मोदी-शाह ने मध्यप्रदेश से पूछा- महागठबंधन से क्या होगा

28 August, 2018, 3:46 pm

भोपाल,28 अगस्त: विधानसभा चुनावों के साथ-साथ भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अभी से लोकसभा चुनाव को लेकर भी गंभीर दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 28 अगस्त को सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया है, जिसमें मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर फीडबैक लेने की तैयारी है।

 

पहला, लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सीटों की स्थिति व राजनीतिक समीकरण क्या होंगे और दूसरा विपक्षी दलों के महा-गठबंधन से प्रदेश में क्या स्थिति बनेगी। शाह इन दोनों बिंदुओं पर इसलिए भी गंभीर हैं क्योंकि मई में यदि लोकसभा के चुनाव होते हैं तो उस हिसाब से सिर्फ आठ माह का वक्त बच रहा है। मुख्यमंत्रियों की बैठक से साफ है कि भाजपा चुनाव से पहले ही महा-गठबंधन का तोड़ निकालना चाह रही है।

मप्र समेत राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव नवंबर में प्रस्तावित हैं। इसमें मप्र-राजस्थान में बसपा के साथ कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है, जिसका असर लोकसभा में भी पड़ सकता है, इसलिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अभी से तैयारी कर रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मप्र में कांग्रेस और बसपा का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। चर्चा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ तय समय पर इसका ऐलान कर सकते हैं।

 यह गठबंधन विधानसभा चुनाव तक के लिए है या लोकसभा में दिखाई देगा, इस पर फिलहाल स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी मुश्किल भी इसी गठबंधन को लेकर है। जहां तक लोकसभा सीटों का सवाल है तो 2014 के चुनाव में भाजपा 29 में से 27 सीटों पर विजय रही थी। बाद में झाबुआ-रतलाम संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया जीत गए। इस समय मप्र में 26 पर भाजपा और 3 सीटें कांग्रेस के पास हैं। यह आंकड़ा 2019 के चुनाव में बरकरार रहेगा या नहीं, अमित शाह प्रदेश नेतृत्व से जानकारी ले सकते हैं। पार्टी यह जानकारी भी देगी कि 2009 के आम चुनाव में भाजपा के पास 16 सीटें थीं। कांग्रेस 12 पर और एक सीट बसपा के खाते में गई थी।

 

अमित शाह के जबलपुर दौरे के समय ही प्रदेश संगठन ने लोकसभा के लिए भी चुनाव प्रबंधन कमेटी की घोषणा कर दी है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इसके भी संयोजक बनाए गए हैं। सितंबर में शाह अपने दौरे में विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी रणनीति को अंतिम रूप देंगे।

मप्र से अलग बात करेंगे शाह : लोकसभा चुनावों की चर्चा के बाद अमित शाह मप्र के मामले में अलग से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानसे चर्चा कर सकते हैं। इसमें जन आशीर्वाद यात्रा से लेकर तमाम कमेटियों का फीडबैक सीएम शाह को देंगे। साथ ही शाह अपने आगामी दौरे को लेकर मुख्यमंत्री से बात कर सकते हैं।