कुरुक्षेत्र के 48 कोस में महाभारत काल के 134 तीर्थों को डेवलप करेगी सरकार

हरियाणा, 29 सितम्बर: कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में पड़ने वाले महाभारतकालीन महत्वपूर्ण 134 तीर्थ स्थलों काे राज्य सरकार डेवलप करेगी। ये तीर्थ स्थल कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत और जींद जिले में पड़ते हैं। इन सभी तीर्थों का महाभारत, रामायण व वामन पुराण में भी जिक्र आता है।
शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल ने खुद करनाल जिले के 13 तीर्थों का दौरा कर इनके विकास के लिए 18.39 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। सीएम ने सभी तीर्थ स्थलों पर पूजा अर्चना कर पौधारोपण भी किया। इससे पहले वे कुरुक्षेत्र के 14 तीर्थों के विकास की भी घोषणा कर चुके हैं। सीएम जल्द ही बाकी तीर्थों का भी दौरा कर सकते हैं। तीर्थ स्थलों के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर डेवलपमेंट के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
सीएम ने कहा कि श्रद्धालुओं को कुरुक्षेत्र की 84 कोस की परिधि में पड़ने वाले पांचों जिलों के तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराने के लिए 2 विशेष बसें चलाई हैं। इनकी शुरुआत शुक्रवार कुरुक्षेत्र से की गई है।
सीएम ने इन तीर्थों का किया दौरा :
सीएम ने विमलसर तीर्थ सग्गा से दौरे की शुरुआत की। इसके बाद पराशर तीर्थ बहलोलपुर, वेदवती तीर्थ सीतामाई, व्यास स्थली बस्थली, त्रिगुणानंद तीर्थ गुनियाना, मित्रक तीर्थ निसिंग, गौतम ऋषि तीर्थ,गवेंद्र तीर्थ गोंदर, दक्षेश्वर तीर्थ डाचर, जमदग्रि कुंड जलमाना, धनक्षेत्र तीर्थ असंध, दशाश्वमेघ तीर्थ सालवन, कोटि तीर्थ कुरनल तथा पंचदेव तीर्थ पाढा का दौरा किया।
तीर्थ स्थलों के विकास का खाका तैयार : महिमा पट्ट, शौचालय, महिलाओं के लिए अलग घाट, सुविधाजनक सीढ़ियों का निर्माण, सरोवरों में जल निकासी का प्रबंध, चारदीवारी, पार्किंग व्यवस्था तथा हाईमास्क लाइटें लगवाई जाएंगी।
पर्यटन : महाभारतकालीन इतिहास से जुड़े तीर्थों को डेवलप कर धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करना। इन तीर्थ स्थलों को इसी मकसद से डेवलप करने की योजना है।
पॉलिटिक्स : जीटी बेल्ट के साथ जींद, कैथल में भी पैठ बनाने की तैयारी। हालांकि, सरस्वती नदी काे पुनर्जीवित करने का प्रपोजल अब तक धरातल पर नहीं उतर पाया है।