वी हैं, जो इस देश के लिए काम करते हैं, उन पर आक्रमण कर रही है। पूरा का पूरा फायदा जो आपका धन है, उनके 2-3 उद्योगपति मित्रों को दिया जा रहा है और जो किसान को मिलना चाहिए, जो मजदूर को मिलना चाहिए, जो छोटे दुकानदारों को मिलना चाहिए, स्‍मॉल और मीडियम बिजनेस चलाने वालों को मिलना चाहिए, वो उनको नहीं मिल रहा है, ये आज देश की सच्‍चाई है।

आप इनकी पॉलिसीज देखिए, किसान के लिए ये तीन काले कानून लाए और उन्होंने किसानों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने की कोशिश की। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ये कानून किसानों के फायदे के लिए हैं। प्रधानमंत्री कहते हैं कि कानून किसानों के फायदे के लिए है और हिन्‍दुस्‍तान के सब किसान सड़कों पर उतरे, प्रदर्शन कर रहें है और अन्‍त में किसानों की शक्ति ने, किसानों की हिम्‍मत ने काले कानूनों को रद्द किया और प्रधानमंत्री को पीछे हटना पड़ा। ये छोटा काम नहीं है, एक साल लगा। एक साल से ज्यादा किसानों को सड़कों पर रखा, बारिश में, तूफान में, ठण्‍ड में और गर्मी में, मगर किसान पीछे नहीं हटे। वो ही, जो किसानों के साथ करने की कोशिश की, वो ही हर रोज, छोटे दुकानदार, स्‍मॉल और मीडियम बिजनेस चलाने वाले लोग, उनके साथ नोटबंदी और गलत जीएसटी लागू करके इन्‍होंने की। आप किसी भी दुकानदार से पूछ लीजिए, किसी भी छोटे बिजनेस चलाने वाले व्यक्ति से पूछ लीजिए। वो आपको बताएगा कि ये जो कानून हैं, दो कानून हैं- नोटबंदी और गलत जीएसटी, ये कानून नहीं हैं, ये हथियार हैं। ये गरीबों को चोट पहुचाने के, छोटे बिजनेस वालों को, स्‍माल और मीडियम बिजनेस वालों को चोट पहुचाने के हथियार हैं और इनका लक्ष्य, हिंदुस्तान के अरबपतियों का फायदा करवाना और जो आपका है, छोटे दुकानदारों का है, स्मॉल और मीडियम बिजनेस वालों का है, वो उनसे छीनकर हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपतियों को दिलवाने का है।

नतीजा क्‍या हुआ भाईयों और बहनों, रोजगार बड़े उद्योगपति नहीं देते। रोजगार, जो छोटा बिजनेस चलाते हैं, दुकानदार होते हैं, छोटे व्‍यापारी, स्‍मॉल और मीडियम बिजनेस जो चलाते हैं, ये लोग देते हैं। हिन्‍दुस्‍तान में छोटे-छोटे लाखों बिजनेस हैं, ये युवाओं को रोजगार देते हैं। नोटबंदी और जीएसटी ने इन सबको खत्‍म कर दिया। नतीजा ये हुआ कि आज हिन्‍दुस्‍तान अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे सकता। जितनी भी कोशिश कर लो, आज का युवा नोटबंदी और जीएसटी के कारण इस देश में रोजगार नहीं पा सकता है, सच्चाई है।

ये रास्ता बंद किया, दो और रास्‍ते हैं। एक रास्‍ता, पब्लिक सेक्‍टर का। पब्लिक सेक्‍टर की सब कंपनियों को, बीएचईएल, रेलवेज, तेल की कंपनीज़ को, सबको एक के बाद एक, एक के बाद एक ये प्राईवेटाईज कर रहें हैं। तो पहले जो गरीबों के लिए रास्ता था, रोजगार का रास्ता था, उसको भी इन्‍होंने बन्‍द कर दिया है और अंत में, जो सरकारी नौकरियाँ होती हैं, जो राजस्‍थान की सरकार अभी भी देती है, स्कूल्स में, कॉलेजेज़ में और स्वास्थ्य के जो सिस्टम हैं, अस्पतालों में, सरकारी अस्पतालों में, उन सबको नरेन्‍द्र मोदी जी की सरकार और जहां भी बीजेपी की सरकारें हैं, वो एक के बाद एक, एक के बाद एक, एक के बाद एक बंद कर रहे हैं। तो रोजगार के सारे के सारे रास्‍ते बंद हो रहे हैं, और इसके कारण देश में डर पैदा हो रहा है और डर को बीजेपी के लोग नफरत में बदलते है, इसीलिए हमने ये यात्रा शुरू की।

कन्याकुमारी से कश्मीर, बेरोजगारी के खिलाफ, जो महंगाई, नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बढ़ाती जा रही है, जो पैट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं, जो गैस सिलेंडर के दाम बढ़ते जा रहे हैं, इसके खिलाफ, देखिए, ताली बज रही है, (जनता द्वारा ताली बजाने पर कहा)। यूपीए के समय 400 रूपए का गैस सिलेंडर होता था, आज 1,100 रुपए का है। यूपीए के समय 60 रुपए का पेट्रोल होता था, आज 107 रुपए का है।

भाईयों और बहनों, हम सब जानते हैं कि सबसे ज्‍यादा महंगाई की चोट हमारी माताओं और बहनों को लगती है। सबसे ज्यादा चोट उनको लगती है। मैं बीजेपी से एक बात पूछना चाहता हूं, आरएसएस से एक बात पूछना चाहता हूं। पहले एक नारा हुआ करता था, पूरे देश में एक नारा चलता था, आपने सुना है, ‘जय सियाराम’। सुना है आपने? सुना है? जय सियाराम, मतलब सीता और राम का नारा। भाईयों और बहनों सीता के बिना राम हो सकते हैं? सवाल नहीं उठता। सीता के बिना राम नहीं हो सकते, राम के बिना सीता नहीं हो सकती हैं। देखो आप ये बात समझ गए। राजस्‍थान का किसान, राजस्‍थान का मजदूर, ये बात समझ गया। तो अपने नारे से आरएसएस और बीजेपी के लोगों ने सीता माँ को क्‍यों निकाला है? सीता माता को क्‍यों निकाला नारे से? वो कभी जय सियाराम क्‍यों नहीं बोलते? ठीक है, अगर जय श्री राम बोलना है, तो बोलिए, मगर आरएसएस के लोगों को जय सियाराम बोलना पड़ेगा, और वो सीता मां का अपमान नहीं कर सकते हैं।  

एक दूसरा नारा है, जो गांधी जी कहते थे, वो शायद सबसे सुंदर नारा है, आपको याद है? ‘हे राम’ ये सबसे गहरा नारा है। ‘हे राम’ का मतलब मैं आपको बताना चाहता हूं। जो शब्‍द गांधी जी ने गोली खाने के बाद कहे थे, तीन बार- हे राम, हे राम , हे राम। उस नारे की गहराई और गांधी जी की सोच, मैं आज आपको बताना चाहता हूं। ‘हे राम’ का मतलब जो राम भगवान थे, उनकी एक सोच थी, उनके दिल में भावना थी, उनका जीने का तरीका था। वो सब का आदर करते थे, वो नफरत किसी से नहीं करते थे, वो सबसे प्‍यार करते थे, सबसे गले लगते थे, उस भावना को हम ‘हे राम’ कहते हैं।

जब हम ‘हे राम’ कहते हैं, हम निर्णय करते हैं कि जो राम जी की भावना थी, उस भावना से हम अपना जीवन जीयेंगे। ये है मतलब, ‘हे राम’ का। ये भी नारा आरएसएस के लोग भूल गए हैं। वो कभी ‘जय सियाराम’ नहीं बोलते। सीता को परे कर दिया और हे राम कभी नहीं बोलते, क्‍योंकि वो जो राम भगवान की जो भावना है, उसको नहीं मानते, क्‍योंकि अगर मानते, तो इस देश में जो नफरत फैला रहे हैं, जो हिंसा फैला रहे है, वो कभी नहीं फैलाते। जो किसानों के साथ वो अत्याचार कर रहे हैं, जो युवाओं को वो बेरोजगार बना रहे हैं, जो महिलाओं का वो अपमान कर रहे हैं, वो कभी नहीं करते।

तो मैं आरएसएस के लोगों से कहना चाहता हूँ, आप भगवान राम को समझिए, उनकी भावना, उनके जीने के तरीके को समझिए। उन्‍होंने सिर्फ प्यार की बात की थी, भाईचारे की बात की थी, इज्ज़त की बात की थी, नफ़रत की बात नहीं की थी, हिंसा की बात नहीं की थी। तो जब भी आपको कोई आरएसएस का व्‍यक्ति मिले या बीजेपी का व्‍यक्ति मिले, कांग्रेस के कार्यकर्ता और राजस्थान की जनता उनसे कहो- पहले ‘हे राम’ बोलो और फिर ‘जय सियाराम’ बोलो।

आप दूर दूर से आए, यात्रा में आपने इतना समर्थन दिया, आज लाखों लोग हमारे साथ चले हैं, आपने प्यार दिया, पूरा का पूरा आपने अपना दम लगा दिया, आपने हमारी मदद की। आमतौर से आदमी यात्रा में सुबह उठता है, थकान नहीं होती। शाम को थोड़ी सी थकान हो जाती है। इस यात्रा में जादू सा है, हम सुबह उठते हैं, थकान नहीं होती, अभी हम 6-7 घंटे चले हैं और ऐसा ही लग रहा है कि आज अभी-अभी उठे हैं, अभी-अभी यात्रा शुरु की है और ये आपकी देन है। हम अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, आपकी शक्ति इस यात्रा की मदद कर रही है और आप की ही शक्ति तिरंगे को श्रीनगर में फहराएगी।