विधानसभा में गूंजा स्कॉलरशिप स्कैम: गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों को बांटी स्कॉलरशिप, बिना पूछे खोले अकाउंट

शिमला,30 अगस्त: शिक्षा विभाग में हुए करोड़ों के स्कॉलरशिप घोटाले का मामला बुधवार को विधानसभा में भी गुंजा। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में इस पर वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग राज्य और केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित स्कॉलरशिप का आबंटन करना है। सरकार के पास स्कॉलरशिप में अनियमितता बरतने की शिकायतें आई।
यह शिकायतें कैबिनेट मंत्रियों और कुछ छात्रों की तरफ से आई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिकायतों के आधार पर जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से करवाने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जांच में सामने आया है कि कुछ छात्रवृत्तियों का आबंटन गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों और गैर मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को दी गई। छात्रों की जानकारी के बगैर ही उनके बैंक अकाउंट खोले गए।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज ने बताया कि स्कॉलरशिप के लिए कई आवेदन ऐसे थे जिनमें एक ही बैंक अकाउंट का विवरण दिया गया था। इनमें एक अकाउंट ऐसा है जिसके सभी अंक 0 थे। यानि बैंक अकाउंट के सभी डिजिट जीरो ही थे।
आवेदन की डेट खत्म होने के बाद खोला ई-पास वेब पोर्टल |शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्ष 2013-14 में इसके लिए एचपी-ई पास पोर्टल बनाया गया। इसका मकसद स्कॉलरशिप आबंटन में पूरी पारदर्शिता करना था। जांच में सामने आया है कि एचपी-ई पास पोर्टल को निर्धारित अंतिम तिथि के बाद बिना समक्ष प्राधिकारी के द्वारा खोला गया।
सामान्य वर्ग के छात्र को अनुसूचित जाती की श्रेणी की छात्रवृत्ति दी गई, कई संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में अधिकतम आबंटित छात्र संख्या के अधिक संख्या में छात्रवृत्ति दी गई। प्रार्थना पत्रों की संख्या से अधिक संख्या में छात्रवृत्तियों का वितरण किया गया। योजना के अनुसार मेंटिनेंस अलाउंस छात्रों को नहीं दिया गया।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि जांच में सामने आया है कि स्कॉलरशिप के लिए जो आवेदन आए उसमें एक ही मोबाइल नंबर दिया गया था। कई आवेदनों में प्रणाम पत्र भी संदिग्ध थे। किसी भी संस्थान को किसी पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष में संबंधित प्रथम वर्ष की छात्रवृति संख्या का 50 फीसदी नवीनीकरण जरूरी है। किसी भी संस्थान के लिए यह नहीं किया गया।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार के पास कई शिकायतें पहुंची है। इसमें कुछ शिकायतें मंत्रियों की तरफ से आई है। कुछ शिकायतें 10 साल पुरानी भी है। आबंटन में भारी अनियमितता बरती गई है।