पंचम धाम के कार्यों को आगे बढ़ाएगी भारत और कम्बोडिया की सरकार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की संस्कृति के विस्तार पर बोलते हुए कहा “ भारत की सभ्यता को सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी पुनर्जीवित रखने की ज़िम्मेवारी हमारी है।” विदेश मंत्री आज समाज और राष्ट्र निर्माण में मंदिरों के योगदान पर बोलते हुए यह बात कहीं।
कम्बोडिया में पंचम धाम की मुहिम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रायोगिक संस्थाओं द्वारा काफ़ी लंबे समय से चलाया जा रहा है। एस जयशंकर ने कहा अपने भारतीय संस्कृति के महत्त्व और दर्शन के साथ साथ जीने के तरीक़े को दुनिया के देशों से साझा करने हेतु विदेश मंत्रालय प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्री ने कम्बोडिया एवं अन्य देशों में में भारतीय संस्कृति के लिये काम कर रहे अप्रवासी भरतियों की ओर इशारा करते हुए कहा “ हम उनको सहयोग करते हैं, जो अप्रवासी भारतीय सभ्यता पर विदेशों में काम कर रहे हैं, आज ज़रूरत है उनको हम सहयोग करें।”
दोनों देशों के समझौते पर सहमति के तहत सीधी उड़ान जो गया दिल्ली से नॉमपेन होते हुए सीमरीप तक जायेगी। आगे यह प्रस्ताव उड़ान सेवा के पास जायेगी, जो भी इसपर टेंडर करेंगे उनको यह उड़ान दी जाएगी। एक अन्य समझौते के मुताबिक़ सिमरीप के बिखरे मंदिरों का कायाकल्प किया जायेगा। इस हेतु 70 हज़ार यू एस डी डॉलर भारत वहाँ की सरकारी संस्था अप्सरा को देगी। इससे दोनों देशों के बीच पर्यटन, व्यापार और भारतीय संस्कृति का विकास होगा।
आर एस एस की ओर से इन्द्रेश कुमार ने भारत कम्बोडिया के रूट मेप को बहुत ही साफ़ कर दिया था।