इंटरनेट के भविष्य को लेकर अपना फ्रेमवर्क खुद बनाएगा भारत, दुबई में बोले राजीव चंद्रशेखर

15 December, 2022, 1:04 pm

नई दिल्ली, 15 दिसंबर, 2022। केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि भविष्य में इंटरनेट को लेकर नीतियां बनाने के लिए भारत को किसी दूसरे देश या वैश्विक प्रथा का अनुकरण की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के 82 करोड़ यूजर को यह तय करने का अधिकार है कि उन्हें किस प्रकार का इंटरनेट चाहिए।
इंडिया ग्लोबल फोरम की ओर से दुबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री श्री उमर सुल्तान अल ओलामा के साथ एक विशेष सत्र की अध्यक्षता करते हुए आईटी राज्यमंत्री श्री चंद्रशेखर ने कहा, ’’इंटरनेट गवर्नेंस के लिए यूरोप के जीडीपीआर को स्वर्णमान यानी मानक जाता है। लेकिन हम इससे सहमत नहीं है। हम (भारत) 82 करोड़ इंटरनेट यूजर के साथ ग्लोबल इंटरनेट पर सबसे सबसे बड़ी उपस्थिति दर्ज करानेवाले (देश) हैं और हमे अपनी नियति को आकार देने का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए हम अपनी राह खुद तय करेंगे और इंटरनेट के लिए अपना फ्रेमवर्क खुद बनाएंगे।’’

जनता के परामर्श के लिए हाल ही में सार्वजनिक किए गए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए आईटी राज्यमंत्री ने कहा, “अपने नागरिकों के डिजिटल अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। लेकिन हम नहीं मानते हैं कि भारत में हो रहे नवाचार के इकोसिस्टम पर इससे कोई असर पड़ना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सरकार इंटरनेट को खुला, सुरक्षित और भरोसेमंद एवं जवाबदेह इंटरनेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत के स्टैक का जिक्र करते हुए, श्री चंद्रशेखर ने कहा कि देश में सरकार और नागरिकों के बीच भरोसा कायम करने बनाने में भारत के स्टैक से मदद मिली है। इससे हस्तांतरण की बाधाएं दूर हो गई हैं और सरकारी निधियों का लाभार्थियों तक हस्तांरण आसान हो गया है। भारत के स्टैक को अन्य देश भी अपना सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) या तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण के दौर में डिजिटलीकरण का खर्च वहन करने में असमर्थ देशों के लिए भारतीय स्टैक का फायदा उठाने एक अवसर है। 

इस मौके पर भारत के स्टैक की सराहना करते हुए श्री ओलमा ने कहा, ‘‘भारत ने किसी का अनुकरण नहीं किया। उन्होंने अपना मार्ग खुद बनाया जिसका अनुकरण बहुत सारे कर रहे हैं।’’
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘‘भारत जैसा बड़ा देश एक दशक से भी कम समय में इस प्रकार का कुछ करने में समर्थ है जोकि अत्याधुनिक है। मुझे नहीं मालूम कि यह कितना आश्चर्यजनक है!’’
इससे पहले आईजीएफ के इतर एनडीटीवी के साथ बातचीत में, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज जो ‘भ्रामक सूचनाओं को हथियार बनाया जा रहा है’ और साइबर हमले हो रहे हैं, इन सब पर नकेल कसने के लिए आगामी डिजिटल इंडिया एक्ट में प्रावधान किए जाएंगे। 
डिजिटल इंडिया एक्ट मौजूदा आइटी कानून की जगह लेगा।

आईटी राज्यमंत्री ने कहा, ’’ क्लाउड्स के प्रसार और सीमाहीन इंटरनेट के चलते भौगोलिक सीमा के पार डेटा का प्रवाह प्रायः होता ही है। इसलिए हम विश्वसनीय भौगोलिक क्षेत्रों या ‘भरोसेमंद गलियारे’की पहचान करेंगे जहां डेटा को संग्रहित और संसाधित किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो कि सभी भारतीयों के डेटा सुरक्षित हैं।