यात्रा के लक्ष्य तीन हैं - सबसे जरूरी कि हम हिंदुस्तान को जोड़ना चाहते हैं : राहुल गांधी

16 December, 2022, 9:43 pm

श्री राहुल गांधी ने कहा कि आपका सबका यहाँ बहुत-बहुत स्वागत। अब 'भारत जोड़ो यात्रा’ के 100 दिन हो गए हैं। कन्याकुमारी से, अब हम राजस्थान से निकल रहे हैं, बहुत अच्छा एक्सपीरियंस रहा है। जब शुरू किया, तो प्रेस के हमारे मित्रों ने कहा था कि देखो, ये साउथ में सक्सेस रहेगी, मगर जब साउथ से निकलेंगे तो सक्सेस नहीं होगी। फिर महाराष्ट्र में कहा कि हाँ, महाराष्ट्र में तो सक्सेस हो गई, मगर हिंदी बेल्ट में सक्सेस नहीं होगी और फिर हिंदी बेल्ट में जब हम आए, कहा - अच्छा मध्यप्रदेश में सक्सेस हो गई, परंतु अब राजस्थान में फैक्शनलिज्म है, वहाँ पर सक्सेस नहीं होगी और आपने बहुत क्लियरली देखा कि राजस्थान में बहुत लोग आए, लाखों लोग आए, हमारे संगठन ने बहुत अच्छा इफेक्टिव काम किया और शायद सबसे अच्छा रिसेप्शन इस यात्रा का राजस्थान रहा है। यात्रा के लक्ष्य तीन हैं - सबसे जरूरी कि हम हिंदुस्तान को जोड़ना चाहते हैं, जो नफरत, हिंसा और डर की राजनीति बीजेपी कर रही है, आरएसएस कर रही है, उसके खिलाफ हम खड़ा होना चाहते हैं। ये मैसेज बहुत अच्छी तरह देश में गया है। बहुत अच्छा रिसेप्शन हुआ है, इस मैसेज का। ये लोग सुनना चाहते हैं, ये राजनीति करने का एक दूसरा तरीका है, कांग्रेस का तरीका है, गांधी जी का तरीका है।

दूसरे दो मैसेज हैं - एक जो बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, उसके खिलाफ और दूसरा - जो महंगाई और जो इन्कम इन इक्वैलिटी हो रही है, जो चुने हुए लोगों को बहुत सारा फायदा मिल रहा है और हमारे जो किसान हैं, मजदूर हैं, छोटे दुकानदार हैं, युवा हैं, उनका नुकसान हो रहा है। तो ये हमारे तीन मुद्दे थे।

एक प्रश्न पर कि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में जबसे आई हैकांग्रेस सड़कों पर दिख रही हैकोई बयानबाजी भी नहीं हो रही हैलेकिन जब आप राजस्थान यहाँ से छोड़कर जाएंगेतो क्या स्थितियां यही रहेंगीश्री गांधी ने कहा कि मेरी राय है कि जो मैंने देखा है और ये सिर्फ राजस्थान की बात नहीं है, ये बाकी स्टेट की भी बात है कि मेन इशू कांग्रेस पार्टी का कि हमारा जो आम कार्यकर्ता है, जो सड़क पर लड़ता है, जो लोअर लेवल का नेता है, उसको हमें पार्टिसिपेट करवाना है, उसको हमें जगह देनी है और उसकी बात हमें सुननी है। ये मेन इशू है। जो ये बयानबाजी की बात होती है, ये तो आप जानते हैं, प्रेस वाले, आप थोड़ा मजा, मतलब अपने अखबारों में लिखना चाहते हैं,आप करते रहते हैं,  ये आपकी आदत है, अच्छी आदत है। इससे आपके अखबार बिकते हैं। मगर हमारा जो स्ट्रक्चर है, उसमें बड़ी क्लैरिटी है, उसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है और दूसरी बात देखिए, हमारी पार्टी डिक्टेटरशिप की पार्टी नहीं है, जो फासिस्ट पार्टी नहीं है। हमारी पार्टी में थोड़े से डिस्कशन हमें ठीक लगते हैं, कोई प्रॉब्लम नहीं है हमारे लिए। अगर अलग-अलग विचार हैं, तो कोई प्रॉब्लम नहीं है और ये सिर्फ राजस्थान की बात नहीं है, हमारा हर स्टेट में ऐसा ही है, सेंट्रल में भी हमारा ऐसा ही चलता है। तो हम इस चीज को टॉलरेट करते हैं। ज्यादा नुकसान नहीं होना चाहिए। तो अगर ज्यादा नु्कसान होता है, तो हम एक्शन भी लेते हैं। मगर जनरली ये कांग्रेस पार्टी की विचारधारा है, हमारी पार्टी के लोग अगर कुछ बोलना चाहें, तो हम उनको डरा कर चुप नहीं करते  हैं और प्रेस वाले बोलना चाहें, तो वो तो हम बिल्कुल नहीं डराते, ये तो आप जानते हैं।

एक अन्य प्रश्न पर कि आप कन्याकुमारी से चले और राजस्थान तक आएराजस्थान एक ऐसा राज्य हैजहाँ कांग्रेस पार्टी की सरकार हैतो इस स्टेट में आपको क्या अंतर देखने को मिला हैश्री गांधी ने कहा कि सबसे पहले मुझे ज़मीन से एक बात समझ आई और ये तमिलनाडु से लेकर राजस्थान तक कि कांग्रेस पार्टी का जो कार्यकर्ता है, कांग्रेस पार्टी का जो सपोर्टर है, उसमें कोई कमी नहीं है। लाखों-करोड़ों लोग हैं और सिर्फ हमारी पार्टी के लोग नहीं, मतलब आम नागरिक भी, बहुत, मतलब कांग्रेस पार्टी से बहुत प्यार करते हैं। तो ये तो देखने को मिला हर स्टेट में।

जो आपने कहा कि जब हमने यात्रा शुरू की, मैंने भी सोचा था कि एक्चुअली जो केरल में हमारा संगठन है, वो शायद बहुत मजबूत है। मगर उसके बाद मैंने सोचा कि केरल बैस्ट होगा, केरल के बाद कर्नाटक उससे बेहतर चला गया और इम्प्रूव करता गया, इम्प्रूव करता गया, मतलब मध्यप्रदेश में जो हमें रिस्पॉन्स मिला, महाराष्ट्र में जो रिस्पॉन्स मिला। आप लोग दिखा नहीं रहे हैं, वो तो मतलब आपको करना पड़ रहा है, आप दिखा नहीं पा रहे हैं, वो अलग बात है। परंतु भयंकर रिस्पॉन्स है, इमोशनल रिस्पॉन्स है, प्यार भरा रिस्पॉन्स है सब जगह। यहाँ पर दो - तीन योजनाओं के बारे में लोग मुझे कहते हैं और आम नागरिक कह रहे हैं। एक- ये जो चिरंजीवी योजना है, इसके बारे में काफी लोग कह रहे हैं कि ये बहुत अच्छी योजना है। दूसरा जो यहाँ पर शहरी मनरेगा शुरू किया है, शहरी रोजगार गारंटी स्कीम, उसके बारे में भी लोग काफी कह रहे हैं। छोटी-छोटी प्रॉब्लम्स हैं, तो चलते हुए लोग थोड़ी शिकायत करते हैं कि यहाँ पर बिजली नहीं आ रही है, आज लोगों ने मुझे कहा कि उनके गांवों में फ्लोराइड का पानी है, तो ऐसी शिकायतें आती हैं, वो तो सब जगह आती हैं। तो ओवरऑल काफी अच्छा रिस्पॉन्स रहा है। कोई शिकायत नहीं है।

एक अन्य प्रश्न पर कि राजस्थान के 4 साल सरकार के पूरे हो रहे हैंअभी जो हाल में घटनाक्रम हुआउसके बाद आपको क्या लगता है कि अगले साल सरकार रिपीट के लिए क्या किया जाएगाश्री गांधी ने कहा कि देखिए, चुनाव का प्रिडिक्शन आप लोग करते हैं, आप लोग जानते हैं। मगर मैं आपसे ये कह सकता हूं कि यहाँ पर ओवरवैल्मिंग रिस्पॉन्स रहा है और हमारे जो कार्यकर्ता हैं, उनमें अनबिलीवेबल स्ट्रैंथ है। जो मैंने पहले कहा अगर हमने, जो हमारे कार्यकर्ता हैं,जो हमारे लोअर लेवल के लीडर हैं, उनका अच्छी तरह प्रयोग किया, तो हम चुनाव बहुत आसानी से जीत जाएंगे। जो लोग हमारे लिए काम करते हैं, जो लोग हमारे लिए लड़ते हैं, अगर उनको हमने सही जगह दे दी, तो यहाँ पर भयंकर जीत होगी, स्वीप होगा। तो वही मेन इशू है।

एक अन्य प्रश्न पर कि राहुल जी आप कह रहे हैं कि रिस्पॉन्स अच्छा मिल रहा हैलेकिन पार्टी के अंदर बहुत सारे अनिर्णय की स्थिति होती है। ये अनिर्णय की स्थिति कब तक रहेगीश्री गांधी ने कहा कि कोई अनिर्णय की स्थिति नहीं है। बड़ा क्लीयर है। ये मतलब, थोड़ा-थोड़ा होता रहता है पार्टी में। हमारी पार्टी में कोई बड़ी समस्या नहीं है, कोई कन्फ्यूजन नहीं है। अगर आप कॉन्ट्रोवर्सी चाहते हैं, मुझसे पूछिए, मैं कॉन्ट्रोवर्सी करवा सकता हूं आपके लिए, बिकेंगे आपके अखबार।

एक अन्य प्रश्न पर कि राजस्थान में अगला चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगाश्री गांधी ने कहा कि भईया, मैं कांग्रेस पार्टी का प्रेसीडेंट नहीं हूं, कांग्रेस पार्टी के प्रेसीडेंट खरगे जी हैं, आप ये सवाल उनसे पूछिए। आपने सवाल पूछा, मैंने सवाल का जवाब दे दिया। फिर से दोहरा देता हूं, खरगे जी से पूछिए।

On a question that what is your planning to stop this tide of people leaving Congress, Shri Rahul Gandhi said- Where is the tide? Last, I heard Congress won the Election in Himachal Pradesh, you are not congratulating us for that. How come you haven’t said- Congratulation Congress Party for winning Himachal Pradesh, that you are not saying.

On a further question that is only a drop in the ocean, Shri Gandhi said- No, It’s not. Please don’t underestimate what the Congress Party is. See, what has happened and with all due respect, you have been responsible for it.

So, there has been a systematic defamation campaign, okay, run against myself for sure and run against the Congress Party and the press has participated willfully in this campaign. I don’t blame you, but, the idea that Congress Party is withering away, Congress Party is ineffective, Congress Party…, this has all been preached by the BJP and you have played a part in putting this across.

Let me be very clear, the Congress Party is an ideological party. It is the party that is ideologically opposed to the BJP. It is the party that is fighting the BJP on the ground, it does not compromise with the BJP. It has its principles and of course, if certain people want to leave the Congress Party, they don’t have the courage to face the BJP, they have been corrupt and the BJP can apply pressure on them, they are welcome to leave, we don’t want them, the more the merrier, right?

What we need is people, who are fighting the BJP, who believe in the Congress ideology and who are standing firm against the fascism that is taking place in this country. That’s what we need. So, this idea that the Congress Party is dying, that Congress Party is finished, I mean, a lot of people have this fantasy, right? It is not true, it won’t come true, mark my words, the BJP is going to be taken down by the Congress Party, okay! Thank you!

एक अन्य प्रश्‍न पर कि कांग्रेस पार्टी से कुछ नेताओं के चले जाने से क्‍या फर्क पड़ता है, श्री गांधी ने कहा कि देखिये बीजेपी, आरएसएस ये इनका काम डी‍फेमेशन है, ये ही इनकी सबसे बड़ी स्‍ट्रैटजी है, यही इनकी सबसे बड़ी स्किल है। मुझे डीफेम किया और हर रोज़ ये कांग्रेस पार्टी को डीफेम करते हैं और मैं आपको सच बताऊं तो इसमें प्रेस का भी रोल है। मैं आपकी गलती नहीं बता रहा हूं, आपके मालिक हैं, आप पर दवाब डालते हैं वो ठीक है, मगर ये कहना कि कांग्रेस पार्टी बिखर गई, कांग्रेस पार्टी खत्‍म हो गई ये बिल्‍कुल गलत है, कांग्रेस पार्टी एक विचारधारा है, देश में बहुत जीवित है, लाखों-करोड़ों लोगों के दिल के अन्‍दर है और यही पार्टी है जो बीजेपी के खिलाफ़ लड़ रही है, जो पीछे नहीं हटती है, आईडियोलॉजिकली लड़ रही है और यही पार्टी बीजेपी को आने वाले समय में हराकर दिखाएगी।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद आप ये यात्रा कर रहे हैं, क्या कार्यकर्ता के प्रति आपकी और कार्यकर्ता की आपके प्रति शैली में कोई परिवर्तन आया है, श्री गांधी ने कहा कि ये तो आपको उनसे पूछना पड़ेगा। ये तो वो बताएंगे, मैं कैसे बताऊं। मेरा पर्सनल नज़रिया नहीं, लाईफ का एक्‍सपीरियंस होता है, वो भी एक एक्‍सपीरियंस था, ये भी एक्‍सपीरियंस है तो एक सफ़र है। उससे भी सीखने को मिला, इससे भी सीखने को मिला। मगर यात्रा से मुझे पर्सनली तो काफी फायदा हुआ है, यात्रा अभी खत्‍म नहीं हुई है, मगर बहुत सीखने को मिला है।

जो सड़क पर दिखता है और चलने से जो दिखता है, वो बिल्‍कुल अलग होता है। मतलब थोड़ी थकान होती है, थोड़ा दर्द होता है तब सुनने में सच्चाई अच्‍छी सुनाई देती है, क्‍योंकि जब सड़क पर चला जाता है तो जैसे अब हम लाखों लोगों से मिल रहे हैं और वन-टू-वन बात होती है और जब हम सड़क पर चलकर बात करते हैं। तो जैसे हम किसान से मिलते हैं तो वो इस बात को समझ लेता है, एकदम समझ लेता है कि ये जो व्‍यक्ति आया है, ये दर्द सहकर आया है, ये फालतू में नहीं आया है, ये चलकर आया है, एक प्रकार से बोझ उठाकर आया है। तो वो दूसरे तरीके से बोलता है और वो दिल से बोलता है, वो दिमाग से नहीं बोलता है। तो जब हिन्‍दुस्‍तान की जनता दिल से बोलती है तो बिल्‍कुल अलग चीज़ समझ आती है, एक बात ये है।

दूसरी बात है कि मुझे लगता है और इसमें मैं शायद गलत हूं, मगर मुझे लगता है। कि हमारी राजनीति में, जो पहले हमारी राजनीति हुआ करती थी। खासतौर से 70-80 साल पहले महात्‍मा गांधी जी के समय की राजनीति, इंडिपेंडेंस की राजनीति, उसमें राजनेता जनता के बीच में होता था, एक प्रकार से जनता के अन्‍दर होता था, दूरी नहीं थी और आज राजनेताओं के बीच में और मैं सिर्फ सीनियर लेवल राजनेताओं की बात नहीं कर रहा हूं, जूनियर लेवल राजनेताओं के बीच में और जनता के बीच में एक दूरी सी पैदा हो गई है, थोड़ा सा उसको अहंकार कह सकते हैं, अहंकार पैदा हो गया है।

शायद, उस टाइम देश गरीब था, आजादी मिली थी तो नेताओं की अप्रोच थोड़ी अलग थी। आज-कल मुझे लगता है कि दूरी बन गई है और मैंने सोचा कि ये जो दूरी है और शायद मुझमें भी थी, थोड़ी सी दूरी, मैंने सोचा इस दूरी को खत्‍म करना है। ये दूरी फिजिकल दूरी नहीं है, ये दर्द की दूरी है तो अगर हम दर्द नहीं सहेंगे, हम पास नहीं जा सकते, समझ नहीं सकते तो यात्रा का ये भी लक्ष्‍य था। सिर्फ मैं नहीं, अब कांग्रेस पार्टी के बहुत लोग चले हैं, जनता के बीच गए हैं और जनता का बहुत प्‍यार मिला है, आपको मैं समझा नहीं सकता। क्‍या इसका मतलब है, ऐसे बोलने में बात नहीं समझ आती और जो हिन्‍दुस्‍तान का जो ज्ञान है, जो आम नागरिक में है, जिसके बारे में आप लोग लिखते नहीं हो, मीडिया में दिखाई नहीं देता। आप लोग ऐश्‍वर्या राय जी, विराट कोहली जी, अमिताभ बच्‍चन जी के बारे में लिखते हो। मगर जो आम नागरिक है, जो अपना खून-पसीना दे रहा है, उसका जो ज्ञान है, उसका कोई मुकाबला ही नहीं है, उसका जो प्‍यार है, उसका कोई मुकाबला नहीं है। तो ये सीखने को मिल रहा है।

एक अन्‍य प्रश्न पर कि जो दल कांग्रेस विचारधारा से निकले हैं क्‍या उनको समाहित करने का काम करेगी, कांग्रेस पार्टी?  के जवाब में श्री गांधी ने कहा कि  हर पार्टी का इवॉल्‍यूशन होता है, ट्रांजीशन होता है। जो कांग्रेस पार्टी दस साल पहले थी, जो हिन्‍दुस्‍तान के हालात दस साल पहले थे, बीस साल पहले थे, तीस साल पहले थे, चालीस साल पहले थे, वो बदलते जाते हैं। पार्टी को अडैप्‍ट करना पड़ता है, अभी आप कांग्रेस पार्टी को अडैप्‍ट करते हुए देख रहे हैं।

कमियाँ रही हैं, मैं ये नहीं कह रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी ने कभी गलती नहीं की, गलती की है, बहुत गलतियां की हैं, मगर देश के जो हालात हैं, उसके लिए अब कांग्रेस पार्टी अडैप्‍ट कर रही है और जो कांग्रेस पार्टी की जड़ है, जो उसका डीएनए है अब कांग्रेस पार्टी उसकी ओर जा रही है और मैं आपको एक बात कह सकता हूं, जिस दिन कांग्रेस पार्टी ने अपनी जड़ पकड़ ली, जिस दिन जो कांग्रेस है, वो कांग्रेस संगठन बन गया, उस दिन यहां पर कोई नहीं हरा सकता कांग्रेस को। तो ये कम्‍युनिकेशन है जनता के साथ एक कम्‍युनिकेशन है, जनता को समझने का प्रयास है और अपने आपको बदलने का प्रयास है।

तो आप ट्रांजीशन देख रहे हैं, इसमें थोड़ा टाईम लगेगा, मगर ये विचारधारा जो है, कांग्रेस पार्टी की ये 10-15 साल पुरानी नहीं है, ये 100 साल पुरानी भी नहीं है, ये जो लड़ाई चल नही है, ये हजारों साल पुरानी लड़ाई है। तो ये विचारधारा की लड़ाई पहले थी, आज है, कल भी रहेगी। कांग्रेस पार्टी को प्रिसाइज़ली ये समझना है कि कांग्रेस पार्टी है क्‍या, और वो एक सफर है और हमारे लिए जो हो रहा है। मैं आपको बताऊं ये जो बीजेपी आई है, जो आरएसएस आई है, सारे इंस्‍टीट्यूशन्स को कैप्‍चर कर लिया है इन्‍होंने, ये कांग्रेस पार्टी के बदलाव के लिए, ट्रांजीशन के लिए नई एक जो कांग्रेस पार्टी का जो रूप है, उसके लिए बहुत अच्‍छा है, खराब नहीं है और जो हमारे सीरियस नेता हैं, जो कांग्रेसी हैं उनको ये मालूम है और वो दिख जाते हैं, वो डरते नहीं हैं, वो दिख जाते हैं।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि ओपीएस राजस्‍थान में लागू कियाहिमाचल में भी ओपीएस की वजह से आप लोग सत्‍ता में आएश्री गांधी ने कहा कि ये आपने बहुत बड़ी स्‍टेटमेंट की कि हिमाचल में आप ओपीएस के कारण आए। ये साईंटफिक एनालिसिस किसी ने नहीं किया।

आरबीआई गवर्नर श्री रघुराम राजन से ओपीएस से संबंधित चर्चा को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री गांधी ने कहा कि नहीं उनसे बात नहीं हुई, मगर हमारी जो जनरल अप्रोच होती है, जो हमारी स्‍टेट लीडरशिप, नॉर्मली जो स्‍टेट लीडरशिप करना चाहती है। थोड़ी सी फ्लेक्सिबिलिटी हम उनको देते हैं, तो हम ये नहीं कहते हैं कि हर स्‍टेट को ये करना है, हम सेंटर से एडवाईस दे सकते हैं, एडवाईस देते हैं, हमें लगता है कि ये ठीक है या ये ठीक नहीं है। लेकिन जर्नली हम स्‍टेट पर छोड़ देते हैं क्‍योंकि अलग-अलग स्‍टेट को अलग-अलग तरीके से अपनी सरकार चलानी पड़ती है।

एक अन्य प्रश्न पर कि आप ये कह रहे हैं कि आपकी यात्रा सियासी नहीं है, अगर इसका उद्देश्य चुनाव जीतना नहीं है, तो पब्लिक पूछ रही है कि ये व्यक्ति क्यों घूम रहा हैश्री राहुल गांधी ने कहा कि ये मेरी यात्रा नहीं है, जो भी, मगर मेरी नहीं है। ये व्यक्ति इसलिए घूम रहा है क्योंकि इस देश में बीजेपी ने डर और नफरत फैला दी है और ये व्यक्ति इसलिए घूम रहा है क्योंकि वो डर और नफरत को मिटाना चाहता है और ये व्यक्ति, ये पहला व्यक्ति नहीं है जो ऐसे घूम रहा है, ऐसे बहुत सारे व्यक्ति घूमे हैं और ये हिंदुस्तान का इतिहास है। ये जो नफरत और डर से लड़ने की ये हिस्ट्री है हमारी, ये इतिहास है और मैं पहला नहीं हूं और अंतिम नहीं होऊंगा और ये मेरी यात्रा नहीं है, ये हिंदुस्तान के लोगों की यात्रा है। ये कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के लिए यात्रा है और ये हिंदुस्तान को जोड़ने के लिए यात्रा है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री राहुल गांधी ने कहा कि देखिए हिंदुस्तान में, एक और चीज जोड़ना चाहता हूं, हिंदुस्तान में एक फैशन बन गया है और ये प्रेस वालों ने भी थोड़ा फैलाया है, बीजेपी- आरएसएस तो फैलाती है कि देश के लोग एक - दूसरे से नफरत करते हैं। मगर जो मुझे दिखा और मैं अब तकरीबन ढाई हजार, कितने चले हैं जयराम जी? (श्री जयराम रमेश ने जोड़ा कि – 2,800 किलोमीटर) 2,800 किलोमीटर चला हूं, तो थोड़ा तो मैंने देखा होगा। मुझे दिखा है कि इस देश में करोड़ों लोगों के दिल में एक-दूसरे के लिए प्यार है, मोहब्बत करते हैं एक-दूसरे से। भाईचारा है और एक-दूसरे के लिए लड़ जाएंगे, मर जाएंगे। मुझे बहुत खुशी हुई क्योंकि मैंने भी सोचा था कि भाई, देश को हो क्या गया है। ऐसे देश में इतनी नफरत कैसे हो सकती है और सच बताऊं तो मुझे बहुत अच्छी चीज देखने को मिली कि नफरत ऊपर से फैलाई जा रही है, उसमें आप लोग भी काम कर रहे हैं। करना पड़ रहा है। मगर नीचे से आप देखें, प्यार है, भाईचारा है, इज्जत है, रिस्पेक्ट है और यही इस देश की संस्कृति है, यही इस देश की हिस्ट्री है, इसको बदला नहीं जा सकता है।

एक अन्य प्रश्न पर कि आपने इस यात्रा से राजनीतिक और सामाजिक रूप से क्या दो-तीन चीजें महसूस की हैंजो चुनौती बन सकती हैं, श्री गांधी ने कहा कि इस देश में आर्थिक अन्याय हो रहा है और देश के लोगों को ये दिख रहा है। देश के लोग देख सकते हैं कि चुने हुए लोगों के पास सब कुछ है। सपने हैं, अरबों रुपए हैं, सब कुछ है और करोड़ों लोगों के पास कुछ नहीं है। सबको दिख रहा है। करोड़ों लोग हर रोज उठते हैं, कोई ना कोई सपना देखते हैं और फिर उनका सपना टूट जाता है। युवा कोई इंजीनियर बनने की कोशिश करता है, कोई डॉक्टर बनने की कोशिश करता है। दिल में उनको सच्चाई मालूम है कि कुछ मिलेगा नहीं, जानते हैं। जैसे बहुत सारे युवा मुझसे कहते हैं, मैं पूछता हूं - क्या कर रहे हो? आईएएस में जाना चाहते हैं। फिर मैं सवाल पूछता हूं – बेटा, हिंदुस्तान में कितने लोग हैं- 140 करोड़। बेटा हिंदुस्तान में साल में आईएएस कितने लोगों को मिलती है – 150, क्या तुम्हें सचमुच में लगता है कि तुम आईएएस में जा सकते हो? चुप हो जाते हैं।

तो इस देश में जो अन्याय हो रहा है, जिसकी रक्षा आप भी कर रहे हैं, जिसको आप भी छुपा रहे हैं। आप नहीं छुपाना चाहते हैं, मगर छुपा रहे हैं। वो देश की जनता को दिख रहा है और यही कांग्रेस पार्टी का काम है कि देश का जो विजन होना चाहिए, आगे का, पीछे का नहीं। बीजेपी कहती है देखो, देखो, देखो 2,000 साल पहले क्या हुआ, वो विजन नहीं होता है। जैसे मैंने किसी से कहा गाड़ी को आप रियर व्यू मिरर में देख कर नहीं चला सकते, एक्सीडेंट होगा। वही हिंदुस्तान को हो रहा है। कांग्रेस पार्टी आगे देखती है। भूलते नहीं हैं, हिस्ट्री को भूलते नहीं हैं। मगर हम आगे देखते हैं। हम देश को विजन देने की कोशिश करते हैं। हम देश की आवाज सुनते हैं, तो हमारे लिए बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है और ये काम सिर्फ कांग्रेस पार्टी कर सकती है और कोई बीजेपी नहीं कर सकती है। तो हमारे लिए बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है। दुख होता है, ये देखकर दुख होता है कि 100 लोगों के पास इतना धन है, जितना 50 करोड़ हिंदुस्तानियों के पास है। एक तरफ 100 लोग, दूसरी तरफ हिंदुस्तान की आधी आबादी। उतना ही धन इनके पास, उतना ही धन इनके पास। पूरा हिंदुस्तान जानता है कि क्या हो रहा है। मैं हैरान हो जाता हूं कि लोग चुप रहते हैं। दिल बड़ा है उनका, मगर ऐसे देश नहीं चलाया जा सकता। तो ये समझने को मिला है मुझे।

On another question that 2024 is not very far, there are a lot of regional parties that have been talking about bringing the opposition together, when will the Congress take the lead in bringing the opposition together, Shri Gandhi said- Brother, you have to ask this to the Congress President. I have a view that the Congress Party must work with all the opposition parties. There is a lot of space to do that, but, the exact strategy for how it is going to be done, that you have to ask the new Congress President. I am actually not involved in that right now.

On another question that after this successful completion of 100 days of Bharat Jodo Yatra, is the Congress Party also planning to move from west to east in the country, Shri Gandhi said- अब देखते हैं। Let us see! But, you know, before I came to this press conference, I was having lunch with my friend here and I said to him that I bet you that the press will not ask the question on China. I said, मैं आपसे शर्त लगा लेता हूँ कि प्रेस वाले आज सब सवाल पूछेंगे, आगे-पीछे, दाँय- बाँय, यात्रा, सचिन पायलट, अशोक गहलोत, सब पूछेंगे, मगर चीन के बारे में एक सवाल नहीं पूछा जाएगा। जिन्होंने 2,000 वर्ग किलोमीटर हिंदुस्तान का उठा लिया, जिन्होंने हिंदुस्तान के 20 जवानों को शहीद किया, जो हमारे जवानों पर अरुणाचल प्रदेश में आक्रमण कर रहे हैं, मैंने कहा, हिंदुस्तान की प्रेस मुझसे इनके बारे में एक सवाल नहीं पूछेगी। सच था! सच था! ब्रदर, देश देख रहा है। ये मत सोचिए कि नहीं देख रहा है।

एक अन्य प्रश्न पर कि आपकी पार्टी भारत और चीन के मुद्दे को पार्लियामेंट में उठा रही है, लेकिन सरकार की तरफ से कहा जाता है कि कोई एक इंच भी हमारी जमीन नहीं ले सकता है, लेकिन उसके बावजूद भी इस तरह की घटना हो रही है, क्या कहेंगे, श्री गांधी ने कहा कि मुझे तो दिख रहा है, जो चीन का थ्रेट है और मुझे तो वो क्लियर है और मैं इसको 2-3 सालों से कह रहा हूँ, वो बिल्कुल क्लियर है और सरकार उसको छुपाने की कोशिश कर रही है, सरकार उसको इग्नोर कर रही है, मगर उस थ्रेट को न छुपाया जा सकेगा और न इग्नोर किया जा सकेगा। उनका पूरा प्रिपरेशन चल रहा है, उनका लद्दाख की साइड और अरुणाचल की साइड पूरा ऑफेन्सिव प्रिपरेशन चल रहा है। हिंदुस्तान की सरकार सोई हुई है। इस बात को हिंदुस्तान की सरकार सुनना नहीं चाहती, मगर उनका प्रिपरेशन चल रहा है और प्रिपरेशन युद्ध का है। प्रिपरेशन कोई इंकर्जन का नहीं है, प्रिपरेशन युद्ध का है।

अगर कोई इन बातों को समझता है, अगर उनका वैपन का पैटर्न देख लें, वो क्या कर रहे हैं, वहाँ पर, वो युद्ध की तैयारी कर रहे हैं और हमारी सरकार इस बात को छुपाती है और इस बात को शायद एक्सेप्ट नहीं कर पा रही है। हो क्यों रहा है, क्योंकि हिंदुस्तान की सरकार इवेंट बेस्ड काम करती है। हिंदुस्तान की सरकार स्ट्रेटिजिकली काम नहीं करती है। इवेंट बेस्ड काम करती है। वो सोचते हैं कि भईया, यहाँ पर एक इवेंट करो, यहाँ पर एक और इवेंट करो, मगर जब इंटरनेशनल रिलेशन्स की बात होती है, जियो स्ट्रेटजी की बात होती है, वहाँ पर इवेंट काम नहीं करता है, वहाँ पर शक्ति काम करती है। तो मैंने 3-4 बार बोला है कि सावधान रहना चाहिए। जो हो रहा है, उसको समझना चाहिए। उनकी बयानबाजी आती रहती है, मैं देखता हूँ, एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्टर बोलते रहते हैं, कहना नहीं चाहिए, मगर शायद उनको अपनी समझ गहरी करनी चाहिए।