“अबकी बार किसान सरकार” 2024 के लिए चुनावी नारा

21 December, 2022, 5:42 pm

कुरुक्षेत्र(21 दिसम्बर): आज दिनांक 21 दिसंबर 2022 को भारतीय किसान यूनियन(चढूनी )की एक राज्य स्तरीय मीटिंग जाट धर्मशाला कुरुक्षेत्र में गुरनाम सिंह चढूनी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।मीटिंग में किसानो की दशा में सुधार कैसे किया जाए इस पर विचार किया गया और तेलंगाना मॉडल पर चर्चा की गई गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव (KCR) ने उनकी पार्टी टीआरएस को बदलकर BRS(भारत राष्ट्र समिति) राष्ट्रीय पार्टी बना दिया है और गुरनाम चढ़ूनी ने उनका हाथ थामा है और गुरनाम चढ़ूनी को उन्होंने अपनी पार्टी भारत राष्ट्रीय किसान समिति का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। गुरनाम चढ़ूनी ने मीटिंग में बताया की उन्होंने पूरे देश के सभी राज्यो के कृषि मॉडल को देखा है जिसमे से उन्हें तेलंगाना का कृषि मॉडल बेहतरीन लगा है जिसे वहाँ के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव जी ने लागू किया है और तेलंगाना में सरकार द्वारा प्रत्येक किसान को प्रति एकड़ 10000₹,5 लाख का बीमा,कृषि के लिए 24 घंटे बिजली व अन्य सुविधाएँ दी जा रही है और सारी फ़सलो को MSP(न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर ख़रीदा जा रहा है ज़ौक़ी पूरे देश में और कहीं पर भी लागू नहीं है जिस कारण तेलंगाना का कृषि मॉडल पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ है जिसे पूरे देश में लागू किए जाने की ज़रूरत है ताकि देश के अन्नदाता किसान के आर्थिक हालात सुधर पाए। गुरनाम चढ़ूनी ने कहा की इसी कारण उन्होंने BRS पार्टी को ज्वाइन किया है ताकि देश भर में किसान हित में तेलंगाना मॉडल को लागू किया जा सके। चढ़ूनी ने कहा की सक्रिय राजनीति में भागीदारी किए बिना किसान हित के फ़ैंसले नहीं लिए जा सकते और आंदोलन करके केवल किसान विरोधी फ़ैंसलो को कुछ समय के लिए स्थगित करवाया जा सकता है किसान हित में कोई क़ानून नहीं बनाया जा सकता और आज देश की राजनीति में पूँजीपति हावी हो गए है जो कमेरे वर्ग का शोषण कर रहे है जिस कारण किसानो  का ख़ुद सक्रिय राजनीति में आना ज़रूरी हो गया है और 2024 में देश भर के किसानो को जागरूक कर देश में किसान सरकार बनाई जाएगी जिसका नारा होगा “अबकी बार किसान सरकार”

उपरोक्त बैठक में सभी किसान साथियों ने गुरनाम चढ़ूनी द्वारा लिए गए राजनीति में जाने वाले फैसले को सर्वसम्मति से माना। सभी किसानों ने गुरनाम सिंह को भारतीय किसान समिति का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की बधाई दी और स्वागत किया। वहीं गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने अपने संबोधन में आगे कहा की अब लड़ाई सड़क व संसद दौनो जगह लड़ी जाएगी और किसानो को विधान सभा व संसद में भी भेजा जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर आंदोलन भी किए जाएँगे और इसी कड़ी में 23 दिसंबर को कपास बेल्ट में कपास के बीज खराब होने के विरोध में भाकियू(चढ़ूनी) सभी जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपेंगे  और सरकार द्वारा गन्ने के भाव ना बढ़ाए जाने के विरोध में 29 दिसंबर 2022 को तारीख को सरकार के सभी विधायक व मंत्रियों के घर के सामने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जाएगा और सरकार के पुतले भी फूंके जाएंगे और अगर फिर भी सरकार गन्ने के भाव नहीं बढ़ाती है तो 5 जनवरी को सभी गन्ना मिलों की 3 घंटे के लिए सभी गन्ना तोल कांटे बंद किए जाएंगे, 10 जनवरी 2023  को किसान गन्ने की छिलाई बंद करेंगे और 12 जनवरी को किसान अपनी मर्जी से गन्ने की सप्लाई बंद करेंगे। इस उपरोक्त  बैठक में कर्म सिंह मथाना प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष, सुमन हूडा प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग
राकेश बैंस मीडिया प्रभारी ,प्रदेश प्रवक्त प्रिंस वडैच , महाबीर चहल कैथल,  मलकीत सिंह,  अंबाला, होशियार सिंह गिल पूर्व प्रधान कैथल ,समय संधु रेवाड़ी अन्य पदाधिकारी व सैंकड़ो किसना मौजूद रहे।