मुख्यमंत्री द्वारा पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 100 करोड़ रुपए का ऐलान

रूपनगर, 19 अगस्त:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में तत्काल तौर पर किये जाने वाले राहत और पुर्नावास कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपए का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पानी का स्तर घटने के तुरंत बाद विशेष गिरदावरी करवाई जायेगी जिससे पीडि़त किसानों को उपयुक्त मुआवज़ा देना यकीनी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह ऐलान रूपनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान किये जहाँ उन्होंने आज पिछले 72 घंटों से मुसलाधार बारिश के साथ हुए नुकसान का जायज़ा लिया और बाढ़ से प्रभावित लोगों के साथ मुलाकात की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लुधियाना जि़ले में छत गिरने से तीन व्यक्तियों की मौत हो जाने की घटना पर दुख प्रकट किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीनियर अधिकारियों के साथ राज्य में बाढ़ से पैदा हुई स्थिति का जायज़ा लिया। ड्रेनेज के चीफ़ इंजीनियर ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि ब्यास और रावी नदीयों की समुची स्थिति काबू में है। हालांकि सतलुज नदी के साथ लगते इलाकों और फिऱोज़पुर में हरीके हैड्ड वर्कस में नदी के बहाव वाले इलाकों में ख़तरा मंडरा रहा है। मीटिंग के दौरान यह भी बताया गया कि भाखड़ा डैम में पानी का स्तर बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ा गया था जो मौजूदा समय में 1681.23 फुट पर बह रहा।
इससे पहले मुख्यमंत्री चण्डीगढ़ से रूपनगर तक सडक़ के रास्ते गए और उन्होंने स्थिति को गंभीर बताते हुए और स्थानीय निवासियों को हर संभव सहायता मुहैया कराने का भरोसा दिया। उनको स्थानीय अधिकारियों ने भाखड़ा डैम के साथ लगते इलाके से पानी के तेज़ बहाव से खड़ी फसलों, घरों, सार्वजनिक संपत्तियों और पशुधन को हुए नुक्सान बारे अवगत करवाया।
आई.आई.टी. रूपनगर के विद्यार्थियों जिनको भारी बाढ़ के कारण वहाँ से हटाना पड़ा, के साथ बातचीत के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य प्रशासन को हुक्म दिए कि उनके फिर से कैंपस जाने तक इनके रहन-सहन का प्रबंध पंजाब भवन और किसान भवन में करने को यकीनी बनाया जाये। आई.आई.टी. की डायरैक्टर की विनती को स्वीकार करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने मुख्य प्रमुख सचिव को साझे तौर पर एक योजना बनाने के लिए कहा जिससे भविष्य में बाढ़ से इस कैंपस को किसी तरह के नुक्सान को टालने के लिए ठोस और प्रभावशाली ड्रेनेज सिस्टम यकीनी बनाया जा सके।
रूपनगर हैड्ड वर्कस का दौरा करने के बाद गाँव शामपुरा में ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने वहाँ झुग्गी -झोंपड़ी वालों के दुख-तकलीफ़ें सुनी और जि़ला प्रशासन को संकट की इस घड़ी में पीडि़त परिवारों को अपेक्षित मदद मुहैया करवाने के लिए कहा। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर को स्थिति आम की तरह होने तक हालात पर नजऱ रखने के लिए भी कहा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जि़ला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल करके स्वास्थ्य जांच कैंप भी लगाया जिससे पानी से होने वाली बीमारियों के हमले को रोका जा सके। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने पशु पालन विभाग को हिदायत की कि ज़रूरतमंदों को पशूओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के अलावा उनके लिए चारे की स्पलाई को यकीनी बनाने के लिए उचित प्रबंध किये जाएँ।
खैराबाद गाँव में बाढग़्रस्त सडक़ के द्वारा जाकर मुख्यमंत्री लोगों के साथ घुलमिल गए और उनकी दुख -तकलीफ़ों को धीरज के साथ सुना और इसके जल्द ही हल का भरोसा दिया।
मुख्यमंत्री के पहुँचने पर डिप्टी कमिश्नर ने उनको बताया कि मूसलाधार बारिश के कारण बीते दिन रोपड़ हैड वर्कस से 2,50,000 क्यूसिक पानी छोड़ा गया और इसके अलावा नदियाँें-नालों में पानी का स्तर बहुत ज़्यादा बढ़ गया था। स्वान नदी (90,000 क्यूसिक), सिरसा नदी (60,000 क्यूसिक) बुद्धकी नदी (20,000 क्यूसिक) दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि जि़ला प्रशासन ने पुलिस, राष्ट्रीय आपदा राहत बल और ग़ैर -सरकारी संस्थाओं के सहयोग से 45 गाँवों में से 600 से अधिक परिवारों को सुरक्षित बचाया। उन्होंने बताया कि इन हालात में जानी नुक्सान की चाहे कोई रिपोर्ट नहीं परन्तु फसलों और पशुधन का बहुत नुक्सान हुआ जिसका अनुमान लगाया जा रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह, तकनीकी शिक्षा और पर्यटन मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, आनंदपुर साहिब से संसद मैंबर मनीष तिवाड़ी और रूपनगर से विधायक अमरजीत सिंह सन्दोआ के अलावा मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत किरपाल सिंह, रूपनगर के डिप्टी कमिश्नर सुमित जारंगल और रूपनगर के जि़ला पुलिस प्रमुख स्वप्न शर्मा उपस्थित थे।
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