शनिचरी, सायरा बानो और सुजातो क्रिस्टी' को मिलेगा "कथा रंग शिखर सम्मान-2021-22" : सुभाष चंदर


गाजियाबाद। वरिष्ठ साहित्यकार सुभाष चंदर ने "कथा रंग सम्मान-2021-22" की घोषणा करते हुए कहा कि स्पर्धा में शामिल कहानियों की गुणवत्ता से साबित होता है कि नए लेखकों में लेखन की असीम संभावनाएं छिपी हुई हैं। जिसे उचित मंच पर उद्घाटित किया जाना शेष है। उन्होंने कहा कि 'कथा रंग' के कथा संवाद से आगे की यह यात्रा यहीं नहीं थमेगी बल्कि कोशिश रहेगी कि इसका अगला पड़ाव लिटरेरी फेस्ट के रूप में सामने आए।
चयनकर्ताओं के निर्णय से अवगत कराते हुए श्री चंदर ने बताया कि शोभनाथ शुक्ल की कहानी 'शनिचरी, सायरा बानो और सुजातो क्रिस्टी' को 11 हजार रुपए की राशि सहित "कथा रंग शिखर सम्मान" प्रदान किया जाएगा। श्री चंदर ने कहा कि कहानियों की गुणवत्ता के मद्देनजर पुरस्कारों की संख्या में वृद्धि की गई है। वंदना जोशी की 'नगर ढिंढोरा' और आशा पांडे की 'हारा हुआ राजा' को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 51-51 रुपए की राशि प्रदान किए जाएगी। अखिलेश श्रीवास्तव 'चमन' की 'संशय की एक रात', सिनीवाली की 'रहो कंत होशियार', रजनी शर्मा बस्तरिया की 'छतरी वाले अक्षर', देवांशु पाल की 'लोक बाबू जिंदा हैं' व निधि अग्रवाल की कहानी 'शोक पर्व' को तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21-21 सौ रुपए प्रदान किए जाएंगे।
श्री चंदर के अनुसार कहानियों की गुणवत्ता के आधार पर 15 कहानियों का चयन 'सर्जना पुरस्कार' के लिए किया गया है। जिसमें आशीष दशोत्तर की 'चे, पो और टिहिया', निर्देश निधि की 'मैं ही आई हूं बाबा', अजय गोयल की 'गिनी पिग', रख्शंदा रूही मेहंदी की 'तेरी खामोशी है अभी', संध्या यादव की 'प्रारब्ध', महावीर उत्तरांचली की 'मां', अंजू शर्मा की 'उसके हिस्से का आसमान', संजय सिसोदिया की 'दादी मां और ड्राई फ्रूट्स', उर्मिला शुक्ला की 'साल वनों के साए', चंद्रकांता की 'जनाना', सुभाष अखिल की 'माफीनामा', अमिता दुबे की 'शिला', नीलम राकेश की 'ग्रहण', मलय जैन की 'शालिग्राम की नत बहू' और रिंकल शर्मा की 'पीछे मुड़ना' कहानियां शामिल हैं। श्री चंदर ने कहा कि सभी पुरस्कृत रचनाकारों के समानार्थ अलंकरण समारोह अगले माह आयोजित किया जाएगा। उन्होंने निर्णायक मंडल में शामिल वरिष्ठ कथाकार से. रा. यात्री और महेश दर्पण का आभार व्यक्त किया। अपने वक्तव्य में श्री चंदर ने कहा कि 'कथा रंग' के संयोजक शिवराज सिंह और आलोक यात्री के प्रयास से साहित्य निरंतर समृद्ध हो रहा है।