क्रोध में करोलबाग के कारोबारी

16 June, 2019, 12:00 pm

दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के मशहूर करोलबाग में व्यापारी आजकल बेहद गुस्से में हैं। अजमल ख़ां रोड पर वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला उन पर आफ़त बन कर टूटा है। सड़क पर आवाजाही तो आसान हो गई है, लेकिन मुद्दत से यहां कारोबार कर रहे व्यापारियों के चेहरे मुरझा गए हैं। उनका कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे अपने गुस्से का इज़हार ज़रूर करेंगे।

करोलबाग के अजमल ख़ां रोड पर आजकल पहले के मुक़ाबले शांति तो है, लेकिन यहां करोबार करने वालों के दिलों में गुस्से का तूफ़ान मचल रहा है। वाहनों से फ्री करोल बाग के अजमल खां रोड का नज़ारा भले बदल गया है, लेकिन बहुत से व्यापारियों का सुकून छिन गया है। देश की ये पहली ऐसी सड़क है, जिस पर अब आप कार नहीं ले जा सकते। ड़ेढ किलोमीटर की इस सड़क पर जगह-जगह खंभे गाड़ दिए गए हैं और बैंचें लगा दी गई हैं, ताकि ग्राहक बिना भीड़-भड़क्के के बाजार में शॉपिंग करें और आराम से बैठ सकें। ज़ाहिर है कि पैदल बाज़ार आने वाले ग्राहकों की तो बल्ले-बल्ले हो गई कि शॉपिग के साथ ही वे बच्चों के साथ सुकून के कुछ पल बिता पा रहे हैं, लेकिन एमसीडी का ये क़दम व्यापारियों को बिल्कुल रास नहीं आ रहा है। उनका आरोप है कि उनकी दुकानों पर ग्राहकों की संख्या घट गई है। दिन भर इंतजार करते रहते हैं कि कब उनकी बौनी होगी। पिछले एक महीने से ज्यादातर दुकानों की सेल आधी रह गई है।

दुकानदारों का दावा है कि अमीर ग्राहकों ने अजमल ख़ां रोड से ख़रीददारी बंद कर दिल्ली के दूसरे बाजारो का रूख़ कर लिया है। करोलबाग में जो भी भीड़ बाजार में दिख रही है, वो तहबाज़ारी के तहत लगी दुकानों पर खरीदारी करने पहुंच रहे हैं।

दुकानदारों के साथ-साथ ग्राहक भी वाहनों के पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। बाजार में ख़रीददारी करने आए लोगों का कहना है कि कम से कम बुज़ुर्गों और दिव्यांगों के लिए आने-जाने की कुछ व्यवस्था की जानी चाहिए। 

दूसरी तरफ़ एमसीडी का दावा है कि ग्राहकों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है।  वाहनों के लिए शास्त्री पार्क में पार्किंग बनाई गई है। चलिए आपको दिखाते हैं  शास्त्री पार्क जिसमें कारें खचा-खचा भरी  हुई हैं। ये दूसरी बात है कि एमसीड़ी कई साल से इसे मल्टी पार्किग बनाने का दावा करते हुए नहीं थक रही है।

दरअसल, मास्टर प्लान 2021 के तहत अजमल ख़ां रोड पर पार्किंग के नाम पर व्यापारियों से तकरीबन 100 करोड़ रुपए जुटाए गए थे। इस सड़क को मोटरेबल रोड की श्रेणी में रखा गया था। लेकिन एमसीसीडी ने आनन-फानन में इसे नो-एंट्री ज़ोन बना दिया। व्यापारियों का आरोप है कि एमसीडी ने वाहन फ्री ज़ोन बनाने से पहले उन्हें विश्वास में नहीं लिया। 

करोलबाग के व्यापारी एमसीडी के इस क़दम के ख़िलाफ़ लांमबद हो रहे हैं। उनके समर्थन में कई फैडरेशन आ गई हैं।

भीड़भाड़ कम करने और प्रदूषण पर लगाम लगाने के इरादे से उठाए गए इस क़दम से करोलबाग इलाक़े में नई बहस छिड़ गई है कि बाजार की सुंदरता ज़रूरी है या फिर व्यापारियों के घर चलाने के लिए कमाई।

व्यापारी अपनी सेल घटने का हवाला देकर एमसीडी के ख़िलाफ़ आंदोलन तेज़ करने का ऐलान कर रहे हैं। वहीं एमसीडी अजमल ख़ां पार्क के वाहन-फ्री बाज़ार का मॉडल दूसरे कई बाज़ारों में भी लागू करने का मन बना रही है।