पंजाब मक्की की फ़सल पर बूंद सिंचाई को करेगा उत्साहित - पन्नू

चंडीगढ़, 10 जून:
स्थायी जल प्रबंधन की तरफ ध्यान केंद्रित करते हुये पंजाब सरकार द्वारा तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत मक्की की फ़सल पर बूंद सिंचाई को उत्साहित करने की योजना बनायी गई है। यह जानकारी मिशन डायरैक्टर, तंदुरुस्त पंजाब मिशन स. के.एस. पन्नू ने दी।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 1.50 लाख हेक्टेयर भूमि पर मक्की की फ़सल की बिजाई का लक्ष्य निश्चित किया गया है। इस सीजन के दौरान 1000 एकड़ भूमि में मक्की की फ़सल पर माईक्रो सिंचाई का पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया जायेगा।
मक्की की फ़सल पर बूंद सिंचाई सम्बन्धी विस्तृत जानकारी देते हुये मिशन के डायरैक्टर ने बताया बूंद सिंचाई के अंतर्गत मक्की की 1000 एकड़ फ़सल में से 900 एकड़ भूमि सतही आधारित बूंद प्रणाली जबकि 100 एकड़ उप-सतही आधारित बूंद प्रणाली के अधीन होगी। उन्होंने यह भी बताया कि 4 माईक्रो सिंचाई कंपनियों द्वारा मक्की की फ़सल पर बूंद सिंचाई सम्बन्धी हरेक 10 एकड़ क्षेत्र में नमूने /नुमायशें भी लगाईं जाएंगी।
आगामी वर्षोंं में राज्य को पेश आने वाली संभावित जल स्रोत चुनौतियों के मद्देनजऱ उन्होंने अधिकारियों को फ़सल की सिंचाई के अन्य विकल्पों पर सख्त कार्य करने के लिए भी कहा।
प्रमुख सचिव भूमि संरक्षण, धर्मिन्दर कुमार का मानना है कि बूंद सिंचाई प्रणाली से सिफऱ् पानी की बचत ही नहीं होगी बल्कि इससे फ़सल की पैदावार में भी वृद्धि होगी और विभाग यह मुहिम बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए तैयार है।
पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के माहिरों ने बताया कि उनकी तरफ से मक्की-गेहूँ -मूँग की दाल फ़सल चक्कर पर उप -सतही बूंद सिंचाई प्रणाली के सफल परीक्षण किये गए हैं और इसको बड़े स्तर पर उत्साहित किया जायेगा।
कंपनियों ने माईक्रो सिंचाई पर 12 फीसदी जी.एस.टी. की शर्त को ख़त्म करने की भी विनती की।
जि़क्रयोग्य है कि भूमि संरक्षण विभाग द्वारा इस सीजन के दौरान कपास की फ़सल पर भी माईक्रो सिंचाई का पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत 200 एकड़ कपास की फ़सल को बूंद सिंचाई प्रणाली अधीन लाया गया है।