चिकित्सा व्यवस्था चरमराई / पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, 5 मरीजों की मौत, 5 ऑपरेशन टले

पटना, 25 सितंबर: पीएमसीएच में सोमवार को एक मरीज के परिजनों ने शिशु विभाग में ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर की पिटाई कर दी। घायल जूनियर डॉक्टर डॉ. दीनानाथ सिंह को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। इससे नाराज जूनियर डॉक्टरों ने पहले तो कार्य बहिष्कार किया, फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। हड़ताल की वजह से ओपीडी और इमरजेंसी में स्वास्थ्य सेवा बाधित हुई। 5 आॅपरेशन स्थगित करने पड़े। एक बच्चा समेत 5 मरीजों की मौत हो गई।
मात्र दो डॉक्टर से चलाया जा रहा काम
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जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी और अलार्म सिस्टम व सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं होगा, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। अस्पताल प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति अनिल कुमार को गिरफ्तार किया है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से दोपहर बाद से मरीजों की फजीहत शुरू हो गई। जहां आठ डॉक्टर तैनात रहते हैं, वहां दो से काम चलाया जा रहा है। इमरजेंसी में कुछ मरीजों को भर्ती भी नहीं किया गया। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि सीनियर रेजिडेंट और इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टरों को तैनात कर दिया गया है। सिविल सर्जन से भी डॉक्टरों की मांग की गई है।
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डॉक्टरों के मुताबिक, रविवार की रात 2 बजे खगौल के अनिल कुमार के 12 साल के बेटे आदित्य राज को इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। उसे सांप ने काटा था। उसे सुबह तक 20 वायल एंटी स्नेक वेनम (एएसवी) चलाया गया। एक वायल की कीमत करीब 4 हजार रुपए है। करीब 80 हजार रुपए की दवा उसे चढ़ाई गई। बच्चे की हालत में सुधार भी हो गया था। इसी बीच, सुबह करीब 8 बजे परिजन बच्चे को प्राइवेट अस्पताल ले जाना चाहते थे। इस पर ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉ. दीनानाथ सिंह ने कहा कि साइन कर दीजिए और बच्चे को ले जाइए। परिजन साइन करना नहीं चाहते थे और बीएसटी (अस्पताल का कागजात) देने की मांग कर रहे थे। इस पर उन्हें बताया गया यह अस्पताल का कागजात है। इस पर परिजन भड़क गए व पिटाई कर दी।
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परिजनों का आरोप है कि बच्चे को सीनियर डॉक्टर देखने नहीं आए। उसकी हालत में सुधार नहीं दिख रहा था। इसी वजह से वे लोग उसे कहीं और इलाज के लिए ले जाना चाहते थे। विभाग के हेड डॉ. एके जायसवाल ने कहा कि परिजनों का आरोप बेबुनियाद है। रात में उसे सीनियर डॉक्टर ने देखा। वह डॉ. विनोद सिंह की यूनिट में भर्ती था। सुबह में उसका हार्ट और बीपी नार्मल था। फिर भी परिजन बिना साइन किए उसे प्राइवेट अस्पताल में ले जाना थे। कागजात भी लेना चाहते थे। जिस डॉक्टर की परिजनों ने पिटाई उन्हें हाल ही हार्ट अटैक आया था और स्टेंट लगा हुआ है। उनके नाक से खून निकलने लगा और गाल व गले में चोट लगी है।
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जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शंकर भारती ने बताया कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना होगा। अलार्म और पास सिस्टम लागू करना होगा, जिससे मरीज के दो ही परिजन अंदर जा सकें। डर के साय में कैसे इलाज होगा? इलाज भी करो और परिजन से मार भी खाओ। घटना के वक्त गार्ड की तलाश करनी पड़ती है। वहीं प्राचार्य डॉ. अजित कुमार वर्मा व अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने जूनियर डॉक्टरों के साथ के साथ देर शाम तक बैठक की। लेकिन, वे अपनी मांग पर अडिग रहे।