माँ के दूध की महत्ता संबंधी साप्ताहिक प्रोग्राम नवजात बच्चे को 1 घंटे में माँ का दूध पिलाने से निमोनिया और डायरिया के खतरे से होता है बचाव

चंडीगढ़, 2 अगस्त:
माँ के दूध की महत्ता और कुदरती गुणों के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब द्वारा 1 से 7 अगस्त तक साप्ताहिक प्रोग्राम की शुरुआत की गई है जिसका मुख्य मंतव्य गर्भवती महिलाओं और माताओं को दूध के कुदरती गुणों संबंधी सचेत करना है जिससे अस्पतालों में नवजात बच्चों को 1 घंटे के दौरान माँ का दूध पिलाकर जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित किया जा सके।
इस संबंधी और जानकारी देते हुए राज्य स्तरीय समारोह के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि आज के टैक्रॉलॉजी और हाई-टैक युग में भी महिलाओं को माँ के दूध की महत्ता सम्बन्धी जागरूक करने की ज़रूरत है जिससे जानलेवा परन्तु काबू की जा सकने वाली बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण के अनुसार (2015-16) नवजात बच्चों को दूध पिलाने के मामले में 10 सालों के दौरान पंजाब में केवल 18 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया था जो कि निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले काफ़ी कम है।
जिसको ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने 27 जुलाई, 2017 को ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ की शुरुआत की है जिसके द्वारा स्टाफ नर्सों की तरफ से बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए माताओं को दूध की महत्ता और अन्य जानकारी मुहैया करवाई जाती है। इस ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ के लागू होने से माँ-बच्चे के स्वास्थ्य सम्बन्धी दी जाने वाली जानकारी में 130 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि माँ के दूध सम्बन्धी और जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में हिदायतें जारी की गई हैं कि यह यकीनी बनाया जाये कि चाहे महिला की डिलीवरी ऑपरेशन से हुई हो तो भी नवजात बच्चे को 1 घंटे के दौरान माँ का दूध पिलाया जाये जिससे बच्चे को ख़तरनाक जानलेवा बीमारियों से समय पर बचाया जा सके जबकि बच्चे को दूध पिलाने से महिलाओं का छाती और अंडेदानी के कैंसर से बचाव हो जाता है।
उन्होंने बताया कि जन्म के 1 घंटे के दौरान माँ का दूध पीने से बच्चे में निमोनिया होने का ख़तरा 23 प्रतिशत कम हो जाता है जबकि माँ का दूध न पिलाने के मामले में डायरिया होने का ख़तरा 3 गुणा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि 1 घंटे के दौरान माँ के दूध का सेवन न होने से 6 महीने तक बच्चे की जान को ख़तरा बना रहता है।