जल स्रोत संरक्षण के लिए पंजाब द्वारा इजऱाइल की राष्ट्रीय कंपनी के साथ समझौता

12 June, 2019, 5:28 pm

चंडीगढ़, 12 जून:

भूजल के गिर रहे स्तर की समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार द्वारा इजऱाइल की राष्ट्रीय जल कंपनी एम/एस मैकोरोट के साथ समझौता किया गया है। इस समझौते के अंतर्गत राज्य में जल स्रोतों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए वाटर कंजऱवेशन एंड मैनेजमेंट मास्टर प्लान (डब्ल्यूू.सी.एम.एम.पी.) तैयार किया जायेगा।
जि़क्रयोग्य है कि इजऱाइल विश्व का अकेला देश है, जो अपने वेस्ट वाटर का 80 फ़ीसदी से भी अधिक पुन: प्रयोग में लाता है। इस समझौते के मुताबिक, इस कंपनी द्वारा 18 महीनों में सुझाव दिए जाएंगे और मास्टर प्लान अक्तूबर, 2020 तक सौंपे जाने की संभावना है।

इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत इजऱाइल के माहिरों की तीन सदस्यीय टीम 14 जून, 2019 तक पंजाब के दौरे पर आई है, जिसके  द्वारा राज्य में जल स्रोतों की मौजूदा स्थिति और इसको पेश चुनौतियों संबंधी जानकारी एकत्रित की जायेगी।

यहाँ पंजाब भवन में आज इस टीम के साथ डायरैक्टोरेट ऑफ ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट के मिशन डायरैक्टर श्री अरुनजीत सिंह मिगलानी के नेतृत्व अधीन जल स्रोत, कृषि और किसान कल्याण, जल सप्लाई और सेनिटेशन, पीएसपीसीएल, भू और जल संरक्षण विभागों के तकनीकी माहिरों द्वारा विचार -विमर्श किया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और सैंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के माहिरों ने भी इस सैशन में हिस्सा लिया।

मिशन डायरैक्टर श्री मिगलानी ने ज़ोर देकर कहा कि जल स्रोतों की समय पर और असरदार ढंग के साथ संभाल न किये जाने की सूरत में कृषि प्रधान राज्य पंजाब के लिए बेहद गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह राज्य की मौजूदा जल समस्या के हल के लिए वचनबद्ध हैं।

इजऱाइल के इंटरनेशनल स्पैशल प्रोजैक्ट्स कोऑरडीनेटर डा. डिएगो बर्जर ने उनके देश में जल स्रोत प्रबंधन प्रणाली संबधी प्रैज़ेनटेशन दी। उन्होंने बताया कि 1948 में स्वतंत्र हुए इजऱाइल ने 1955 में वाटर मैनेजमेंट लॉ बनाया, जिसने राज्य को हरेक सैक्टर को सप्लाई किये गए पानी का हिसाब-किताब रखने का अधिकार दिया। इसके बाद 1959 में इजऱाइल वाटर लॉ लागू किया गया, जिसने राज्य को पानी की कीमत निर्धारित करने का अधिकार दिया।

इस दौरान चीफ़ इंजीनियर कैनालज़ श्री जगमोहन सिंह मान और चीफ़ इंजीनियर ड्रेनेज एंड माइनिंग श्री संजीव गुप्ता ने इजऱायली टीम को राज्य में मौजूदा सिंचाई और बाढ़ प्रबंधन के बुनियादी ढांचे संबंधी जानकारी दी और चुनौतियों संबंधी बताया। सी.जी.डब्ल्यू.बी. के क्षेत्रीय डायरैक्टर श्री अनूप नागर और जल स्रोत विभाग के मुख्य इंजीनियर हरमिन्दर सिंह अरोड़ा ने इजऱायली माहिरों को राज्य में भूजल के गिर रहे स्तर संबंधी अवगत करवाया।

प्रोजैक्ट मैनेजर श्री नीव पिंटो ने राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा जल प्रबंधन सैक्टर संबंधी आंकड़े मुहैया करवाने और जल प्रबंधन की चुनौतियों संबंधी जानकारी सांझी करने में दिए सहयोग के लिए प्रशंसा की। इजऱाइल के माहिरों की टीम द्वारा जल स्रोत विभाग के अफ़सरों को साथ लेकर अगले तीन दिनों के दौरान राज्य के मौजूदा जल स्रोतों और बुनियादी ढांचे संबंधी जानकारी प्राप्त की जायेगी।