विनेश फौगाट ने दिलाया पहला गोल्ड, कॉमनवेल्थ-एशियाड दोनों में गोल्ड जीतने वाली एकमात्र

21 August, 2018, 11:49 am

प्री क्वार्टर में उस चीनी पहलवान सुन को हराया, जिससे भिड़ते हुए रियो ओलिंपिक में विनेश का पैर टूटा था।

जकार्ता, 21 अगस्त: चरखी दादरी के बलाली की 23 वर्षीय विनेश फौगाट एशियाड में गोल्ड जीतने वाली देश की पहली महिला रेसलर बन गई हैं। साथ ही एशियाड व कॉमनवेल्थ, दोनों में गोल्ड मेडलिस्ट एकमात्र महिला भी। कॉमनवेल्थ में देश को महिला कुश्ती का पहला गोल्ड चचेरी बहन गीता फौगाट ने दिलाया था। प्री क्वार्टर में विनेश ने चीन की सुन यानन को हराया। सुन से भिड़ते हुए रियो ओलंपिक में विनेश का पैर टूटा था। सालभर खेल से दूर रहीं। यह विनेश का इस साल तीसरा इंटरनेशनल मेडल है। मार्च में एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर, अप्रैल में कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीता।

फ्री स्टाइल पहलवान विनेश (62 किग्रा.) ने पहले राउंड (3 मिनट) में 4-0 से बढ़त बना ली थी। 5वें मिनट में ज्यादा डिफेंसिव होने से जापानी पहलवान युकी को 1 अंक मिला। विनेश ने 1 अंक फिर गंवाया, पर मैच खत्म होने से 3 सेकंड पहले दो अंक जोड़कर 6-2 से जीत दर्ज कर ली।

विनेश फौगाट ने कहा कि जिस खिलाड़ी के खिलाफ चोट लगने से रियो ओलिंपिक से बाहर हुई थी, एशियाड में उसी के साथ खेल से शुरुआत हुई। इससे ताकत मिली। विजन क्लियर था कि गोल्ड से कम कुछ नहीं चलेगा। अपना स्वभाविक खेल खेला, जिससे जीत मिली।

कुश्ती में 200 दांव प्रचलन में, सबसे खतरनाक फितले : फितले दांव 100 साल से भी पहले भारत में ही इजाद हुआ। ये उस समय लगाया जाता है, जब विरोधी सीने के बल हो। इस स्थिति में पहलवान के दोनों पैरों के पंजे पकड़कर उसे लगातार पलटी देकर चित किया जाता है। हालांकि, सभी पहलवान इसका प्रयोग नहीं कर पाते। इसकी खासियत ये है कि अभी तक दुनिया में कहीं भी इसका तोड़ नहीं निकल पाया है।